आजकल देखा जाता है की बच्चे कई बार परेशान और उदास हो जाते हैं। और फिर वह सब चीजों से बचने लगते हैं और हर समय चिढ़चिढ़ा महसूस करने लगते हैं। अगर आप भी बच्चे में इस तरह के बदलावों को देखती हैं तो आपको उसकी मेंटल हेल्थ बूस्ट करने के लिए कुछ टिप्स अपनाने चाहिए। बच्चों की फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ मेंटल हेल्थ बहुत ज्यादा जरूरी है। तो चलिए जानते हैं कुछ आसान टिप्स जो बच्चे की मेंटल हेल्थ बूस्ट करने में आपकी मदद कर सकते हैं।अच्छी मेंटल हेल्थ के लिए फिजिकल हेल्थ का सही होना बहुत जरूरी है। अपने बच्चे के साथ रोजाना फिजिकल एक्सरसाइज करें और उन्हें अच्छे से आराम करने और ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दें। यह एक अच्छा तरीका है जिससे आप अपनी मेंटल हेल्थ और मूड को बूस्ट कर सकते हैं। अपने बच्चे को रिलेक्स करने की आदत डलवाएं और उन्हें सिखाएं की वह इस दौरान किसी तरह की परेशानियों के बारे में न सोचें। बच्चे को आंखें बंद करके हैप्पी मोमेंट्स को याद करने की सलाह दे सकते हैं। साथ में समय बिताएं।
बच्चों के लिए समय निकालें ऐसा करने से उन्हें पता चलता है कि आपके लिए वह कितने जरूरी हैं। इस समय में आप उनके साथ खेल सकते हैं। या फिर उनकी फेवरेट फिल्म देख सकते हैं। कोशिश करें की आपका बच्चा उस समय को एंजॉय करे।
फिजिकल एक्टिविटी के लिए मोटिवेट करें जब वह गलत हों तो उन्हें समझाएं। उन्हें बताएं की आप उनसे प्यार करते हैं लेकिन उनको अपने गलत व्यवहार को सुधारने की जरूरत है।
परीक्षा आते समय बच्चे पूरे दिन बैठकर पढ़ते रहते हैं जिससे शरीर में दर्द होने लगता है।
योग शारीरिक मानसिक थकावट को दूर करता है। योग बच्चों में मानसिक शांति और स्थिरता लाता है।
अगर बच्चे मे अवसाद, एग्जाइटी या मूड स्विंग्स जैसी परेशानियां उसमें देखने को मिल रही हैं, तो घबराइए मत। यहां योगा एक्सपर्ट अलका सिंह आपको बता रही है कुछ ऐसे आसान से योगासन जिन्हें आप घर पर भी बच्चों को करा सकते हैं जिससे बच्चे का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहेगा। बच्चे का पढ़ाई में मन लगेगा। उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह सामाजिक जीवन में भी लोगों से मिलजुल कर चल पाएगा। सिर दर्द से निजात दिलाए।
हस्तासन
बच्चों के पूरे शरीर के लिए यह अत्यधिक लाभदायक आसन है। बच्चों के चेहरे की मांसपेशियों को तनाव रहित करता है। साथ ही साथ बच्चों के दिमाग में जो खराब रक्त प्रवाह के कारण सिर में दर्द, अत्यधिक सोचना, पढ़ाई की टेंशन लेना, इन सारी चीजों से मुक्ति दिलाता है। हमारी कमर वाले हिस्से में मजबूती लाता है, साथ ही साथ हमारे पूरे शरीर को तनाव रहित करता है।
अर्धहलासन बच्चों की पाचन क्षमता को ठीक रखे:
यह आसन बच्चों की पाचन क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही साथ पेट की गैस को निकालता है। पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इस आसन को करने से रक्त का संचार पेट की तरफ होता है। जिसके कारण हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम यह हमारे पाचन की क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ अंदरूनी मांसपेशियों को भी मजबूत करता है। इस आसन को करने से बच्चों की कमर में भी मजबूती आती है और शरीर में रक्त का प्रभाव बढ़ाने के साथ-साथ दिमाग में भी रक्त संचार बढ़ा देता है। जिसके कारण तनाव और एंग्जाइटी खत्म होती है। यह आसन आंखों के लिए भी बहुत अच्छा है।
वृक्षासन के अभ्यास से बॉडी मजबूत होती है:
यह योग बच्चों में मानसिक शांति लाता है। बच्चे चंचल होते हैं जिस वजह से पढ़ाई पर ध्यान नहीं लगा पाते, लेकिन यह योग बच्चों में ठहराव लाता है। तो वहीं पढ़ाई के तनाव को कम करता है। यह आसन बच्चों के लिए सर्वोत्तम है। इसका अभ्यास बच्चों को सुबह शाम करना चाहिए।
वृक्षासन करने की विधि:
- सावधान अवस्था में खड़े हो जाएं।
- अपने सीधे पैर को मोड़ते हुए उल्टे पैर की जंघा पर दोनों हाथों से सहारा देते हुए रखें लें।
- कमर या गर्दन सीधी रहेगी। अब सांस भरते हुए दोनों हाथों को आसमान की ओर ले जाते हुए नमस्कार मुद्रा में कर लें।
- अपनी दोनों आईबॉल्स को किसी एक जगह केंद्रित कर दें।
- इस आसन में 30-35 मिनट रुकें।
- दूसरे पैर से भी दोहराएं।
धनुरासन बच्चों की पीठ को मजबूत करने के लिए
बच्चे पढ़ाई के कारण पूरे दिन बैठे रहते हैं। जिस कारण उनकी पीठ पर दबाव पड़ता है। यह आसन बच्चों की कमर में मजबूती लाता है, उनके हाथों को मजबूत करता है। साथ ही साथ उनके पूरे शरीर को लचीला बनाता है। सुस्ती को खत्म करे।
अधोमुख स्वानआसन
इस आसन को करने से बच्चों के शरीर में लचीलापन आता है। साथ ही साथ यह आसन स्फूर्ति को बढ़ाता है और सुस्ती को भगाता है। हमारे पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ा देता है। हमारे हाथों को मजबूत करता है। हमारे पैरों में मजबूती लाता है। बच्चों को पढ़ते समय नींद बहुत आती है यह आसन नींद को भगाता है। साथ ही साथ यह आसन बच्चों के दिमाग को तेज करता है। हमारे सिर वाले हिस्से में रक्त संचार को बढ़ाता है। जिससे हमारे ब्रेन को प्रॉपर ऑक्सीजन मिल पाती है। उसी के कारण बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है।
मेडिटेशन
रोज मेडिटेशन को अवश्य करें जिससे आप आंतरिक शांति और स्थिरता प्राप्त कर सकें।
अंततः निष्कर्ष यह निकलता है कि* यदि परिवार जन बच्चे की मेंटल हेल्थ को बूस्ट करना चाहते हैं तो वह ज्यादा से ज्यादा बच्चे को समय दें उनको सपोर्ट करें उन्हें प्यार से समझाएं और हल्दी लाइफस्टाइल के लिए योग को जरूर अपनाएं जिससे उनकी मेंटल हेल्थ बूस्ट हो।