आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा संयुक्‍त राष्‍ट्र विकास कार्यक्रम के सहयोग से ‘शहरी आजीविका पर राष्ट्रीय कार्यशाला’ का आयोजन किया गया

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) के तहत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सहयोग से 15-16 फरवरी, 2024 तक रांची, झारखंड में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस आयोजित कार्यशाला में देश भर से लगभग 150 प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ, शहरी आजीविका में नवीन रुझानों और अवसरों पर उच्च स्तरीय विचार-विमर्श के लिए एक मंच प्रस्‍तुत किया गया, जिसमें शहरी भारत में महिलाओं के लिए आत्‍मनिर्भरता और सशक्तिकरण को प्रोत्‍साहित करने के लिए प्राथमिक रूप से ध्यान दिया गया। प्रतिभागियों में राज्य शहरी आजीविका मिशन के राज्य मिशन निदेशक, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय और झारखंड राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, भारत के संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के वरिष्ठ अधिकारी, अग्रणी क्षेत्र के विशेषज्ञ और अनुसंधान संस्थानों, स्टार्ट-अप्‍स, धर्मार्थ सहायता और दानदाता संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।

इस आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं के नेतृत्व में शहरी आजीविका और जलवायु, सेवाओं, खुदरा और विनिर्माण में नवीन क्षेत्रों और विभिन्‍न उद्यमों को प्रोत्‍साहित करने के लिए सक्षम  कार्यप्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई पैनल चर्चाएं की गई। इस कार्यक्रम के द्वारा  बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एनएमपीआई) और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और नवोन्मेष वित्तीय निवेशों की पहचान के माध्यम से शहरी गरीबी की समस्‍या के निवारण में धर्मार्थ सहायता की भूमिका जैसे अन्य विषयों से भी अवगत कराया गया।

इस कार्यशाला ने राज्यों के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया, जिसमें महिलाओं के नेतृत्व में शहरी आजीविका और आर्थिक वृद्धि से संबंधित सर्वोत्तम प्रणालियों को साझा करने, सहकर्मियों से सीखने और अन्य राज्यों द्वारा सफल मॉडलों की सहज पुनरावृत्ति की गई।

कार्यक्रम के दौरान, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री राहुल कपूर ने शहरी देखभाल मॉडल की अवधारणा प्रस्‍तुत की, जिसके द्वारा शहरी गरीबों के लिए देखभाल का बुनियादी ढांचा और सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिससे उन्‍हें आजीविका के अवसर सुलभता से प्राप्‍त होते हैं और छोटे बच्चों की देखभाल के लिए अनुकूल वातावरण को प्रोत्‍साहन मिलता है। उन्होंने कहा, “शहरी नियोजन देखभाल योजना के साथ चलता है। शहरी गरीबी की समस्या के निवारण के लिए हमें एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। देखभाल के दर्शनशास्‍त्र को शहर के डिजाइन में एकीकृत किया जाना चाहिए, बुनियादी ढांचा मजबूत होना चाहिए जो महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों का ध्‍यान रखता है, और सभी के लिए एक सुरक्षित शहर सुनिश्चित करता है। घर और कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए अनुकूल वातावरण होने से श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी में भी सुधार होगा।”

कार्यक्रम में अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम इंडिया की रेजिडेंट प्रतिनिधि सुश्री इसाबेल त्सचान ने कहा, “वर्ष 2030 के एजेंडा के हिस्से के रूप में सतत विकास के लिए, एसडीजी 11- चिरस्‍थाई शहर और समुदाय, शहरों के सामने आने वाली विकट चुनौतियों की पहचान और समावेशी, सुरक्षित, लचीलेपन और सतत शहरी विकास पर जोर दिया। राष्ट्रीय और राज्य, शहरी आजीविका मिशन, सभी शहरी निवासियों, विशेष रूप से पूर्ण हाशिए पर रहने वाले लोगों और महिलाओं के लिए बुनियादी सेवाओं, किफायती वहनीय आवास और बेहतर रहने की स्थिति तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करके इस लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम आजीविका संवर्धन नीतियों और समुदायों के लिए अनुकूलित समाधानों के माध्यम से शहरी गरीबी के निवारण के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के साथ कार्य करने के लिए तैयार है।”

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) के बारे में

भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 24 सितंबर, 2013 को दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) का शुभारंभ किया गया। इसका उद्देश्य मजबूत जमीनी स्तर के संस्थानों के निर्माण के माध्यम से स्थायी आधार पर शहरी गरीब परिवारों को स्‍व-रोजगार और कौशल मजदूरी रोजगार के अवसर जिसके परिणामस्वरूप गरीबों के लिए उनकी आजीविका में सराहनीय सुधार हुआ है। मिशन का उद्देश्य शहरी बेघरों को आवश्यक सेवाओं के साथ आश्रय प्रदान करना है। इसके अलावा, मिशन उपयुक्त स्थानों, संस्थागत ऋण, सामाजिक सुरक्षा आदि द्वारा शहरी स्ट्रीट विक्रेताओं की आजीविका संबंधी समस्‍याओं का संबोधन भी करता है।

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम(यूएनडीपी) इंडिया के बारे में

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम वर्ष 1951 से भारत में मानव विकास के लगभग सभी क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। यह भारत सरकार और विकास भागीदारों के साथ मिलकर गरीबी उन्मूलन, असमानताओं को कम करने, स्थानीय शासन को मजबूत करने, सामुदायिक लचीलेपन को बढ़ाने, पर्यावरण की रक्षा करने, नीतिगत पहल और संस्थागत सुधारों का समर्थन करने और सभी के लिए सतत विकास को गति प्रदान करने की दिशा में कार्य करता है।

Loading

Translate »