अवाडा एनर्जी ने एनटीपीसी की नीलामी में 1050 मेगावाट पीक सोलर प्रोजेक्ट

2.69 रुपए प्रति किलोवाट ऑवर (kWh) की प्रतिस्पर्धी दर के साथ नवीकरणीय ऊर्जा में नेतृत्व को मजबूत करता
है

अवाडा ग्रुप का हिस्सा और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक अग्रणी कंपनी है, अवाडा एनर्जी यह घोषणा करते हुए गर्व
महसूस कर रही है कि उसने राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) द्वारा हाल ही में जारी एक निविदा में 1050
मेगावाट पीक (MWp) क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट के लिए सबसे बड़ी बोली लगाकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल
की है। यह उपलब्धि अवाडा की विशेषज्ञता और भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान की प्रतिबद्धता को
रेखांकित करती है।
कंपनी ने 2.69 रुपए प्रति किलोवाट ऑवर की प्रतिस्पर्धी दर पर 1050 मेगावाट पीक क्षमता का सोलर प्रोजेक्ट
हासिल किया है, जो 25 साल की पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) पर हस्ताक्षर करने के 24 महीनों के भीतर पूरा
होने की उम्मीद है। यह अवाडा एनर्जी की बड़ी मात्रा में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को कुशलता और प्रभावी
ढंग से पूरा करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस ऐतिहासिक जीत के अलावा, अवाडा एनर्जी ने भारत में 15 गीगावाट पीक (GWp) से अधिक के लेटर्स ऑफ
अवॉर्ड और पीपीए प्राप्त कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह व्यापक पोर्टफोलियो पूरे देश में नवीकरणीय
ऊर्जा परिदृश्य को आगे बढ़ाने की कंपनी के संकल्प के अनुरूप है।
इस महत्वपूर्ण विकास पर टिप्पणी करते हुए, अवाडा ग्रुप के चेयरमैन, श्री विनीत मित्तल ने कहा, “हम एनटीपीसी से
1050 मेगावाट पीक की सबसे बड़ी बोली जीतने पर बेहद गर्वित महसूस कर रहे हैं। यह उपलब्धि न केवल बड़ी
मात्रा में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को निष्पादित करने की हमारी क्षमता को उजागर करती है, बल्कि भारत
के स्थायी ऊर्जा भविष्य के परिवर्तन का समर्थन करने की हमारी प्रतिबद्धता को भी सुदृढ़ करती है। 15 गीगावाट
पीक से अधिक के पोर्टफोलियो को पार करना हमारी टीम की कड़ी मेहनत, नवीन दृष्टिकोण और उत्कृष्टता की
प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
वर्ष 2022 में राजस्थान में एक ही स्थान पर 1250 मेगावाट पीक परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद
बड़े दांव लेने में मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया, जो वर्ष 2023 तक दुनिया में स्वतंत्र आईपीपी द्वारा विकसित सबसे बड़ी
परियोजना थी। अवाडा के साथ, हमने महाराष्ट्र राज्य में एग्री वोल्टाइक सोलर समाधान में भी कदम रखा, जिससे
हमारे पोर्टफोलियो में विविधता आई और स्थायी कृषि प्रथाओं को बढ़ावा मिला। हम भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के
विकास को बढ़ावा देने और एक हरित ग्रह में योगदान करने के लिए तत्पर हैं।”
परियोजना के शुरू होने के बाद, सोलर प्रोजेक्ट से वार्षिक लगभग 1800 मिलियन यूनिट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न
होने की उम्मीद है, जो भारत की हरित ऊर्जा आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान देगा और 12,00,000 से अधिक घरों को
ऊर्जा प्रदान करेगा।
यह पहल कार्बन उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है, जिससे सालाना लगभग
16,81,200 टन कार्बन डाईऑक्साइड की कमी होने की उम्मीद है, जो भारत के जलवायु उद्देश्यों के अनुरूप है। यह
परियोजना नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य में अवाडा के बढ़ते प्रभाव में महत्वपूर्ण मूल्य जोड़गी।


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