एजुकेट गर्ल्स की संस्थापिका सफीना हुसैन को डब्लू आई एस ई 11 समिट (WISE “World Innovation Summit
for Education” ) में शिक्षा के लिए प्रतिष्ठित WISE पुरस्कार से सम्मानित किया गया है । शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान के
लिए दिया जाने वाला डब्लू आई एस ई (WISE) पुरस्कार पहला अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है जो किसी व्यक्ति को सम्मानित करता है।
डब्लू आई एस ई (WISE) एक अंतरराष्ट्रीय मंच है जो शिक्षा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।
भारत अपने बढ़ते प्रौद्योगिकी का उपयोग सामाजिक प्रभाव निर्माण के लिए कर के एक प्रर्वतक के रूप में उभर रहा है। सफ़ीनाहुसैन के नेतृत्व में एजुकेट गर्ल्स ने अभिनव दृष्टिकोण का उदाहरण प्रस्तुत किया है जहां स्कूल न जाने वाली लड़कियों कीअधिक संख्या वाले गांवों की पहचान करने के लिए एआई (AI) का उपयोग किया जा रहा है। इस जानकारी का उपयोग करतेहुए 21,000 से अधिक जेंडर चैंपियन इन लड़कियों की पहचान करने के लिए सबसे दुर्गम गांवों में घर-घर जाते हैं। संस्था भारतसरकार और समुदायों के साथ साझेदारी में काम करते हुए उन्हें औपचारिक शिक्षा प्रणाली में फिरसे शामिल होने का अवसर देतीहै।
एजुकेट गर्ल्स ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार राज्यों में व्यापक दृष्टिकोण के माध्यम से नामांकन के लिए
14 लाख से अधिक बालिकाओं को प्रेरित किया है और 19 लाख से अधिक विद्यार्थियों का उपचारात्मक शिक्षा प्राप्त करने
के लिए समर्थन किया है। कतार फाउंडेशन द्वारा डब्लू आई एस ई (WISE) पुरस्कार, भारत में शिक्षा के क्षेत्र में लैंगिक अंतर को
कम करने की सफ़ीना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
एजुकेट गर्ल्स की संस्थापिका सफीना ने पुरस्कार से सम्मानित होने पर बताया, “मैं पुरस्कार पाकर प्रेरित महसूस कर रही हूं।
यह हमारी सामूहिक जीत है। बालिकाओं की शिक्षा के लिए सरकार से लेकर स्थानीय समुदाय, समर्पित जेंडर चैंपियन और हमारेमूल्यवान समर्थक एक साथ काम कर रहे हैं। बालिका शिक्षा दुनिया की सबसे प्रभावी और परिवर्तनकारी शक्ति है जिसके माध्यमसे जटिल समस्याओं को हल किया जा सकता है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात, यह उनका अंतर्निहित अधिकार है। एजुकेट गर्ल्सदृढ़ता से इस परिवर्तन में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। एआई (AI) हमें वंचित समुदायों की लड़कियों को ढूंढने के लिए औरगुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में तो मदद कर सकता है, लेकिन जमिनि स्तर पर मानवीय हस्तक्षेप के बिना काम करना असंभवहै।”