आजकल लोगों में हार्ट से संबंधित समस्याएं की प्रकार की उत्पन्न हो रही हैं, जिसमें हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर व तमाम तरह की समस्याओं के चलते मौतों का प्रतिशत बढ़ा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हृदय संबंधित बीमारियों से दुनिया भर में हर साल लगभग एक करोड़ 70 लाख लोग मरते हैं। चाहे वो महिलाएं हों या फिर युवा पुरुष या वृद्ध पुरुष सभी में हृदय से संबंधित समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं। इसलिए इनके बारे में समझना बहुत जरूरी है और समय रहते इलाज के माध्यम से इस पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। आज हम इस आर्टिकल में महिलाओं, युवा वर्ग व वृद्धो में होने वाली हार्ट समस्याएं और उनसे बचाव को लेकर जानकारी साझा करेंगे।
महिलाओं में हृदय से संबंधित समस्या:-
डॉक्टर अमर सिंघाल, सीनियर कंसल्टेंट व इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट ने बताया कि, आजकल महिलाओं में भी हृदय से संबंधित समस्याएं बहुत अधिक बढ़ गई है, क्योंकि बदलती जीवनशैली और तनाव के कारण ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, हाइपरटेंशन जैसी कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न होने लगती है और इसका सीधा संबंध हृदय से जुड़ा हुआ होता है। इसलिए उन्हें बहुत ध्यान रखने की जरूरत है।
महिलाओं में हृदय से संबंधित समस्याओं के कुछ संकेत है जिन्हे उन्हें ध्यान में रखना चाहिए जैसे- सांस लेने में कठिनाई हो, पेट में खिंचाव या फिर दबाव, कमजोरी होना, चक्कर आना, एंजायटी, पसीना आना, पेट से संबंधित समस्या हो, शरीर में हमेशा अधिक थकान महसूस होता रहना। यदि महिलाओं को किसी भी प्रकार के संकेत इस प्रकार के दिखाई दे तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा अत्यधिक तनाव लेने से बचें, नियमित व्यायाम करें, घर का बना शुद्ध खाना ही खाएं, अपने भोजन में फल व हरी सब्जियां को शामिल करें तभी आप एक स्वस्थ हृदय का सकती है और समय-समय पर अपना चेकअप जरूर करवाएं।
युवा पुरुषों में हृदय से संबंधित समस्या:-
डॉ. हेमंत मदान, सीनियर डायरेक्टर और प्रोग्राम हेड कार्डियक साइंसेज , नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम ने बताया कि धूम्रपान, शराब का सेवन व अनियमित जीवन के कारण हृदय संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। आजकल शराब का फैशन तेजी से बढ़ा है और शराब के अधिक सेवन से रक्तचाप बढ़ता है जिसका सीधा असर और रक्त वाहिकाओं पर पड़ने से हार्ट में पंपिंग शुरू हो जाती है और इसके बाद हार्ट अटैक होने का भी खतरा अधिक हो जाता है। इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि युवाओं को जिनकी उम्र 30 या 40 साल के आसपास है, वे लक्षणों को जल्द पहचान नहीं पाते जिसकी वजह से समय रहते उन्हें इलाज नहीं मिल पाता और इससे मोटा के आंकड़े भी तेजी से बढ़े हैं।
इसलिए 30 से 40 साल की उम्र के आसपास के लोगों को कुछ सामान्य लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए, जैसे सीने में अचानक दर्द होना, जबड़े में दर्द होना, अचानक बहुत ज्यादा पसीना आना, सांस लेने में दिक्कत होना, चक्कर आना जैसे लक्षणों पर युवा वर्ग को ध्यान देना चाहिए। एक समय था जब इस उम्र के लोगों को हार्ट अटैक जैसी समस्या होना दुर्लभ माना जाता था परंतु इस समय अधिकतर लोगों में इस प्रकार की समस्याएं हो रही हैं। जबकि इस वर्ग के लोग अपनी सेहत को ध्यान रखने के लिए प्रयासरत भी है मगर फिर भी लापरवाही कर देते हैं।
इसके लिए उन्हें निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए जैसे नियमित रूप से लगभग आधा घंटा उन्हें व्यायाम करना चाहिए परंतु व्यायाम करने के दौरान उन्हें यह बात को ध्यान में रखना चाहिए कि व्यायाम उन्हें जल्दी-जल्दी शुरू नहीं करना है इसके लिए उन्हें धीरे-धीरे शरीर को गर्म करना है और उसके बाद ही व्यायाम करना है, यदि आपको व्यायाम के समय कुछ भी शारीरिक गड़बड़ लग रहा है तो व्यायाम न करें, अपने खान-पान में बाहर की चीजों को ना खाएं, प्रोसेस्ड फूड से बचें, अपने भोजन में फल सब्जियां, बीन्स नट्स और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।
बुजुर्गों में हृदय से संबंधित समस्या:-
डॉ समीर कुब्बा, डायरेक्ट एंड यूनिट हेड-कार्डियोलॉजी धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली ने बताया कि, हार्ट की समस्या वैश्विक स्तर पर बढ़ती ही जा रही है चाहे वो पुरुष हो या महिलाएं सब में किसी ने किसी प्रकार की हार्ट से संबंधित समस्याएं बहुत अधिक देखने को मिल रही है। सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत तो बुजुर्गों को है यदि वे कुछ लक्षणों को नजरअंदाज करें तो यह समस्या जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए आपके घर में यदि कोई बुजुर्ग है तो उनकी सेहत का खास ख्याल रखना आपका दायित्व है और कुछ लक्षणों पर नजर बनाए रखना बहुत जरूरी है जैसे सीने में भारीपन महसूस हो, सांस लेने में समस्या हो, पैरों में सूजन हो, जबड़े में दर्द हो, अधिक पसीना आए या फिर ब्लड प्रेशर लो या हाई हो रही हो तो इसे गंभीरता से ले और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बुजुर्गों में कई बार हार्ट अटैक के कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जो उन्हें समझ में नहीं आते जैसे- उन्हें पेट में दर्द होगा, छाती में दर्द होगा, उन्हें अच्छा नहीं लगेगा, उन्हें कमजोरी महसूस होगी, थकावट लगेगी और सोने में भी दिक्कत होगी, इस लक्षणों को वे अनदेखा कर देते हैं और सोचते हैं कि यह समस्या हार्ट से संबंधित नहीं है जिसमें लापरवाही करने पर उन्हें दुष्परिणाम भी भुगतना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार की समस्या को लेकर कुछ ही दिन पहले हमारे पास एक मरीज आया था जिसे लगभग 10 दिनों से इसी प्रकार से लक्षण महसूस हो रहे थे पर उसने भी इसे अनदेखा किया और उसके घरवालों ने भी जिसकी वजह से उसे एक मेजर हार्ट अटैक आ भी चुका था फिर जब वो हमारे पास आया तो उसकी एंजियोप्लास्टी कर ठीक किया गया और डिस्चार्ज भी कर दिया गया। इसलिए यदि आपको कुछ अलग सिम्टम्स भी हैं तो उसमें लापरवाही न करें। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की समस्या युवा वर्ग के लोगों मे, महिलाओं में और बुजुर्गों में होती है जिसे वे पहचान नहीं पाते और बाद में परेशानी ज्यादा बढ़ा जाती है।
लक्षणों को ध्यान देने के साथ ही बुजुर्गों का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है इसके लिए आप उनके साथ समय बताएं उन्हें फिट रहने के लिए प्रेरित करें, योगाभ्यास व्यायाम के लिए प्रोत्साहित करें यह उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा रहेगा और खास कर हृदय से संबंधित समस्याएं दूर रहेंगी। इसके लिए आप उनके दिनचर्या को व्यवस्थित रखने के लिए एक पूरा रूटीन बना सकते हैं और उसी के अनुरूप उनकी देखभाल करें, उन्हें अच्छे पौष्टिक भोजन कराएं, किसी भी प्रकार की तनाव की स्थिति में न जाने दे क्योंकि मानसिक स्थिति बिगड़ने पर उसका असर हार्ट पर भी पड़ता है। बुजुर्गों में बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है और किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी होता है, समय-समय पर उनकी जांच भी करवाते रहें, जिससे उनकी शारीरिक स्थिति का पता रहे और डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही आप बुजुर्गों का ख्याल रखें।