प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के अमृतकाल के संकल्प को पूरा करने की दिशा में 75 RR बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों की अहम भूमिका होगी
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में 75 RR भारतीय पुलिस सेवा (IPS) बैच के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर तेलंगाना की राज्यपाल, केन्द्रीय गृह सचिव, निदेशक, आसूचना ब्यूरो और निदेशक, सीबीआई सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि आज का दिन 75 RR के प्रशिक्षुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ये वो भाग्यशाली अफसर हैं जो देश की आजादी की शताब्दी के समय भारतीय पुलिस व्यवस्था में कहीं ना कहीं शीर्ष नेतृत्व में शामिल होंगे और देश की आंतरिक सुरक्षा इन्हीं के हाथों में होगी। उन्होंने कहा कि अकादमी के इस अमृत महोत्सव के 75वें बैच का ऐतिहासिक महत्व होगा, जो उन्हें भाग्य ने दिया है और इस मौके को ये अफसर अपने परिश्रम, निष्ठा, बलिदान और देश के प्रति समर्पण के कारण और ऐतिहासिक बनाएं। श्री शाह ने कहा कि जब ये अधिकारी देश के विभिन्न राज्यों के पुलिस बलों का नेतृत्व कर रहे होंगे, तब हमेशा देश को अभिमान होना चाहिए कि 75वें RR बैच के सभी प्रशिक्षुओं ने अपनी 25 साल की सेवा के दौरान देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के अमृतकाल के संकल्प को पूरा करने की दिशा में 75 RR बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों की अहम भूमिका होगी। जब देश आजादी की शताब्दी मनाएगा तब देश सभी क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व करता होगा, उसमें इन सभी अधिकारियों का भी बहुत बड़ा योगदान होगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने इस अकादमी की नींव बहुत सोच समझकर आगे ले जाने के लिए रखी थी। आज हमारा देश भी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे कर अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अमृत काल के लिए देश की 130 करोड़ जनता का आह्वान किया है कि ये अमृतकाल संकल्प लेने और उसे सिद्धि में परिवर्तित करने का समय है। श्री शाह ने कहा कि ये 25 वर्ष देश को हर क्षेत्र में दुनिया में सर्वप्रथम बनाने और दुनिया में अपने उचित और गौरवपूर्ण स्थान पर प्रस्थापित करने के 25 साल हैं और अमृतकाल के दौरान देश की आंतरिक सुरक्षा, सरहदों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में इन अधिकारियों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि यहां से जाने के बाद इन अधिकारियों को ये सुनिश्चित करना होगा कि देश में संविधान को लागू करना और उसके द्वारा प्रदत्त अधिकार सभी लोगों को मिलें।
श्री अमित शाह ने कहा कि हमें ये हमेशा याद रखना चाहिए कि देश के प्रथम गृह मंत्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने इस देश को ना केवल एक किया बल्कि एक रखने के लिए भी कई काम किए। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने देश की 550 से अधिक रियासतों का विलय कर एक अखंड भारत का निर्माण तो किया ही, साथ ही आईपीएस कैडर शुरू कर एक मज़बूत व्यवस्था की भी शुरूआत की। श्री शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने कहा था कि अगर संघ के पास एक अच्छी अखिल भारतीय सेवा नहीं होगी, जिसके पास अपनी बात कहने की आज़ादी हो, तो संघ का अस्तित्व ही नहीं रहेगा। ये वाक्य आईपीएस कैडर के लिए ध्रुव वाक्य के समान है। उन्होने कहा कि इस संस्थान के बारे में सरदार पटेल ने कहा था कि इसके पास पीछे मुड़कर देखने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन भावी पीढ़ियों के लिए परंपरा स्थापित करने के लिए बहुत कुछ है। जब इस अकादमी की स्थापना हुई तब इसका कोई इतिहास नहीं था, लेकिन इन 75 सालों में यहां से निकले आईपीएस अफसरों ने देश की आतंरिक और सीमाओं की सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए एक उज्ज्वल, बलिदानयुक्त और यशस्वी इतिहास का निर्माण किया है। आज यहां से निकल रहे 75वें बैच के प्रशिक्षुओं की ये जिम्मेदारी कि वे इस इतिहास को आगे ले जाएं और उसमें कई स्वर्णिम अध्याय जोड़ें। आज यहां से 175 प्रशिक्षु बेसिक कोर्स का प्रशिक्षण पूरा कर निकलेंगे, जिनमें भूटान, मालदीव, मॉरीशस और नेपाल के 20 विदेशी अधिकारी शामिल हैं। इन कुल 175 प्रशिक्षु अधिकारियों में 34 महिला अधिकारी भी शामिल हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में आंतरिक सुरक्षा को संभालने में टेक्नोलॉजी का बहुत अहम रोल रहेगा, इसीलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन की स्थापना की। इस मिशन का उद्देश्य भारतीय पुलिस को टेक्नोलॉजी की दृष्टि से विश्व में सबसे सुसज्ज बनाना, टेक्नोलॉजी का प्रैक्टिकल उपयोग पुलिसिंग और आतंरिक सुरक्षा संभालने में कैसे किया जाए और पुलिस हमेशा तकनीकी रूप से क्रिमिनल से दो कदम आगे कैसे रह सकती है, इस प्रकार की व्यवस्था तैयार करना है। उन्होंने कहा कि यहां के सभी अनुभव और प्रशिक्षण के साथ जब ये अधिकारी फील्ड में जाएंगे और जनता के साथ इंटरेक्ट करेंगे, तब इस प्रशिक्षण को प्रेक्टिकल अनुभव के साथ जोड़कर एक अच्छे अफसर की तरह अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकेंगे।
श्री अमित शाह ने कहा कि आज यहां सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु अधिकारी का अवार्ड एक महिला अधिकारी को मिला है और यह हमारे देश के लिए बहुत गर्व की बात है।उन्होंने कहा कि अकादमी के इतिहास में पहली बार एक महिला प्रशिक्षु अधिकारी सुश्री रंजीता शर्मा को आईपीएस एसोसिएशन के स्क्वाड ऑफऑनर जीतने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में देश Women-led Development में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में मोदी सरकार ने देश की संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए 33% आरक्षण सुनिश्चित किया है। आज यहां से प्रशिक्षित होकर जा रही महिला अधिकारियोंके नेतृत्व में प्रधानमंत्री मोदी जी की Women-led Development की थीम देश के हर गांव तक परकोलेट होगी।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि अनगिनत बलिदानों और संघर्ष के बाद हमें आजादी मिली है। 1857 से 1947 तक 90 सालों के संघर्ष के दौरान लाखों लोगों के बलिदानों से सिंचित होकर आज हम स्वतंत्र देश के रूप में 75 साल पूरे कर गर्व से दुनिया के सामने खड़े हैं। उन्होंने कहा किइन 7 दशकों से भी अधिक लंबी चुनौतीपूर्ण यात्रा में अनेक पुलिसकर्मियों ने बलिदान दिया है। 36500 से ज्यादा पुलिस अधिकारियों और जवानों ने अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है तब आज हमारा देश गौरव के साथ दुनिया के सामने खड़ा है। श्री शाह ने कहा कि उन 36500 जवानों का बलिदान हमारे लिए प्रेरणास्रोत और पथ प्रदर्शक होना चाहिए।
श्री अमित शाह ने कहा कि लंबे समय से देश आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और नक्सली हिंसा का सामना कर रहा था लेकिन विगत 10 सालों में हमारे बहादुर पुलिसकर्मियों के प्रयासों के कारण हमें इन पर नकेल कसने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि हमारी चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं और ऑर्गेनाइज्ड क्राईम, साइबर क्राइम, इंटरस्टेट और इंटरनेशनल फाइनेंशियल क्राइम, इंटरस्टेट गैंग्स जैसी कई नई चुनौतियां आज हमारे सामने खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी, क्रिप्टो करेंसी से देश के अर्थतंत्र को कमज़ोर करने, हवाला कारोबार और नकली नोटों के कारोबार जैसी चुनौतियों के खिलाफ भी हमें अपनी लड़ाई इतनी ही शिद्दत से जारी रखनी है। श्री शाह ने कहा कि आज जब इस नए बैच के अधिकारी सेवा में अपना पहला कदम रखने जा रहे हैं, तब हमारा देश एक नए युग की ओर जाने की शुरुआत कर चुका है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अंग्रेजों के शासन के समय के तीन कानूनों– CrPC, IPC और Evidence Act – में आमूलचूल परिवर्तन कर तीन नए क्रिमिनल लॉ देश की संसद के सामने रखे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही तीनों नए कानून पारित हो जाएंगे और इनके आधार पर नए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की शुरुआत होगी।उन्होंने कहा कि यह युग परिवर्तन का दौर है और अंग्रेजों के समय के हुए कानूनों के युग को समाप्त कर भारत नए विश्वास, आशा और उमंग के साथ नए युग में प्रवेश कर रहा है। पुराने कानूनों का उद्देश्य शासन को सुरक्षित रखना था लेकिन नए कानूनों का उद्देश्य जनता के अधिकारों को सुरक्षित रखना और उन अधिकारों तक जनता की पहुंच में आने वाली बाधाओं को समाप्त करना है। श्री शाह ने कहा कि इस मूलभूत अंतर के साथ नए प्रशिक्षु अधिकारियों को इन तीनों कानूनों के माध्यम से क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के युग परिवर्तन के दौर में नेतृत्व करने का मौका मिल रहा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ज़मीनी स्तर पर इन नए कानूनों को लेटर एंड स्पिरिट में लागू करना इन अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है, जिन्हें इन कानूनों की स्पिरिट को समझ कर जनता को सुरक्षित भी रखना है और उनके अधिकारों की रक्षा भी करनी है। श्री शाह ने कहा कि नए कानून में आतंकवाद और ऑर्गेनाइज़्ड क्राइम की नई व्याख्या की गई है, अंतरराज्यीय गिरोहों को समाप्त करने के लिए भी कई प्रोविजन किए गए हैं। इसके अलावा तकनीकी प्रावधानों को कानूनी जामा पहनाकर पुलिस को सशक्त किया गया है, जांच प्रक्रिया को डिजिटाइज किया गया है, इन्वेस्टिगेशन चार्जशीट की टाइमलाइन को फॉलो करने और फॉरेंसिक प्रावधान के लिए भी उचित व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों में दोषसिद्धि का प्रमाण बढ़ाने के लिए समयबद्ध योजना तैयार की गई है। श्री शाह ने कहा कि इन कानूनों के माध्यम से न्याय व्यवस्था में भी कई बदलाव किए गए हैं।गृह मंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों से Reacting और Responsing पुलिसिंग से आगे जाकर Preventive, Predictive और Proactive पुलिसिंग और बदलते परिवेश में समय के साथ पुलिस व्यवस्था को बदलने के लिए भी आगे बढ़ने के लिए कहा।
श्री अमित शाह ने कहा कि संवेदनशीलता ही संविधान को मानवीय स्वरूप देती है और हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा संविधान में रखी गई स्पिरिट को संवेदनशीलता के साथ लागू करने की जिम्मेदारी हम सबकी है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से देश से गरीब, कमजोर व्यक्तियों और वर्गों के प्रति हमेशा संवेदनशील और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा प्रोएक्टिव रहने को कहा। श्री शाह ने कहा कि हमें प्रसिद्धि के मोह में पड़े बिना अपनी ड्यूटी पर केंद्रित होकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि तैनाती के स्थान की स्थानीय भाषा, परंपरा और इतिहास का सम्मान करते हुए हमें लोगों के साथ संवेदनशीलता बनाए रखनी चाहिए और किताबी अप्रोच से ऊपर उठकर कानून के स्प्रिट को समझ कर आगे बढ़ना चाहिए
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 9 वर्ष हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहे हैं। देश के तीन हॉटस्पॉट माने जाने वाले –पूर्वोत्तर, वामपंथी उग्रवादी क्षेत्र और जम्मू और कश्मीर – क्षेत्रों में हमने कानून और व्यवस्था की स्थिति को दुरुस्त करने में बहुत बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के 10 सालों के दौरान इन तीनों हॉटस्पॉट में 33,200 हिंसक घटनाएं हुई थीं, जिन्हें पिछले 9 सालों में कम कर 12,000 तक सीमित कर दिया गया है। हिंसक घटनाओं में 63% और मृत्यु में 73% की कमी दर्ज कर हम आगे बढ़े हैं। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ भारत ने जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया है और अब हमें जीरो टॉलरेंस की नीति से आगे बढ़कर जीरो टॉलरेंस स्ट्रेटेजी और जीरो टॉलरेंस एक्शन की ओर आगे जाना है।
श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 9 सालों में वन डाटा, वन एंट्री के सिद्धांत के साथ आंतरिक सुरक्षा के हर क्षेत्र में डेटाबेस को बनाने का काम किया है। विभिन्न डेटाबेस में इंटीग्रेशन तथा आपस में कम्युनिकेशन की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके अलावा एनालिटिक टूल्स से सभी एजेंसियों को युक्त कर उनकी स्ट्रैंथ बढ़ाने का काम भी हो रहा है। ICJS में CCTNS के माध्यम से 99.93%, यानी, 16,733 पुलिस स्टेशनों में CCTNS को लागू किया गया है। ई-कोर्ट के माध्यम से 22000 अदालतें जुड़ चुकी हैं, ई-प्रिजन से लगभग 2 करोड़ कैदियों का डेटा उपलब्ध है, ई-प्रॉसीक्यूशन से एक करोड़ से अधिक अभियोजन का डेटा ऑनलाइन उपलब्ध है, ई- फॉरेंसिक के माध्यम से 17 लाख से अधिक फॉरेंसिक डाटा भी उपलब्ध है। NAFIS में 90 लाख से अधिक फिंगरप्रिंट का रिकॉर्ड उपलब्ध है, इंटीग्रेटेड मॉनिटरिंग आफ टेररिज्म में भी काफी सारा डेटा उपलब्ध है, निदान के माध्यम से अरेस्टेड नारको ऑफेंडर्स का डेटा उपलब्ध है, क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर में भी साइबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल और प्रिज़न डेटाबेस में भी बायोमैट्रिक डाटा हमने उपलब्ध कराया है। श्री शाह ने पुलिस अधिकारियों से इन सभी डेटाबेस और एनालिटिक टूल्स के माध्यम से काम करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर पुलिस को हमेशा दो कदम आगे रखने के लिए कहा।