पटना : नॉर्थ इंडिया के लीडिंग अस्पतालों में शुमार मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत (दिल्ली) के सीनियर डॉक्टरों ने ब्लड से जुड़ी दिक्कतों, जोड़ों की समस्याओं और रीढ़ संबंधी बीमारियों के इलाज के तौर-तरीकों में हाल में हुई प्रगति पर लोगों को जानकारी दी। इसके लिए आज एक जन जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। मैक्स अस्पताल साकेत के अलग-अलग डॉक्टर्स इस सेशन में मौजूद रहे। मैक्स अस्पताल में हेमाटोलॉजी ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. रियाज अहमद, ऑथोपेंडिक्स एंड ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर, डा. राकेश मट्टू, ऑथोपेंडिक एंड ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट, स्पाइन सर्जरी के कुमार सक्सेना इस अवेयरनेस सेशन का हिस्सा रहे। खून से जुड़ी एक्यूट ल्यूकेमिया, मल्टीपल मायलोमा, अप्लास्टिक एनीमिया, थैलेसीमिया मेजर, सिकल सेल रोग जैसी दिक्कतें और कई अन्य कैंसर जिन्हें घातक माना जाता था, अब बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन (बीएमटी) के साथ इन बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।
ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. रियाज अहमद 1000 से ज्यादा बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन कर चुके हैं। उन्होंने इस बारे में बताया, हेमटोलॉजी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में हुई प्रगति के साथ, बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन (बीएमटी) सबसे बेहतर ट्रीटमेंट के रूप में उभर रहा है। बोन मैरो हड्डियों के अंदर का मुलायम वसायुक्त ऊतक होता है, जो रक्त कोशिकाओं में फैलता है। इसकी प्रक्रिया को दो हिस्सों बांटा गया है- एलोजेनिक (टिशू मैच वाला कोई भी डोनर ) और ऑटोलॉगस (जहां स्टेम सेल एक ही शरीर से लिए जाते हैं।