केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार तथा विदेश एवं शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने कला उत्सव 2023 के समापन समारोह में भाग लिया। इस समारोह में अपर सचिव, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, श्री आनंदराव विष्णु पाटिल; निदेशक, एनसीईआरटी प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। कला उत्सव की राष्ट्रीय समन्वयक प्रो. ज्योत्सना तिवारी ने उत्सव के संबंध में एक संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
इस आयोजन में अपने संबोधन में डॉ. सुभाष सरकार ने स्वामी विवेकानन्द की जयंती के अवसर पर उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए उनके उद्गारों को उद्धृत किया, “कला सुंदर का प्रतिनिधित्व करती है। समस्त में कला होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि कला उत्सव का मंच केवल रचनात्मकता का ही गुणगान नहीं करता है, अपितु यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में भी प्रतिध्वनित है। डॉ. सरकार ने कहा, कि एनईपी 2020 सभी को शिक्षा प्रदान करने पर जोर देती है, जो व्यक्ति में नैतिक मूल्यों, सांस्कृतिक, व्यावहारिक, पारंपरिक तार्किक, संज्ञानात्मक और बुनियादी क्षमताओं का विकास करती है।
श्री राजकुमार रंजन सिंह ने अपने भाषण में देश की कला और संस्कृति की विरासत को शिक्षा के क्षेत्र में संरक्षित और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कला उत्सव की परिकल्पना करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कला उत्सव सीमाओं से परे हमारे जीवन को आकार देने और विविधता के कीर्तिगान में हमें एकजुट करने में कला की शक्ति का प्रतीक रहा है।
श्री पाटिल ने अपने संबोधन में इस बात का उल्लेख किया कि किस प्रकार कला रूपों का उपयोग तनाव मिटाने के साधन के रूप में किया जा सकता है। उन्होंने समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं की चर्चा करते हुए प्रतिभागियों से देश की स्थिति को बनाए रखने के लिए अपने कौशल को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया।
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने 9-12 जनवरी 2024 को राष्ट्रीय बाल भवन तथा गांधी स्मृति और दर्शन समिति, नई दिल्ली में कला उत्सव 2023 का आयोजन किया।
कला उत्सव 2023 में 10 कला रूपों की प्रस्तुति की गई : 1. स्वर संगीत – शास्त्रीय; 2. स्वर संगीत – पारंपरिक लोक; 3. वाद्य संगीत – ताल वाद्य; 4. वाद्य संगीत – मधुर; 5. नृत्य – शास्त्रीय; 6. नृत्य – लोक; 7. दृश्य कला (द्वि-आयामी); 8. दृश्य कला (3-आयामी); 9. स्वदेशी खिलौने और खेल; और 10. नाटक (एकल अभिनय)। इस वर्ष 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति की 336 लड़कियों और 334 लड़कों ने इन सभी शैलियों में अपनी कला का प्रदर्शन किया।