कर्नाटक के बेलगावी जिले के अथानी में रविवार को मराठा शिरोमणि छत्रपति शिवाजी महाराज की 25 फुट ऊँची भव्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। प्रतिमा अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल एक प्रतिमा के अनावरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत के स्वाभिमान, साहस और हिंदवी स्वराज की चेतना को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का संकल्प है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि “जय भवानी, जय शिवाजी” का उद्घोष आज भी हर भारतीय के भीतर निर्भीकता, राष्ट्रधर्म और आत्मगौरव की ऊर्जा का संचार करता है। छत्रपति शिवाजी महाराज केवल एक महान योद्धा ही नहीं थे, बल्कि वे सुशासन, लोककल्याण और राष्ट्रहित के प्रतीक थे। उनकी विचारधारा आज के भारत के लिए भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी अपने समय में थी।
समारोह के दौरान आध्यात्मिक गुरु मंजूनाथ भारती स्वामी जी, संभाजी भिड़े गुरु जी, कर्नाटक सरकार में मंत्री संतोष लाड़ एवं सतीश जारकिहोली, कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सवादी, कोल्हापुर के सांसद श्रीमंत शाहू छत्रपति महाराज, कर्नाटक सरकार के पूर्व मंत्री श्रीमंत बी पाटिल, पीजीआर सिंधे सहित अनेक गणमान्य नेता एवं जनप्रतिनिधि मंच पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों, युवाओं और शिवभक्तों की सहभागिता देखने को मिली।
हिंदवी स्वराज के शिल्पकार और राष्ट्रधर्म के प्रतीक
अपने संबोधन में श्री सिंधिया ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन, संघर्ष और उनके आदर्शों को विस्तार से स्मरण किया। उन्होंने कहा कि मात्र 15 वर्ष की आयु में हिंदवी स्वराज का संकल्प लेने वाले शिवाजी महाराज ने अद्वितीय साहस, कुशल रणनीति और दूरदर्शिता के बल पर आक्रांताओं को पराजित किया और भारत के स्वाभिमान की रक्षा की। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि दृढ़ संकल्प और स्पष्ट लक्ष्य के साथ कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बेलगावी और अथानी की भूमि शिवाजी महाराज के पराक्रम की साक्षी रही है। दक्षिण भारत में उनके अभियानों के दौरान इस क्षेत्र का सामरिक महत्व अत्यंत रहा, जहां से दक्कन, कोंकण और गोवा के मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। उन्होंने कहा कि आज इसी ऐतिहासिक भूमि पर शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण होना इतिहास, परंपरा और वर्तमान को जोड़ने वाला गौरवपूर्ण क्षण है। यह प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को शौर्य, स्वाभिमान और राष्ट्रनिष्ठा का संदेश देती रहेगी।
आधुनिक भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत
श्री सिंधिया ने कहा कि आज जब भारत आत्मगौरव और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है, तब छत्रपति शिवाजी महाराज का चरित्र और विचारधारा और भी अधिक प्रासंगिक हो गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रधर्म की जो चेतना देश में सशक्त हो रही है, उसकी जड़ें शिवाजी महाराज की उसी विचारधारा में निहित हैं। यह प्रतिमा राष्ट्र के प्रति कर्तव्य, साहस और सेवा भाव की भावना को निरंतर जाग्रत करती रहेगी।
उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज का जीवन युवाओं के लिए विशेष प्रेरणा है। उनका नेतृत्व, प्रशासनिक कुशलता और जनता के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण आज भी अनुकरणीय है। स्वराज की भावना केवल राजनीतिक स्वतंत्रता तक सीमित नहीं थी, बल्कि उसमें सामाजिक न्याय, सांस्कृतिक अस्मिता और जनकल्याण का समावेश था।
दो दिवसीय महाराष्ट्र कर्नाटक दौरे के प्रमुख कार्यक्रम
गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने दो दिवसीय महाराष्ट्र कर्नाटक दौरे पर हैं। इससे पूर्व शनिवार को उन्होंने कोल्हापुर में बॉम्बे जिमखाना के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर विशेष डाक टिकट का विमोचन किया। इसके पश्चात वे ग्रामीण डाक सम्मेलन में शामिल हुए, जहां उन्होंने ग्रामीण डाक सेवकों से संवाद कर उनकी समस्याओं, सुझावों और अनुभवों को सुना। रविवार को बेलगावी के अथानी में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति ने इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष महत्व प्रदान किया।