सीयू ने  नैक का सर्वोच्च ए प्लस प्लस ग्रेड पाकर रचा इतिहास

छत्तीसगढ़ में प्रथम और अकेला विश्वविद्यालय जिसे सर्वोच्च रैकिंग प्राप्त हुई

– सुरेश सिंह बैस

बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय ए प्लस प्लस की रैंकिंग प्राप्त छत्तीसगढ़ का एकमात्र केंद्रीय संस्थान बन गया है। इस रैंकिग के बाद अब यहां के छात्रों को विदेशी संस्थानों में प्रवेश में आसानी होगी। विदेशी विद्यार्थी सीधे प्रवेश लेंगे। चार वर्षीय बीएड कोर्स का प्रारंभ होगा। वहीं अन्य कई लाभ भी मिलेंगे। ये बातें कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल ने शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय न सिर्फ छत्तीसगढ़, बल्कि समूचे अकादमिक जगत में सूर्य की तरह दमक रहा है और इसकी किरणों से अज्ञानता और बेरोजगारी को समाप्त करने में मदद मिलेगी। ज्ञातव्य हो कि गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय मूल्यांकन प्रत्यायन परिषद “नैक” की सर्वोत्तम ए प्लस प्लस ग्रेडिंग लाकर इतिहास रच दिया है। यह न सिर्फ प्रदेश में शीर्ष विश्वविद्यालय बन गया है बल्कि देश के चुनिंदा विश्वविद्यालय के समक्ष खड़ा हो गया है। नैक में ए प्लस प्लस ग्रेड का खिताब देश के चुनिंदा संस्थाओं को ही हासिल हो पाता है।

गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय को मूल्यांकन के आधार पर 3.62 सीजीपीए अंक के साथ ए प्लस प्लस ग्रेड प्रदान किया गया है। जैसे ही इसकी जानकारी लोगों को मिली शुक्रवार की सुबह को ही शुभकामनाओं , बधाईयों का संदेश प्रारंभ हो गया। विश्वविद्यालय में उत्सव जैसा माहौल नजर आ रहा है। पुष्प गुच्छ से कुलपति का अभिनंदन हुआ। कैंपस में मिठाइयां बंटी। छात्र-छात्राओं ने रंग गुलाल से होली खेली तो कोई आतिशबाजी कर दिवाली भी मना रहा था। आखिर हो भी क्यों ना हो दस साल बाद इतनी बड़ी सफलता जो मिली है। संस्था ने प्रदेश में शानदार रैंकिंग के साथ नया इतिहास रच दिया। अभी तक प्रदेश में टॉप ग्रेडिंग का खिताब किसी भी विश्वविद्यालय को नहीं मिला था।ज्ञातव्य हो कि विश्वविद्यालय को मिली यह ग्रेडिंग पांच साल के लिए मान्य है। साल 2029 में इसकी अवधि समाप्त हो जाएगी। अब यहां के शिक्षक कर्मचारी व छात्रों सभी को लाभ मिलेगा।

अब प्लेसमेंट के लिए हमें कंपनियों के पास नहीं जाना होगा, कंपनियां स्वयं यहां आएंगी । छात्रों को अन्य केंद्रीय छात्रवृत्ति भी मिलेंगे। यहां से निकलने वाले छात्रों व शोधार्थियों को वरीयता मिलेगी। इसी तरह केंद्र की रिसर्च ग्रांट में प्राथमिकता दी जाएगी। शिक्षकों को व्यक्तिगत प्रोजेक्ट प्राथमिकता पर मिलेगी। विश्वविद्यालय कोई नई योजना शुरू करेगा तो उसमें प्राथमिकता मिलेगी। इंस्टीट्यूट आफ एक्सीलेंस व इंस्टीट्यूट आफ इमीनेंस का दर्जा और ग्रांट मिलेगा। ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स एवं ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग मोड प्रारंभ किया जा सकेंगे। 

विश्वविद्यालय की यह अभूतपूर्व उपलब्धि गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ छत्तीसगढ़ के लिए भी गौरव का पल है। शिक्षा जगत में अच्छे दिन आ गए। यह सर्वोत्तम ग्रेडिंग अब विद्यार्थियों शिक्षकों सहित सभी के लिए सौगातो की बौछार लाएगा व हर दृष्टि से लाभदायक साबित होगा। नैक टीम के समक्ष जिस तरह से विश्वविद्यालय परिवार ने एकजुट होकर सभी सवालों के जवाब व सुझाव दिए ,टीम पूरी तरह से संतुष्ट हुई थी। जनवरी में पहुंचे नैक टीम में अध्यक्ष प्रो प्रेमेन्दु पी मथुर थे। वहीं सदस्यों में प्रो उग्रसेन सुमन, प्रो विभूतिभूषण लाल दास ,प्रो डी गोपाल डांडू सहित अन्य सदस्य शामिल रहे। यह सभी सदस्य बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हुए थे। वहीं अप्रैल में नैक की दूसरी टीम ने दस्तक दी। इसमें अध्यक्ष प्रो प्रेमेन्दु पी मथुर सदस्य प्रो उग्र सेन सुमन प्रो हरिश्चंद्र दास प्रो डी गोपाल डांडू प्रो गोपाल नायर थे। ओवरऑल दोनों ही टीम के सदस्यों ने यह साबित किया है कि नैक के पैरामीटर पर उनका मूल्यांकन बिल्कुल सही था।

सुरेश सिंह बैस "शाश्वत"
सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”

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