भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य के सबसे मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में से एक साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत पहली बार अहमदाबाद में आयोजित किया जा रहा है। यह सांस्कृतिक कार्यक्रम 22 और 23 मार्च, 2024 (शुक्रवार और शनिवार) को आयोजित किया जा रहा है। दोपहर 2 बजे से शामियाना, रिवेरा सरोवर पोर्टिको, अहमदाबाद, गुजरात में आयोजित होने वाले इस सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार) और पर्यटन मंत्रालय (भारत सरकार) के सहयोग से किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से निपुण भारतीय कलाकार भाग लेंगे तथा प्रदर्शन करेंगे।
सभी दर्शकों के लिए प्रवेश निःशुल्क रहेगा।
दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम कुछ शानदार प्रदर्शनों के साथ दर्शकों को बांधे रखने तथा उनका मनोरंजन करने के लिए प्रतिबद्ध है:
- 22 मार्च, 2024 – पहला दिन (दोपहर 2:00 बजे से):
कार्यक्रम की शुरुआत बॉम्बे थिएटर ग्रुप के नाटक ‘घोस्ट राइटर’ से होगी। लोग ‘शेरी नशिस्त’ में होनहार भारतीय कवियों को सुन सकते हैं। ऋचा जैन और उनके समूह द्वारा प्रस्तुत कथक नृत्य प्रस्तुति ‘मी रक्सम’ एक और प्रस्तुति है, जो महफिल लूटने का वादा करती है। फरहीद हसन खान और मेहबूब हुसैन खान का शास्त्रीय गायन ‘होली के रंग-वसंत उत्सव’ दिन को अगले स्तर पर ले जाएगा। अंतिम प्रस्तुति भोपाल के राजीव सिंह एवं समूह द्वारा सूफी गायन होगी।
- 23 मार्च, 2024 – दिन 2 (दोपहर 2:00 बजे से):
दूसरे दिन की शुरुआत दिल्ली घराने के शकील अहमद की महफिल-ए-गजल से होगी। लोकप्रिय अभिनेता विनीत कुमार (महारानी फेम) पैनल चर्चा ‘सिनेमा और ओटीटी- एक आइना कई चेहरे’ में अपनी अंतर्दृष्टि साझा करेंगे। विद्या शाह की मंत्रमुग्ध कर देने वाली आवाज में ‘होरी रंग’ को अवश्य देखना चाहिए। प्रतिष्ठित कवि ‘फरहत एहसास’ एक पैनल चर्चा ‘ये धुआं सा कहां से उठता है’ में समकालीन कवि अनस फैज़ी के साथ वार्ता करेंगे।
‘रंगकर्म का सामाजिक प्रभाव और वेब सीरीज की प्रस्तुति’ प्रसिद्ध अभिनेता अतुल तिवारी (फेम: 3 इडियट्स और महारानी) और विनीत कुमार (फेम: महारानी) के बीच एक आकर्षक चर्चा होगी। दिन का मुख्य आकर्षण मुशायरा एवं कवि सम्मेलन होगा, जिसमें भारत के कुछ बेहतरीन और प्रसिद्ध शब्दकार शामिल होंगे- फरहत एहसास, शमीम अब्बास, जमुना प्रसाद उपाध्याय, रमेश शर्मा, मदन मोहन दानिश, कैसर खालिद, कुँवर रंजीत चौहान, तनवीर गाज़ी, आज़म शकीरी, जावेद मुशीरी और रामायण धर द्विवेदी।
साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब के कवि और संस्थापक कुँवर रंजीत चौहान ने आगामी कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए कहा, “साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवाँ विरासत, एक भारतीय राज्य से दूसरे राज्य में जाकर अधिक से अधिक लोगों को जीवंत भारतीय कला,संस्कृति और साहित्य से जोड़ रहा है। देश भर के कई राज्यों में शानदार सफलता के बाद, हमें सांस्कृतिक रूप से समृद्ध नगर अहमदाबाद पहुंचकर प्रसन्नता हो रही है। हमें गर्व है कि निपुण, प्रसिद्ध और सम्मानित कलाकार हमारे मंच पर प्रस्तुति देने के लिए सहमत हुए हैं। हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग आएं और इन कलाकारों की विशिष्ट प्रतिभा को देखें। हम भारतीय युवाओं को अधिक से अधिक जोड़ना चाहते हैं और उन्हें भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य की जीवंतता दिखाना चाहते हैं तथा उन्हें सार्थक कला तक पहुंच प्रदान करना चाहते हैं। हम संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार) और पर्यटन मंत्रालय- अतुल्य भारत (भारत सरकार) के अमूल्य समर्थन के लिए सदा आभारी हैं।“
साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवाँ विरासत 2023 कई राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों – दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और जम्मू और कश्मीर में आयोजित किया जा चुका है एवं कई राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में आगे बढ़ेगा। साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत हमारे देश की विरासत का सार प्रस्तुत करता है, जो भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य के रूप में जीवंत है।
साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित सबसे बड़े प्लेटफॉर्म्स में से एक है, जो प्रामाणिक स्वरूपों और सच्ची भावना के संरक्षण तथा पोषण की दिशा में काम कर रहा है।