हमारा दृढ़ विश्वास है कि महिलाओं का सशक्तिकरण करने से राष्ट्र सशक्त होगा: श्री शेखावत
केंद्रीय जल मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 09 मार्च, 2024 को नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन” अभियान के पांचवें संस्करण का शुभारंभ किया।”नारी शक्ति से जल शक्ति” थीम वाले इस अभियान में जल संरक्षण एवं प्रबंधन में महिलाओं की अभिन्न भूमिका पर बल दिया गया है। यह अभियान पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय जल मिशन, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प विभाग के अंतर्गत आता है। केंद्रीय मंत्री ने दो पुस्तकों “जल शक्ति अभियान 2019 से 2023- द जर्नी फॉर सस्टेनेबल वाटर फ्यूचर” और “महिला शक्ति की 101 झलक: जल जीवन मिशन के प्रिज़्म के माध्यम से”को जारी किया।
इस कार्यक्रम की शुरुआत’जल कलश’समारोह के साथ हुआ, जो भविष्य में जल संरक्षण एवं इसके सतत उपयोग के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।कार्यक्रम के दौरान दो लघु फिल्में “जल शक्ति अभियान 2019 से 2023 – जल सुरक्षा की ओर अग्रसर एक सार्वजनिक आंदोलन” और “जल जीवन मिशन की लघु फिल्में” और लद्दाख की वृत्तचित्र भी प्रदर्शित की गईं, जिनमेंमहिलायोद्धाओं, सरपंचों, वीडब्ल्यूएससी सदस्यों, राज्य सरकारों के पंप ऑपरेटरों, जल संसाधन विभाग, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों, राज्य सरकारों के अधिकारियों, जल शक्ति मंत्रालय के भागीदार मंत्रालयों/विभागों के अधिकारियों, प्रेस/मीडियाकर्मियों आदि की भागीदारी देखी गई।
केंद्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने इस अवसर पर उपस्थित गणमान्यों को संबोधित करते हुए जल संरक्षण एवं सतत प्रबंधन के महत्व पर बल दिया तथा जीवन और अर्थव्यवस्था में जल की अनिवार्य भूमिका पर प्रकाश डाला। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘जेएसए: सीटीआर-2024’ जल संरक्षण एवं सतत विकास के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है और इन प्रयासों में ‘नारी शक्ति’अग्रणी भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि महिलाओं का सशक्तीकरण करने से राष्ट्र सशक्त होगा।मंत्री ने कहा कि इस समारोह में शामिह होने वाली महिलाएं देश की उन सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो हमारे देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने के हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने की जिम्मेदारी उठा रही हैं। उन्होंने जल शक्ति अभियान, स्वच्छ भारत अभियान, जल जीवन मिशन और अटल भूजल योजना जैसी योजनाओं/अभियानों की सफलता में योगदान देने और सराहनीय कोशिश करनेवाली महिलाओं की सराहना की।उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि महिलाओं ने अपने सामूहिक प्रयासों के माध्यम से जल संसाधनों का संरक्षणप्रभावी रूप से किया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में अनुकूलन एवं नवाचार करने की क्षमता है, जो जल संसाधन प्रबंधन में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपनी शक्ति एवं क्षमता का प्रदर्शन करती है। उन्होंने अपना दृष्टिकोण बदलने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की और कहा कि हम ‘कमजोर 5’अर्थव्यवस्थासे ‘शीर्ष 5’अर्थव्यवस्था बन चुके हैं।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, हमारा लक्ष्य भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनानाहै, जिससे देश की आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, जिसके कारणदेश में पानी की मांग बढ़ेगी जिसे प्रभावी एकीकृत जल प्रबंधन के माध्यम सेपूरा किया जाएगा। भारत में पानी की मांग भूजल एवं वर्षा पर बहुत ज्यादा निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि पाइप से पानी आपूर्ति की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए फील्ड टेस्टिंग किट (एफटीके) का उपयोग कर पानी के नमूनों का परीक्षण करने के लिए लगभग 24 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है।मंत्री ने कहा कि अटल भूजल योजना में जल बजट और जल सुरक्षा योजनाओं की तैयारी के लिए ग्राम पंचायत में कम से कम 33 प्रतिशत महिला सदस्यों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है। मंत्री ने केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की। मंत्री ने पिछले अभियानों में देश के नागरिकों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की, जिन्होंनेइस अभियान को जल संरक्षण के लिए जन आंदोलन बना दिया। श्री शेखावत ने सभी नागरिकों से “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन” – 2024 में सक्रिय रूप से शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने इसे जल-सुरक्षित और सतत भविष्य की दिशा में एक परिवर्तनकारी आंदोलन कहा।
सुश्री देबाश्री मुखर्जी, सचिव,जल संसाधन विभाग और नदी विकास एवं गंगा संरक्षण ने जल संग्रहण के महत्वपूर्ण कार्य और समुदायों का रूपांतण करने में स्वच्छ जल स्रोतों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने जल शक्ति अभियान में शामिल सभी हितधारकों की प्रतिबद्धता एवं समर्पण को स्वीकार किया और पानी संबंधित चुनौतियों का समाधान करने में केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों की सराहना की।उन्होंने भारत सरकार द्वाराजुलाई 2019 में शुरू किए गए जल जीवन मिशन (जेजेएम) की सफलता और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में समाज कल्याण करने के लिए इसके सकारात्मक प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने मिशन द्वारा प्राप्त हाल की उपलब्धि यानी नल जल कनेक्शन को75%ग्रामीण परिवारों तक पहुंचाने पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने पाइप जलापूर्ति योजनाओं की दीर्घकालिक महत्व को सुनिश्चित करने के लिए वर्षा जल संरक्षण, भूजल रिचार्ज, स्वच्छ नदियों के लिए लोगों से भागीदारी करने का आग्रह किया।श्रीमती मुखर्जी ने लोगों से ऐसे भविष्य के निर्माण में मिलकर काम करने का आह्वान किया जहां प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ और सतत जल स्रोत उपलब्ध हो सके।
इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से उपस्थित हुई महिला जल योद्धाओं ने जल संरक्षण की कोशिश में अपने अनुभवों, चुनौतियों और सफलताओं को साझा किया। उनकी कहानियां प्रेरणा स्रोत के रूप में काम करेंगी, जो स्थायी जल प्रथाओं को अपनाने में महिलाओं के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डालेंगी।
इस अभियान के केंद्रित मध्यवर्तनों में (1) जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन, (2) सभी जल निकायों की गणना, भू-टैगिंग एवं सूची तैयार करना; जल संरक्षण के लिए वैज्ञानिक योजनाएं बनाना, (3) सभी जिलों में जल शक्ति केंद्रों की स्थापना, (4) सघन वनीकरण और (5) जागरूकता सृजनशामिल हैं।