श्री अटल बिहारी वाजपेयी हमारे प्रेरणा स्रोत: श्रद्धापूर्ण काव्यांजलि” का आयोजन

दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, केंद्रीय पुस्तकालय के गीतांजलि सभागार में भारत रत्न, जनप्रिय नेता,सुप्रसिद्ध कवि एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में कवि गोष्ठी “श्री अटल बिहारी वाजपेयी हमारे प्रेरणा स्रोत: श्रद्धापूर्ण काव्यांजलि” का आयोजन किया गया। इस कवि गोष्ठी की अध्यक्षता श्री सुभाष चंद्र कानखेड़िया, अध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड द्वारा की गई,  मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सत्यनारायण जटिया, पूर्व केन्द्रीय मंत्री, भारत सरकार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नरेन्द्र सिंह नीहार, प्रसिद्ध कवि साहित्यकार एवं शिक्षाविद द्वारा किया गया। कवि के रूप में विनोद चौहान प्रसून, कवि, साहित्यकार एवं संसाधक, रमेश कुमार गंगेले ‘अनंत’, कवि शिक्षक एवं सामाजिक कार्यकर्ता, श्रीमती तरुणा पुंडीर ‘तरुनिल’, कवयित्री एवं शिक्षिका तथा श्रीमती नमिता शर्मा, कवयित्री एवं शिक्षिका उपस्थित रही। दीप प्रज्ज्वलन एवं मंचासीन अतिथियों द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित कर सुप्रसिद्ध कवि एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।  

सुभाष चन्द्र कानखेड़िया, अध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड ने मुख्य अतिथि महोदय, आमंत्रित कवियों एवं  उपस्थित जनसमुदाय का स्वागत कर अभिनंदन किया और अटल जी द्वारा लिखित कुछ काव्य पंक्तियों का पाठ किया। 

मुख्य अतिथि डॉ. सत्यनारायण जटिया ने अटल जी के साथ अपने व्यक्तिगत प्रसंगों को साँझा किया। संसद की यादों के झरोखों से प्रेरक बातें बताईं। उन्होंने अटल जी द्वारा रचित कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को बहुत ही मनमोहक ढंग से अटल जी की सहृदयता, देश के लिए समर्पण, संवेदनाओं, विचारों की अमरता, उदारता, विरलता एवं विराग की शक्ति तथा उनमें कर्तव्य पथ के महत्व को विस्तार से समझाया।

कवि  गोष्ठी के संचालक नरेन्द्र सिंह नीहार ने अपने सरस और जीवन्त संचालन से श्रोताओं को निरन्तर बांधे रखा और खूब वाहवाही लूटी। कवि विनोद चौहान प्रसून ने अपने गीतों से कार्यक्रम में समां बांध दिया। कवि रमेश कुमार गंगेले, कवयित्री श्रीमती तरुणा पुंडीर एवं कवयित्री श्रीमती नमिता शर्मा द्वारा कवि गोष्ठी में बहुत की मनमोहक एवं सुन्दर ढंग से कविताओं एवं गजलों की प्रस्तुति की गई। कविताओं में अटल जी के पुण्य स्मरण के साथ-साथ मानव मन के भावों मे उतरने की गहराई और अपनापन था। सभागार में उपस्थित सभी श्रोता इन कविताओं के साथ अपने को जोड़ कर आनंदित हुए।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सहायक पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी, श्रीमती उर्मिला रौतेला द्वारा मुख्य वक्ता डॉ. सत्यनारायण जटिया, पूर्व कैबिनेट मंत्री, भारत सरकार, अध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड श्री सुभाष चंद्र कानखेड़िया,  संचालक श्री नरेन्द्र सिंह नीहार ,श्री विनोद चौहान प्रसून, श्री रमेश कुमार गंगेले, श्रीमती तरुणा पुंडीर एवं श्रीमती नमिता शर्मा एवं सभी श्रोताओं का कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के समाज शिक्षा विभाग और आई टी टीम की विशेष भूमिका रही।

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