प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘इंडियाज टेकेड: चिप्स फॉर विकसित भारत’ कार्यक्रम को संबोधित किया और लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये की तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला रखी। आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, उनमें गुजरात के धोलेरा में विशेष निवेश क्षेत्र (डीएसआईआर) में सेमीकंडक्टर निर्माण केंद्र, असम के मोरीगांव में आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) केंद्र और गुजरात के साणंद में आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) केंद्र शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि आज का ऐतिहासिक अवसर भारत के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि गुजरात के धोलेरा तथा साणंद और असम के मोरेगांव में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये की तीन प्रमुख सेमीकंडक्टर विनिर्माण परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इन प्रमुख पहलों के लिए नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि आज शिलान्यास की गई परियोजनाएं भारत को सेमीकंडक्टर का केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने इस कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से ताइवान के सेमीकंडक्टर उद्योग से जुड़ी हस्तियों की उपस्थिति की चर्चा की और आज के आयोजन के लिए उत्साह व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बताया कि 60,000 से अधिक कॉलेज, विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान वर्चुअल तरीके से इस अनूठे आयोजन से जुड़े थे। प्रधानमंत्री ने आज के कार्यक्रम को युवाओं के सपनों का कार्यक्रम बताया, क्योंकि वे ही भारत के भविष्य के वास्तविक हितधारक हैं। युवा देख रहे हैं कि कैसे भारत आत्मनिर्भरता और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में मजबूत उपस्थिति के लिए बहुआयामी तरीके से काम कर रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आत्मविश्वासी युवा देश की किस्मत बदल सकता है।
प्रौद्योगिकी-संचालित 21वीं सदी में इलेक्ट्रॉनिक चिप्स की विशेष भूमिका का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में निर्मित और भारत में डिज़ाइन किये गए चिप्स भारत को आत्मनिर्भरता और आधुनिकीकरण की ओर ले जाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न कारणों से पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों से चूकने के बाद, भारत अब चौथी औद्योगिक क्रांति उद्योग 4.0 का नेतृत्व करने के इरादे से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने हर पल का सदुपयोग करने की जरूरत पर जोर देते हुए आज के कार्यक्रम को इस बात का उदाहरण बताया कि सरकार कितनी तेजी से काम कर रही है। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में हुई प्रगति का क्रम समझाते हुए प्रधानमंत्री ने दो साल पहले सेमीकंडक्टर मिशन की घोषणा की चर्चा की और कहा कि उसके कुछ ही महीनों के भीतर पहले एमओयू पर हस्ताक्षर किए गये और अब तीन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जो संकल्प लेता है, उसे भारत और यहां का लोकतंत्र पूरा करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में केवल मुट्ठी भर देश ही आज सेमीकंडक्टर का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कोरोनो वायरस महामारी के कारण हुए व्यवधानों के बाद एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का इच्छुक है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की तकनीकी क्षेत्र, परमाणु और डिजिटल शक्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए वाणिज्यिक उत्पादन करने के लिए तैयार है। भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह दिन दूर नहीं है जब भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए उत्पादों के निर्माण में एक वैश्विक शक्ति बन जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज लिए गए नीतिगत निर्णयों से भारत को भविष्य में रणनीतिक लाभ मिलेगा क्योंकि व्यापार करने में आसानी और कानूनों के सरलीकरण को प्रोत्साहित करने का काम किया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में 40,000 से अधिक गैर-जरूरी अनुपालनों को समाप्त कर दिया गया है और एफडीआई के नियमों को भी सरल बनाया गया है। रक्षा, बीमा और दूरसंचार क्षेत्रों में एफडीआई नीतियों को उदार बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने इलेक्ट्रॉनिकी और हार्डवेयर विनिर्माण में भारत की बढ़ती स्थिति का भी जिक्र किया, जहां बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक और आईटी हार्डवेयर विनिर्माण और इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर बनाने के लिए पीएलआई योजनाएं प्रदान की गई हैं, जिससे इलेक्ट्रॉनिक इको-सिस्टम के विकास को मंच मिला है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता है। प्रधानमंत्री ने भारत के क्वांटम मिशन की शुरुआत, नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना और एआई मिशन के विस्तार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत प्रौद्योगिकी अपनाने के अलावा प्रौद्योगिकी उन्नति की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अनुसंधान से युवाओं को सबसे ज्यादा फायदा होगा। कई उद्योगों में सेमीकंडक्टर के इस्तेमाल पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर सिर्फ एक उद्योग नहीं है, बल्कि यह असीमित संभावनाओं से भरे द्वार भी खोलता है। उन्होंने वैश्विक चिप डिजाइन और विनिर्माण में भारतीय प्रतिभा की बड़ी उपस्थिति की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और देश आज सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज के युवा अपने लिए पैदा हो रहे अवसरों से अच्छी तरह परिचित हैं, चाहे वह अंतरिक्ष हो या मानचित्रण क्षेत्र। उन्होंने युवाओं के लिए इन क्षेत्रों को खोलने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनने के लिए अभूतपूर्व प्रोत्साहन को श्रेय दिया और कहा कि आज का आयोजन सेमीकंडक्टर क्षेत्र में स्टार्टअप के लिए नए अवसर पैदा करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आज की परियोजनाएं युवाओं के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी में नौकरियां प्रदान करेंगी।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने लाल किले से अपने उद्बोधन – यही समय है, सही समय है, को याद करते हुए कहा कि इस विश्वास के साथ बनाई गई नीतियां और लिये गये फैसले बेहतर नतीजे देते हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब पुरानी सोच और पुराने दृष्टिकोण से बहुत आगे निकल चुका है। भारत अब तेज़ गति से निर्णय ले रहा है और नीतियां बना रहा है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले 1960 के दशक में भारत ने सेमीकंडक्टर को लेकर सपने संजोये थे, लेकिन इच्छाशक्ति की कमी और संकल्पों को उपलब्धियों में बदलने के प्रयास नहीं करने के कारण तत्कालीन सरकारें इस सपने को पूरा करने में विफल रहीं। उन्होंने देश की क्षमता, प्राथमिकताओं और भविष्य की जरूरतों को समझने में पिछली सरकारों की अक्षमता पर भी अफसोस जताया। वर्तमान सरकार की दूरदर्शी सोच और भविष्यवादी दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की महत्वाकांक्षा के साथ सेमीकंडक्टर विनिर्माण में भारत के शामिल होने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश की सभी प्राथमिकताओं का ध्यान रखा है। उन्होंने गरीबों के लिए पक्के मकानों में निवेश के साथ-साथ अनुसंधान को प्रोत्साहित करने, दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता आंदोलन चलाने से लेकर सेमीकंडक्टर विनिर्माण में आगे बढ़ने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के साथ गरीबी में तेजी से कमी लाने से लेकर बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचागत निवेश तक का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 में ही 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की आधारशिला रखी गई और उद्घाटन किया गया। उन्होंने कल पोखरण में भारत शक्ति अभ्यास का उल्लेख किया, जिसने 21वीं सदी के भारत के आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की झलक दिखी। उन्होंने अग्नि-5 के रूप में भारत के दुनिया के विशिष्ट क्लब में शामिल होने, कृषि क्षेत्र में ड्रोन क्रांति की शुरुआत 2 दिन पहले होने जिसमें नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत महिलाओं को हजारों ड्रोन सौंपे गए, गगनयान के लिए भारत की तैयारियों के जोर पकड़ने और हाल ही में भारत के पहले मेड इन इंडिया फास्ट ब्रीडर परमाणु रिएक्टर का उद्घाटन किये जाने का जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये सारे प्रयास, ये सारी परियोजनाएं भारत को विकास के लक्ष्य के करीब ले जा रही हैं और निश्चित रूप से, आज की इन तीन परियोजनाओं की भी इसमें बहुत बड़ी भूमिका होगी।
प्रधानमंत्री ने आज की दुनिया में एआई के उद्भव पर भी प्रकाश डाला और बहुत ही कम समय में अपने भाषण का कई भाषाओं में अनुवाद किये जाने का उदाहरण दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री के संदेश को विभिन्न भारतीय भाषाओं में देश भर में फैलाने की पहल करने के लिए भारत के युवाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत के युवा सक्षम हैं और उन्हें बस मौके की तलाश है। सेमीकंडक्टर पहल आज भारत में वह अवसर लेकर आई है। प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर में हो रहे विकास की सराहना की क्योंकि आज तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं में से एक की आधारशिला असम में रखी जा रही है। अपने संबोधन को विराम देते हुए प्रधानमंत्री ने सभी से भारत की प्रगति को तेज करने का आह्वान किया और कहा कि मोदी की गारंटी आपके और आपके भविष्य के लिए है।
इस अवसर पर अन्य लोगों के साथ ही केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर, असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा सरमा, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल, सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड के अध्यक्ष श्री वेल्लायन सुब्बैया और टाटा संस के अध्यक्ष श्री नटराजन चंद्रशेखरन उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों के सृजन को बढ़ावा देने के लिए भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना प्रधानमंत्री का प्रयास रहा है। इसी प्रयास के तहत, गुजरात में धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (डीएसआईआर) में सेमीकंडक्टर निर्माण केंद्र; असम के मोरीगांव में आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) केंद्र और गुजरात के साणंद में आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) केंद्र की आधारशिला रखी गई।
भारत में सेमीकंडक्टर फैब्स की स्थापना के लिए संशोधित योजना के तहत गुजरात में धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (डीएसआईआर) में सेमीकंडक्टर निर्माण केंद्र की स्थापना टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) करेगा। 91,000 करोड़ रुपये से अधिक के कुल निवेश के साथ यह देश का पहला वाणिज्यिक सेमीकंडक्टर फैब होगा।
सेमीकंडक्टर असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी) के लिए संशोधित योजना के तहत असम के मोरीगांव में आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) केंद्र की स्थापना टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) करेगा। इस पर कुल निवेश लगभग 27,000 करोड़ रुपये होगा।
सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी) के लिए संशोधित योजना के तहत गुजरात के साणंद में आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) केंद्र की स्थापना सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड करेगा। इस पर कुल निवेश लगभग 7,500 करोड़ रुपये होगा।
इन परियोजनाओं से भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का उभार होगा और देश में इसे मजबूती मिलेगी। ये इकाइयां सेमीकंडक्टर उद्योग में हजारों युवाओं को रोजगार प्रदान करेंगी और साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार आदि जैसे संबंधित क्षेत्रों में भी रोजगार सृजन को उत्प्रेरित करेंगी।
इस कार्यक्रम में हजारों कॉलेज छात्रों और सेमीकंडक्टर उद्योग से जुड़े लोगों सहित युवाओं की भारी भागीदारी देखी गई।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘इंडियाज़ टेकेड: चिप्स फॉर विकसित भारत’ में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
नमस्कार।
केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्री अश्विनी वैष्णव जी, राजीव चंद्रशेखर जी, असम और गुजरात के मुख्यमंत्री, टाटा ग्रुप के चेयरमैन श्री एन चंद्रशेखरन, सीजी पावर के चेयरमैन वेल्लायन सुबैय्या जी, केंद्र, राज्य एवं इंडस्ट्रीज से जुड़े अन्य सभी वरिष्ठ महानुभाव, देवियों और सज्जनों!
आज का ये दिन ऐतिहासिक है। आज हम इतिहास भी रच रहे हैं और उज्ज्वल भविष्य की तरफ एक बहुत बड़ा मजबूत कदम भी उठा रहे हैं। आज Semi-conductor manufacturing से जुड़े करीब सवा लाख करोड़ रुपए के तीन बड़े प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास हुआ है। गुजरात के धोलेरा और साणंद में Semi-conductor Facility हो, असम के मोरीगांव में Semi-conductor Facility हो, ये भारत को Semi-conductor manufacturing का एक बड़ा ग्लोबल हब बनाने में मदद करेंगी। मैं सभी देशवासियों को इस महत्वपूर्ण पहल के लिए, एक महत्वपूर्ण शुरूआत के लिए, एक मजबूत कदम के लिए, इस आयोजन को लेकर बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज इस कार्यक्रम में Taiwan के हमारे साथी भी वर्चुअल रूप से शामिल हुए हैं। मैं भी भारत के इन प्रयासों से काफी उत्साहित हूं।
साथियों,
इस अभूतपूर्व अवसर पर हमारे साथ देश के 60 हजार से ज्यादा कॉलेज, यूनिवर्सिटीज औऱ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट भी जुड़े हुए हैं। ये अपने आप में एक रिकॉर्ड ही है। मैंने मंत्रालय से विशेष आग्रह किया था कि आज का ये कार्यक्रम देश के नौजवानों के सपनों का कार्यक्रम है। और इसलिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में आज इस कार्यक्रम में हमारे युवाओं को जोड़ना चाहिए। आज का आयोजन भले ही Semi-conductor projects की शुरुआत का हो लेकिन भविष्य के भारत के असली स्टेकहोल्डर्स अगर कोई है तो ये मेरे सामने बैठे हुए मेरे युवा, मेरे नौजवान, मेरे स्टूडेंट्स, ये ही मेरे भारत की शक्ति है। इसलिए मेरी इच्छा थी कि भारत के छात्र इस ऐतिहासक क्षण के साक्षी जरूर बनें। आज वो देख रहे हैं कि भारत किस तरह प्रगति के लिए, आत्मनिर्भरता के लिए, global supply chain में अपनी मजबूत उपस्थिति के लिए चौतरफा काम कर रहा है। इन प्रयासों से उनका भी आत्मविश्वास बढ़ेगा। और आत्मविश्वास से भरा युवा कहीं भी हो, वो अपने देश का भाग्य बदल देता है। मैं इस कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से शामिल प्रत्येक छात्र का स्वागत करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं।
Friends,
21वीं सदी, technology-driven century है और electronic chip के बिना उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। Made In India chip…Designed In India chip, भारत को आत्मनिर्भरता की तरफ ले जाने, आधुनिकता की तरफ ले जाने में, बहुत बड़ा सामर्थ्य पैदा करेगी। पहली, दूसरी और तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय, भारत अनेक कारणों से पीछे रह गया था। लेकिन अब भारत, Industry 4.0, चौथी औद्योगिक क्रांति के नेतृत्व के इरादे से आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। हम एक पल भी गंवाना नहीं चाहते। और हम इस दिशा में कितनी तेजी से काम कर रहे हैं, आज का ये कार्यक्रम इसका भी एक उदाहरण है। हमने 2 साल पहले Semi-conductor mission शुरू करते हुए, initiatives लेने की घोषणा की। इसके कुछ ही महीनों में हमारे पहले MoUs साइन हो गए। और आज सिर्फ कुछ महीनों के भीतर हम 3 प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास कर रहे हैं। India commits, India delivers and Democracy delivers!!!
साथियों,
दुनिया के बस कुछ देश ही आज Semi-conductors की manufacturing कर रहे हैं। और Corona ने हमें ये सबक दिय़ा है कि दुनिया को एक reliable और resilient support supply chain की सख्त जरूरत है। भारत इसमें एक बहुत बड़ी भूमिका निभाने के लिए तत्पर है। भारत पहले ही एक space, nuclear और digital power है। आने वाले समय में हम Semi-conductor sector से जुड़े products का commercial production करेंगे। वो दिन दूर नहीं जब भारत, इसमें भी एक global power बनेगा। भारत अभी जो फैसले ले रहा है, जो नीतियां बना रहा है, उसका भी हमें strategic advantage मिलेगा। हमने ease of doing business को बढ़ावा दिया है, हमने कानूनों को आसान किया है। बीते वर्षों में हमारी सरकार ने 40 हजार से ज्यादा compliances खत्म किए हैं। भारत में निवेशकों के लिए FDI के नियम भी आसान हुए हैं। Defence, insurance और telecom जैसे sectors में FDI Policy को और liberal किया गया है। हाल के वर्षों में हमने electronics और hardware manufacturing में भी अपनी position को और मजबूत किया है। Large scale electronics manufacturing और IT hardware के लिए PLI schemes हो, electronic components के लिए schemes हो, या फिर, electronics manufacturing clusters हों, इन सभी में भारत ने incentives देकर electronics ecosystem को तरक्की के नए अवसर दिए हैं। आज भारत पूरी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा mobile phone manufacturer है। कुछ समय पहले हमने National Quantum Mission की भी शुरुआत की है। Innovation को बढ़ावा देने के लिए National Research Foundation की स्थापना भी की गई है। India AI Mission का भी तेजी से विस्तार होने जा रहा है। यानि हम सिर्फ technology adoption नहीं, technology advancement के रास्ते पर भी बढ़ रहे हैं।
साथियों,
Semi-conductor industry का सबसे ज्यादा लाभ अगर किसी को मिलने वाला है, तो वो हमारे भारत के युवा हैं। Semi-conductor industry से communication से transportation तक, कई सेक्टर्स जुड़े होते हैं। Global economy में भी इस इंडस्ट्री से कई बिलियन डॉलर का revenue और employment generation होता है। यानि, chip manufacturing सिर्फ एक इंडस्ट्री मात्र नहीं है, ये विकास का वो द्वार खोलती है, जो असीम संभावनाओं से भरा हुआ है। इस सेक्टर से ना सिर्फ भारत में रोजगार के नए अवसर बनने वाले हैं, बल्कि technological advancements के क्षेत्र में भी बड़ी प्रगति होने वाली है। आज दुनिया भर की Semi-conductor chip के पीछे जो डिजाइन है और उस डिजाइन के पीछे का जो दिमाग है, वो दिमाग अधिकांश भारत के युवा का ही है। इसलिए आज जब भारत, Semi-conductor manufacturing के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है तो हम talent ecosystem की इस cycle सायकिल को एक प्रकार से कंप्लीट कर रहे हैं। आज, अभी इस कार्यक्रम में हमारे साथ जुड़े हुए युवा ये जानते हैं कि कैसे आज देश में उनके लिए नई-नई संभावनाएं बन रही हैं, नए अवसर बन रहे हैं। Space का सेक्टर हो, mapping का सेक्टर हो, भारत ने अपने युवाओं के लिए इन सेक्टर्स को पूरी तरह खोल दिया है। हमारी सरकार ने start-up ecosystem को जो इंसेन्टिव दिए हैं, जो प्रोत्साहन दिया है, वो अभूतपूर्व है। और इसी का कमाल है कि इतने कम वर्षों में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा startup ecosystem बन गया है। अब आज के इस आयोजन के बाद Semi-conductor sector में भी हमारे startups के लिए नए मौके बनने जा रहे हैं। मुझे विश्वास है कि ये नई शुरुआत हमारी युवा पीढ़ी को advanced technology jobs से जुड़ने की नई opportunities देगी।
साथियों,
आपको याद होगा, लाल किले से मैंने कहा था, यही समय है, सही समय है। जब हम इस भावना के साथ नीतियां बनाते हैं, निर्णय लेते हैं तो नतीजे भी मिलते हैं। भारत अब पुरानी सोच और पुरानी अप्रोच, ये छोड़ चुका है, बहुत आगे निकल गया है। भारत अब तेज गति से निर्णय ले रहा है, नीतियां बना रहा है। हम पहले ही Semi-conductor manufacturing में कई दशक खो चुके हैं, लेकिन अब हमें एक पल भी गवाना नहीं है और अब ऐसा नहीं होगा। भारत ने सबसे पहले साठ के दशक में semi-conductor manufacturing का सपना देखा था, इस बारे में सोचा था। लेकिन इस सपने के बाद भी, इस सोच के बाद भी तब की सरकारें, उन अवसरों का लाभ नहीं ले पाईं। इसके सबसे बड़े कारण थे। इच्छाशक्ति की कमी, अपने संकल्पों को सिद्धि में बदलने के लिए प्रयास की कमी, और देश के लिए दूरगामी फैसले लेने की क्षमता की कमी। इस वजह से वर्षों तक, भारत का semi-conductor बनाने का सपना, बस सपना ही रह गया। उन दशकों में जो लोग सरकार में रहे, वो भी सोचते थे कि – अरे जल्दी क्या है…समय आएगा तब हो जाएगा। सरकारों को लगता था कि ये तो भविष्य की जरूरत है, इसका समाधान अभी क्यों करना। वो लोग देश की priorities को भी balance नहीं कर पाए, देश के सामर्थ्य को भी समझ नहीं पाए। उन लोगों को लगा कि भारत तो गरीब देश है…भारत Semi-conductor manufacturing जैसी high-tech चीज को कैसे मैनेज कर पाएगा। वो लोग भारत की गरीबी की आड़ में आधुनिक जरूरत के ऐसे हर investment को नजरअंदाज करते रहे। वो हजारों करोड़ के घोटाले कर लेते थे लेकिन Semi-conductor manufacturing पर हजारों करोड़ रुपए Invest नहीं कर पाए। ऐसी सोच के साथ किसी देश का विकास नहीं हो सकता। इसलिए हमारी सरकार forward looking सोच और futuristic approach के साथ काम कर रही है। आज हम Semi-conductor manufacturing में उन ambitions के साथ बढ़ रहे हैं जो विकसित देशों के साथ compete कर सकें। हमारे देश की सारी प्राथमिकताओं का भी ध्यान रखा है। एक तरफ हम गरीबों के पक्के घर बनवा रहे हैं तो दूसरी तरफ भारत, research को बढ़ावा देने के लिए भी लाखों करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। एक तरफ हम विश्व का सबसे बड़ा sanitation movement चला रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, भारत Semi-conductor manufacturing पर भी आगे बढ़ रहा है। हम एक तरफ देश में तेजी से गरीबी कम कर रहे हैं और दूसरी तरफ भारत में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का भी निर्माण कर रहे हैं, देश को आत्मनिर्भर भी बना रहे हैं। सिर्फ 2024 में ही मैं अब तक 12 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर चुका हूं। कल ही हमने पोखरण में 21वीं सदी के भारत के आत्मनिर्भर defense sector की झांकी देखी। दो दिन पहले ही भारत ने अग्नि-5 के रूप में, भारत को दुनिया के exclusive club में शामिल होते देखा। 2 दिन पहले ही देश की खेती में ड्रोन क्रांति की शुरुआत हुई। नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत हज़ारों ड्रोन महिलाओं को सौंपे गए। गगनयान को लेकर भी भारत की तैयारी में और तेजी आई है। हाल में ही, देश को अपना पहला Made in India fast breeder nuclear reactor मिला है। ये सारे प्रयास, ये सारे प्रोजेक्ट, भारत को विकसित होने के लक्ष्य के और निकट ले जा रहे हैं, तेज गति से ले जा रहे हैं। और निश्चित तौर पर आज के इन तीन प्रोजेक्ट की भी इसमें बड़ी भूमिका होगी।
और साथियों,
आप जानते हैं आज चारों तरफ AI की भी उतनी ही चर्चा है। भारत की टेलेंट आज AI की दुनिया में उसका बहुत बड़ा दबदबा है। आपने देखा होगा पिछले एक-दो सप्ताह से मेरे जितने भी भाषण होत हैं। कुछ युवा, नौजवान मेरे पास आए, उन्होंने कहा साहब हम आपकी एक-एक बात हर भाषा में गांव-गांव पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने AI tool का उपयोग किया और आज मेरा हर भाषण, आप अपनी-अपनी भाषा में कुछ ही समय के बाद सुनना शुरू कर दोगे। यानि, किसी को तमिल सुनना है, किसी को पंजाबी सुनना है, किसी को बंगाली सुनना है, किसी को असमिया, उड़िया जो भी सुनना है। ये AI का कमाल, ये मेरे देश के नौजवान कर रहे हैं। और मैं तो ऐसी नौजवान टीम का आभारी हूं कि उन्होंने मेरे लिए इतना बढ़िया AI-generated , मेरी स्पीचिस को, मेरे भाषणों को हिन्दुस्तान की सभी भाषाओं में interpretation के साथ पहुंचाने का जो प्रयास किया है, मेरे लिए बड़ा आनंद का, खुशी का विषय बना है। और देखते ही देखते सभी languages में भी हमारे बात AI के माध्यम से पहुंचेगी। कहने का तात्पर्य ये है कि भारत के नौजवानों को जो सामर्थ्य है, उनको अवसर चाहिए। और ये सेमीकंडक्टर का हमारा initiative देश के नौजवानों के लिए बहुत बड़ा अवसर लेकर आया है।
साथियों,
एक बार फिर मैं आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। और मैं हिमन्त जी का इस बात से बहुत सहमत हूं कि नॉर्थ ईस्ट में कभी किसी ने सोचा नहीं था कि इतने बड़े initiatives लिए जा सकते हैं, हमने ये तय किया है। और मैं तो मानता हूं Southeast Asia के साथ हमारा जो जुड़ाव बढ़ रहा है ना, तो मेरा Northeast, Southeast Asia के साथ जुडने का सबसे बड़ा ताकतवर क्षेत्र बनने वाला है। मैं साफ-साफ इसको देख रहा हूं, और मैं इसकी शुरूआत देख रहा हूं। तो मैं असम के लोगों को, Northeast के लोगों को आज सबसे ज्यादा शुभकामनाएं देता हूं, सबसे ज्यादा बधाई देता हूं।
साथियों,
आप सब ऐसे ही भारत की प्रगति को एक नई शक्ति देने के लिए जुड़ते रहिए, आगे बढ़ते रहिए- मोदी की गारंटी आपके लिए है, आपके भविष्य के लिए है, आपका साथ देने के लिए है।
बहुत बहुत धन्यवाद।