रक्षा बंधन पर भारत की कलात्मक विरासत को बढ़ावा दे रहा है अदाणी फाउंडेशन

अदाणी फाउंडेशन ने प्रोजेक्ट सथवारो के जरिए अदाणी समूह मुख्यालय में राखी मेले का आयोजन किया, जो कारीगरों और उनकी कला को सशक्त बनाने की एक पहल है। इस मेले का उद्देश्य रचनात्मक रूप से डिजाइन और हाथों से बनीं राखियां को लोगों तक पहुंचाने का था। दो दिवसीय कार्यक्रम में गुजरात के 10 कारीगरों द्वारा तैयार राखियां लाई गईं। इसके अलावा, ब्लाइंड पीपुल्स एसोसिएशन/ अंधजन मंडल, वस्त्रापुर के साथ अदाणी विद्या मंदिर, अहमदाबाद के छात्रों ने उनकी सुंदर कृतियों को प्रदर्शित करने और बेचने में सहायता की। इस मेले में कारीगरों ने एक लाख रुपये से अधिक की राखियां बेचीं।

बदलते समय के साथ, बहन द्वारा अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने की परंपरा में बदलाव आया है। इस मेले में क्रोशिया राखी, कढ़ाई राखी, बीडवर्क राखी, थ्रेड वर्क राखी, एगेट स्टोन राखी, सिल्वर फिलिग्री राखी और रेज़िन आर्ट राखी ने लोगों को खूब आकर्षित किया।

इस कार्यक्रम ने पारंपरिक शिल्प और स्थानीय समुदायों के कारीगरों को एक मंच प्रदान किया। अदाणी फाउंडेशन की ट्रस्टी शिलिन अदाणी, जो सथवारो प्रोजेक्ट की मार्गदर्शक हैं, उन्होनें सभी कारीगरों को उनकी सफलता पर बधाई दी।

भारतीय त्यौहार, पारंपरिक शिल्प को बढ़ावा देने और स्थायी आजीविका के अवसर पैदा करने का एक अच्छा समय होता है। प्रोजेक्ट सथवारो, अदाणी फाउंडेशन की एक पहल है जो आर्थिक विकास, आजीविका और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप कारीगरों के उत्थान और भारत की समृद्ध विरासत, कला और शिल्प को संरक्षित करने के लिए समर्पित है।

सथवारो, कौशल-विकास और स्वयं-सहायता समूहों का समर्थन करने जैसी कई पहलों के माध्यम से, अदाणी फाउंडेशन समाज के सभी वर्गों के लिए विकास को सक्षम बनाता है।

Loading

Translate »