उपराष्ट्रपति ने आज संसद भवन देखने आये सैनिक स्कूल, झुंझुनूं के छात्रों से संसदीय सौध में संवाद किया। ज्ञात रहे कि 27 अगस्त को उपराष्ट्रपति राजस्थान के दौरे पर गए थे जहां उन्होंने सैनिक स्कूल झुंझुनू के छात्रों को संबोधित किया था। इस अवसर पर श्री धनखड़ ने छात्रों को संसद के नए भवन के भ्रमण के लिए आमंत्रित किया था।
उपराष्ट्रपति की इस पहल पर कल 5 नवंबर को सैनिक स्कूल, झुंझुनूं के बीस छात्रों का एक समूह तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचा। 5 से 7 नवंबर तक ये छात्र दिल्ली में रुकेंगे और राज्य सभा सचिवालय द्वारा उन्हें राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया जा रहा है।
कल दिल्ली पहुचने पर इन छात्रों ने प्रधानमंत्री संग्रहालय देखा था, और आज उन्हें संसद के नए और पुराने दोनों भवनों का भ्रमण कराया गया। नयी संसद की भव्यता और सुंदरता देख कर युवा छात्र दल विस्मय से भर गया। कल सात नवंबर को इन छात्रों का इंडिया गेट, राष्ट्रीय समर स्मारक (वार मेमोरियल), महात्मा गांधी की समाधि राजघाट और राष्ट्रपति भवन के भ्रमण का भी कार्यक्रम है।
आज उपराष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान छात्रों ने अपने अनुभव साझा किये। उपराष्ट्रपति ने उनसे कहा कि आज भारत जिस गति के साथ आगे बढ़ रहा है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। एक समय था जब हमें दुनिया की पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं (fragile five) में गिना जाता था और आज हम दुनिया की पांचवी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। उपराष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेने जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा इस विकास यात्रा के दौरान हमने बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ा है और अब हम जर्मनी और जापान को भी पीछे छोड़ने वाले हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत आज एक चमकता हुआ सितारा है।
अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते कदमों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान तीन को लैंड कर के या सिद्ध कर दिया कि भारत एक नई इबारत लिखने जा रहा है आज जमीन से लेकर अंतरिक्ष तक भारत का डंका चारों ओर बज रहा है।
उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि हमें भारत और भारतीयता पर गर्व करना चाहिए और हमें हमारी ऐतिहासिक उपलब्धियां का जश्न मनाना चाहिए भारत की विकास यात्रा में हमें यथासंभव योगदान देकर भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ रही है।
उपराष्ट्रपति ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि कभी भी तनाव न लें पढ़ाई के दौरान किसी भी प्रकार की टेंशन या दबाव में नहीं रहना चाहिए। सहज रहें और सफल होने की अपेक्षा हमेशा एक अच्छा नागरिक बनने का प्रयास करें, अनुशासन में रहे क्योंकि अनुशासन सफलता की कुंजी है।
उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि एक अच्छा नागरिक बनकर अपने माता-पिता और गुरुजनों का नाम रोशन करें, समाज में यथासंभव अपना योगदान दें और यदि कोई रचनात्मक विचार आपके दिमाग में आता है तो उसको धरातल पर उतारना जरूरी है विचारों को अपने दिमाग में ही ना बना रहने दें अपने विचारों को जमीन पर कार्यान्वित करने का प्रयास करें।
उपराष्ट्रपति ने देश में उपलब्ध असीम अवसरों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए छात्रों से कहा कि आज आप जिस क्षेत्र में चाहें वहां अपना करियर बना सकते हैं, चाहे वह रक्षा का क्षेत्र हो या नेवी हो, कोस्ट गार्ड हो या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल हों, आज देश में अवसरों की कमी नहीं है।
श्री धनखड़ ने कहा कि एक समय था जब सत्ता के गलियारे दलालों से पूरी तरीके से पटे पड़े रहते थे आज वह सब गायब हो गए हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करके सत्ता के गलियारों को दलालों से पूरी तरीके से मुक्त कर दिया है आज शासन में बहुत पारदर्शिता आई है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आज देश में एक ऐसा वातावरण निर्मित हुआ है जहां आपको फलने-फूलने का पूरा मौका मिलता है और कोई भी अपना मनपसंद काम चुन सकता है, और सरकार उसकी इस काम में मदद भी करती है। सरकार द्वारा तमाम प्रकार के अपना काम शुरू करने के लिए ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं, आपको उनका फायदा उठाना चाहिए और रोजगार पाने की अपेक्षा दूसरों को रोजगार देने की भावना रखकर आगे बढ़ना चाहिए।
नई संसद भवन का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा यह शानदार भवन जो आपने अभी देखा है यह सिर्फ ढाई साल में बन कर तैयार हुआ है। ये नए भारत की आशाओं और अपेक्षाओं को पूरी करने वाली पंचायत है। आज आपने दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत को आज देखा है, दुनिया में इससे बड़ी पंचायत कहीं नहीं है और यह पंचायत कुछ महीने पहले इतिहास का साक्षी बनी है। इसी पंचायत में सितंबर में महिला आरक्षण विधेयक पास किया गया है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और आने वाले समय में इसके सकरात्मक परिणाम समाज में दिखाई देंगे।
नए भवन की भव्य इमारत को देखकर छात्र-छात्राएं अभीभूत हो गए। अत्याधुनिक तकनीक और भारतीय संस्कृति और सभ्यता के लोकाचारों से ओतप्रोत संसद के नए भवन को देखकर छात्र-छात्राएं मंत्र मुग्ध हो गए। छात्रों ने नए संसद भवन के भ्रमण के लिए उपराष्ट्रपति का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर राज्य सभा सचिवालय के महासचिव श्री पीसी मोदी, राज्य सभा के सचिव, श्री रजित पुनहानी, अपर सचिव, श्रीमती वंदना कुमार एवं अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।