दीपावली, भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार, हर साल, केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के भारतीय समुदायों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। “दीपावली” शब्द का अर्थ होता है “दीपों की श्रृंखला”. यह शब्द बना है “दीप” और “आवली” को जोड़ कर जिन्हें संस्कृत भाषा के शब्दों से लिया गया है। दीपावली को दिवाली या दीवाली भी कहा जाता है। यह त्योहार हर घर में खुशियों की सौगात लाता है और इस दिन हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ख़ास बात यह है कि इस त्यौहार को लेकर शेमारू उमंग के कलाकार भी बहुत उत्साहित हैं, जिन्होंने इस दिन से जुड़ी अपनी पुरानी यादों को साझा करते हुए, अपनी साल 2023 की दिवाली की तैयारी के बारे में कई मुख्य बातें बताई:
आरती सिंह – श्रवणी
शेमारू उमंग के शो ‘श्रवणी’ में मुख्य भूमिका निभा रही अभिनेत्री आरती सिंह ने अपनी दिवाली की तैयारियों को लेकर बताया, “दिवाली बहुत सारी रोशनी, भावनाओं और सकारात्मकता का त्यौहार है। लखनऊ में मैंने इस दिन को लेकर कई मुख्य यादें बनाई हैं जहां मेरा परिवार एक साथ एकजुट होकर पूजा-पाठ करता है और कई खूबसूरत यादें मिलकर संजोता है। मैंने कई बार सरप्राइज देकर उनका यह दिन और भी ख़ास बना दिया है।”
उन्होंने आगे कहा, “आइए दिवाली को पूरी जिम्मेदारी से जागरूक होकर मनाए। पर्यावरण का ख्याल रखें। हमारे शो श्रवणी में मैं पूरी उत्सुकता के साथ दिवाली एपिसोड का हिस्सा बनने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूँ। आप सभी को दिवाली की शुभकामनाएं।”
शैली प्रिया – किस्मत की लकीरो से
‘किस्मत की लकीरों से’ की मुख्य अभिनेत्री शैली प्रिया पांडेय कहती हैं, “दिवाली बड़े उत्साह के साथ मनाया जाने वाला त्यौहार है और मैं वास्तव में इसे लेकर बहुत उत्साहित हूं। हालाँकि मेरे पास तैयारी के लिए ज्यादा समय नहीं है, मैंने खरीददारी भी शुरू कर दी है साथ ही घर की सफाई भी। दिवाली से जुड़ी मेरे बचपन की यादें मेरे दिल में विशेष स्थान रहती हैं। मुझे याद है कि मैं अपने माता-पिता के साथ खरीदारी करने जाती थी, रोशनी से भरे पटाखे और अन्य चीजों के लिए सूची बनाती थी। एक बिहारी परिवार से आने के कारण, हममे ‘घरौंदा’ बनाने की अनूठी परंपरा का पालन किया जाता है, मुरमुरे और सूखे मेवों से भरे मिट्टी के बर्तन, खूब सारी सजावट वाले पुट्ठों से बनाए घर, यह एक ऐसी परंपरा जो मैंने किसी अन्य राज्य में नहीं देखी है।”
प्रीतिका चौहान – श्रवणी
मेरे लिए, दिवाली खुशियों से भर देने वाला, रौशनी और समृद्धि का प्रतीक है। हम इसे भगवान राम के वनवास के बाद अयोध्या लौटने के सम्मान में मनाते हैं, अपने घर और आसपास को उसी तरह सजाते हैं जैसे उनके राज्य को सजाया गया था। मेरे लिए दिवाली का मतलब परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताना, खुशियाँ फैलाना और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देना है।
उन्होंने आगे कहा, “जब भी मैं इस उत्सव को लेकर विचार करती हूँ, मुझे लगता है कि दिवाली को जिम्मेदारी से मनाने पर जोर देना महत्वपूर्ण है। तेज और हानिकारक आतिशबाजी के बजाय, मैं शांत और अधिक पर्यावरण-अनुकूल उत्सवों की वकालत करती हूँ। आतिशबाजी से निकलने वाली और वायु प्रदूषण न केवल हमारे लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है और जानवरों के लिए भी कष्टकारी है। मेरा मानना है कि हमारे पर्यावरण की रक्षा करने और अधिक शांतिपूर्ण और सार्थक दिवाली उत्सव को बढ़ावा देने के लिए पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध होना चाहिए।आइए अपने प्रियजनों के साथ इस मधुर और सौहार्दपूर्ण त्योहार का जश्न मनाएं और अपने आस-पास का ख्याल रखें।”
अभिषेक पठानिया – किस्मत की लकीरों से
किस्मत की लकीरों से शो में मुख्य भूमिका निभा रहे अभिनेता अभिषेक पठानिया बताते हैं, “इस साल शूटिंग के व्यस्त शेड्यूल के चलते दिवाली की तैयारियां भव्य तरीके से नहीं कर सका, लेकिन छुट्टी वाले दिन मैं जरूर अपनी पूरी शॉपिंग कर लूंगा। परिवार से दूर रहने के चलते मैं अपनी दिवाली दोस्तों के साथ मनाऊंगा। बचपन की दिवाली मुझे आज भी याद है जब हम सुबह जल्दी उठकर नए कपड़े पहनकर पटाखे और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते थे और दोस्तों और रिश्तेदारों के घर उपहार लेकर जाते थे। पिछले 7 से 8 वर्षों में इस उत्सव में कई बदलाव आए हैं। आतिशबाज़ी के साथ पारिवारिक समारोहों का उत्साह कुछ कम हो गया है।”
वह आगे कहते हैं, “सभी को अपने प्रियजनों के साथ खुशी और मिठास से भरी दिवाली की शुभकामनाएं। इस दिवाली को अपने जीवन के सबसे खुशी के दिनों में से एक बनाएं। जब आप जश्न मनाएं, तो परिवार और दोस्तों के साथ बिताए पलों को संजोना जरूर याद रखें। आइए इसे एक शानदार पल बनाएं और पर्यावरण के प्रति सचेत रहकर पर्यावरण-अनुकूल दिवाली मनाए।”
सुमति सिंह- किस्मत की लकीरों से
शेमारू उमंग के शो ‘किस्मत की लकीरों से’ की मुख्य अभिनेत्री सुमति सिंह कहती हैं, “दिवाली, मेरे लिए एक त्यौहार से कहीं अधिक है, यह परंपराओं, रोशनी और प्यार को एकसाथ लेकर आता है। पारंपरिक दीयों की चमक के साथ उत्सव के व्यंजनों की मिठास और परिवार की गर्मजोशी के बीच, मैं अपने घर पर बिताई ‘घरौंदा’ की यादों आज भी याद करती हूँ। फिरभी इस हलचल भरे शहर में मेरा बनाने का अनुष्ठान कायम हैं जो विकास, एकता और शांति का प्रतीक है। दिवाली, मेरे लिए, हमारे जीवन के हर कोने में प्रकाश और सकारात्मकता भर देने वाला त्यौहार है।”
वह आगे कहती हैं, “इकोफ्रेंडली दिवाली मनाने से न केवल हमें बल्कि हमारे वातावरण को इसका लाभ मिलता है। हमरें आतिशबाजी करने की बजाय अपने परिवार के साथ अच्छा समय बीतने चाहिए और उपहारों के आदान-प्रदान करना चाहिए। मैं शो में इस वक्त आईपीएस अधिकारी के रूप में नज़र आ रही हूँ जिसे निभाते हुए मुझे गर्व है क्युकी वे अपने परिवार के साथ बीतने वाले वक्त को छोड़ हमारी सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं।” अधिक जानकारी के लिए बने रहें हर सोमवार से शनिवार, सिर्फ शेमारू उमंग पर।