प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मुंबई, (महाराष्ट्र) में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) 2024 को संबोधित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मुंबई (महाराष्ट्र) में जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) 2024 को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। जीएफएफ का आयोजन पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल द्वारा संयुक्त रूप से किया है। इसका उद्देश्य फिनटेक में भारत की प्रगति को प्रदर्शित करना और इस क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाना है।

उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब पूरा देश उत्सव के दौर से गुजर रहा है, देश की अर्थव्यवस्था और बाजार उत्सव के मूड में हैं तब  ग्लोबल फिनटेक फेस्ट का आयोजन सपनों के शहर मुंबई में हो रहा है। प्रधानमंत्री ने सभी गणमान्य व्यक्तियों और अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले प्रदर्शनी में अपने अनुभवों और बातचीत का जिक्र करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि यहां युवाओं के नवाचारों और भविष्य की संभावनाओं की एक पूरी नई दुनिया देखी जा सकती है। उन्होंने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) 2024 के सफल आयोजन में शामिल सभी लोगों को हार्दिक बधाई दी।

भारत के फिनटेक नवाचार की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले भारत आने वाले विदेशी मेहमान इसकी सांस्कृतिक विविधता को देखकर आश्चर्यचकित हो जाते थे, लेकिन अब वे इसकी फिनटेक विविधता से भी चकित हैं।” श्री मोदी ने कहा कि भारत की फिनटेक क्रांति व्यापक है जिसे कोई भी व्यक्ति एयरपोर्ट पर पहुंचने के क्षण से लेकर स्ट्रीट फूड और शॉपिंग के अनुभव में देख सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, उद्योग को 31 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का रिकॉर्ड निवेश प्राप्त हुआ है और इसके साथ-साथ ही स्टार्टअप में भी 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने किफायती मोबाइल फोन, सस्ता डेटा और जीरो बैलेंस से शुरू होने वाले जन धन बैंक खातों को क्रांति लाने वाला बताया। श्री मोदी ने कहा कि आज देश में ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की कुल संख्या 60 मिलियन से बढ़कर 940 मिलियन हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में शायद ही कोई 18 वर्ष का व्यक्ति बिना आधार, एक डिजिटल पहचान के होगा। “आज देश में 530 मिलियन से अधिक लोगों के पास जन धन खाते हैं। उन्होंने कहा कि एक तरह से हमने मात्र 10 वर्षों में पूरे यूरोपीय संघ के बराबर की आबादी को बैंकों से जोड़ दिया है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जनधन, आधार और मोबाइल की तिकड़ी ने ‘कैश इज किंग’ की मानसिकता को तोड़ दिया है। आज दुनिया में होने वाले लगभग आधे डिजिटल लेन-देन भारत में हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत का यूपीआई दुनिया में फिनटेक का एक प्रमुख उदाहरण बन गया है।” इसने हर मौसम में प्रत्‍येक गांव और शहर में 24×7 बैंकिंग सेवाओं को सक्षम बनाया है। कोविड महामारी का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया के उन मुट्ठी भर देशों में से एक है जहां इस दौरान बैंकिंग प्रणाली निर्बाध रही।

प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले जनधन योजना की 10वीं वर्षगांठ का जिक्र करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा माध्यम बन गया है। उन्होंने बताया कि अब तक महिलाओं के लिए 29 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं, जिससे बचत और निवेश के नए अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जन धन खातों के दर्शन पर ही सबसे बड़ी माइक्रोफाइनेंस योजना, मुद्रा योजना शुरू की गई थी जिसके तहत अब तक 27 ट्रिलियन रुपये का ऋण वितरित किया गया है। श्री मोदी ने बताया कि इस योजना के 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जन धन खातों का उपयोग स्वयं सहायता समूहों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने में भी किया जाता हैं। इससे 10 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जन धन कार्यक्रम ने महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण की मजबूत आधारशिला रखी है।

दुनिया के लिए समानांतर अर्थव्यवस्था के खतरों के बारे में सावधान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि फिनटेक ने ऐसी व्यवस्था को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई है और इसे पारदर्शिता के उदय का श्रेय भी दिया। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक से भारत में पारदर्शिता आई है। उन्होंने सैकड़ों सरकारी योजनाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के कार्यान्वयन का उदाहरण दिया, जिसने सिस्टम में कदाचार को रोका है। प्रधानमंत्री ने इस बात को दोहराया कि आज लोग औपचारिक बैंकिंग प्रणाली के साथ जुड़ने के लाभों को देख सकते हैं।

देश में फिनटेक उद्योग द्वारा लाए गए परिवर्तनों को देखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसने न केवल भारत के तकनीकी पक्ष को बदल दिया है, बल्कि शहरी और ग्रामीण भारत में मौजूद खाई को पाटकर व्यापक सामाजिक प्रभाव भी डाला है। श्री मोदी ने आगे बताया कि वही बैंकिंग सेवाएं जो पहले पूरा दिन लेती थीं और किसानों और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए बाधाएँ पैदा करती थीं, अब फिनटेक की मदद से मोबाइल फोन पर आसानी से उपलब्ध हैं। वित्तीय सेवाओं के लोकतंत्रीकरण में फिनटेक की भूमिका का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने आसानी से उपलब्ध ऋण, क्रेडिट कार्ड, निवेश और बीमा के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि फिनटेक ने ऋण तक पहुंच को आसान और समावेशी बना दिया है। उन्होंने पीएम स्वनिधि योजना का उदाहरण दिया, जिसने स्ट्रीट वेंडरों को बिना किसी जमानत के ऋण प्राप्त करने और डिजिटल लेनदेन की मदद से अपने व्यवसाय का विस्तार करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने शेयर बाजारों और म्यूचुअल फंड, निवेश रिपोर्ट और डीमैट खाते खोलने के संबंध में आसान पहुंच का भी उल्लेख किया। डिजिटल इंडिया के उदय का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाएं, डिजिटल शिक्षा और कौशल सीखने जैसी सेवाएं फिनटेक के बिना संभव नहीं हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारत की फिनटेक क्रांति जीवन की गरिमा और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की फिनटेक क्रांति द्वारा हासिल की गई उपलब्धियां केवल नवाचारों के बारे में नहीं हैं, बल्कि उसे अपनाने के बारे में भी हैं। इस क्रांति की गति और पैमाने को अपनाने के लिए भारत के लोगों की सराहना करते हुए, श्री मोदी ने इस परिवर्तन को लाने के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) की भूमिका की भी सराहना करते हुए कहा कि इस तकनीक के बारे में विश्वास पैदा करने के लिए देश में अद्भुत नवाचार किए गए हैं।

डिजिटल ओनली बैंक और नियो-बैंकिंग की आधुनिक अवधारणाओं का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “21वीं सदी की दुनिया तेज़ गति से बदल रही है और मुद्रा से लेकर क्यूआर (क्विक रिस्पांस) कोड तक की यात्रा में हमें थोड़ा समय लगा, लेकिन हम रोज़ाना नवाचार देख रहे हैं।” डिजिटल ट्विन्स तकनीक की सराहना करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि यह दुनिया के जोखिम प्रबंधन का आकलन करने, धोखाधड़ी का पता लगाने और ग्राहक अनुभव प्रदान करने के तरीकों में बदलाव करने जा रही है। ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के लाभों को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ऑनलाइन शॉपिंग को समावेशी बना रहा है और छोटे व्यवसायों और उद्यमों को बड़े अवसरों से जोड़ रही है। आज, अकाउंट एग्रीगेटर कंपनियों के सुचारू संचालन के लिए डेटा का उपयोग कर रहे हैं, व्यापार प्लेटफार्मों के कारण छोटे संस्थानों के लिक्विड और कैश फ्लो में सुधार हो रहा है और ई-आरयूपीआई जैसे डिजिटल वाउचर का कई रूपों में उपयोग किया जा रहा है। ये उत्पाद दुनिया के अन्य देशों के लिए भी समान रूप से उपयोगी हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने एआई के लिए एक वैश्विक ढांचे का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि क्यूआर कोड के साथ साउंड बॉक्स का उपयोग एक ऐसा ही नवाचार है। उन्होंने भारत के फिनटेक क्षेत्र से सरकार के बैंक सखी कार्यक्रम का अध्ययन करने का भी आग्रह किया और हर गांव में बैंकिंग और डिजिटल जागरूकता फैलाने में बेटियों के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिससे फिनटेक को एक नया बाजार मिला है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार फिनटेक क्षेत्र की सहायता के लिए नीति स्तर पर सभी आवश्यक बदलाव कर रही है और उन्होंने एंजेल टैक्स को खत्म करने, देश में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये आवंटित करने और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम को लागू करने का उदाहरण दिया। साइबर धोखाधड़ी को समाप्त करने की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने नियामकों से डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि साइबर धोखाधड़ी देश में फिनटेक और स्टार्टअप के विकास के आड़े न आए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की प्राथमिकता सतत आर्थिक विकास है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार उन्नत प्रौद्योगिकियों और नियामक ढांचे के साथ वित्तीय बाजारों को मजबूत करने के लिए मजबूत, पारदर्शी और कुशल प्रणाली बना रही है। उन्होंने ग्रीन फाइनेंस और वित्तीय समावेशन की संतृप्ति के साथ सतत विकास का समर्थन करने का उल्लेख किया।

अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने यह विश्वास व्यक्त किया कि भारत का फिनटेक इकोसिस्टम भारत के लोगों को गुणवत्तापूर्ण जीवनशैली प्रदान करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि भारत का फिनटेक इकोसिस्टम पूरी दुनिया के जीवन को आसान बनाएगा। हमारा सर्वश्रेष्ठ अभी आना बाकी है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि वे पांच साल बाद जीएफएफ के 10वें संस्करण में उपस्थित होंगे। कार्यक्रम के समापन से पहले, प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों के साथ सेल्फी खिंचवाई और बताया कि एआई के उपयोग से, जो कोई भी व्यक्ति फोटो में खुद को पाता है, वह नमो ऐप के फोटो सेक्शन में जाकर अपनी सेल्फी अपलोड करके इसे एक्सेस कर सकता है।

 इस अवसर पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास और जीएफएफ के अध्यक्ष श्री क्रिस गोपालकृष्णन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

नमस्कार! 

RBI के गवर्नर श्रीमान शक्तिकांत दास जी, क्रिस गोपालकृष्णन जी, मेम्बर्स ऑफ रेग्यूलेटर्स, फाइनेंस इंडस्ट्री के लीडर्स, फिनटेक और स्टार्ट-अप वर्ल्ड के मेरे साथी, अन्य सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों! 

ये भारत में त्योहारों का मौसम है, अभी-अभी जन्माष्टमी हमने मनाई हैं। और खुशी देखिए हमारी इकोनॉमी और हमारे मार्केट में भी उत्सव का माहौल है। इस फेस्टिव मूड में, ये ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल हो रहा है। औऱ वो भी सपनों की नगरी मुंबई में। मैं देश और दुनिया से यहां आए सभी मेहमानों का, अभिनंदन करता हूं, स्वागत करता हूं। यहां से आने से पहले मैं अलग-अलग एक्जीबीशन्स देखकर के आया हूं, काफी साथियों से गप्पे लगाकर करके आया हूं। हमारे नौजवानों के इनोवेशन का और फ्यूचर की संभावनाओं का एक पूरा नया संसार वहां दिखाई दे रहा है। चलिए आपके काम के लिए मैं शब्द बदलता हूं, एक पूरी नई दुनिया दिखाई दे रही है। मैं इस फेस्टिवल के आयोजकों को, सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। 

साथियों, 

यहां बड़ी संख्या में विदेशों से हमारे मेहमान भी आए हैं। एक समय था, जब लोग भारत आते थे, तो हमारी Cultural Diversity देखकर दंग रह जाते थे, हैरान हो जाते थे। अब लोग भारत आते हैं, तो हमारी Fintech Diversity को देखकर भी हैरान होते हैं। एयरपोर्ट पर land करने से लेकर street food और shopping experience तक, भारत की फिनटेक क्रांति चारों तरफ दिखती है। पिछले 10 साल में फिनटेक स्पेस में 31 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश हुआ है। 10 साल में हमारे फिनटेक स्टार्टअप्स में 500 परसेंट वृद्धि हुई है। सस्ते मोबाइल फोन, सस्ते डेटा और ज़ीरो बैलेंस जनधन बैंक खातों ने भारत में कमाल कर दिया है। आपको याद होगा, कुछ लोग पहले पूछते थे, पार्लियामेंट में खड़े होकर के पूछते थे और अपने आप को बहुत विद्वान मानने वाले लोग पूछते थे। सरस्वती जब बुद्धि बाँट रही थी तो वो रास्ते में पहले ही खड़े थे। और क्या कहते थे?, वो पूछते थे कि भारत में बैंक, इतनी ब्रांचेस नहीं हैं, गांव-गांव बैंक available नहीं है। इंटरनेट नहीं है, यहां तक पूछ लेते थे-बिजली भी तो नहीं है, recharging कहाँ होगा, फिनटेक क्रांति कैसे होगी? ये पूछा जाता था और मुझ जैसे चाय वाले को पूछा जाता था। लेकिन आज देखिए एक दशक में ही भारत में ब्रॉडबैंड यूज़र- 60 मिलियन यानि 6 करोड़ से बढ़कर 940 मिलियन यानि करीब 94 करोड़ हो गए हैं। आज 18 वर्ष से ऊपर का शायद ही कोई भारतीय हो, जिसके पास उसकी डिजिटल आइडेन्टिटी, आधार कार्ड नहीं है। आज 530 मिलियन यानि 53 करोड़ से अधिक लोगों के पास जनधन बैंक खाते हो गए हैं। यानि 10 साल में हमने एक प्रकार से पूरी यूरोपियन यूनियन के बराबर आबादी को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा है। 

साथियों, 

जनधन-आधार-मोबाइल की इस त्रिनिटी ने एक और ट्रांसफॉर्मेशन को गति दी है। कभी लोग कहते थे कि Cash is King. आज दुनिया का करीब-करीब आधा रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में होता है। पूरी दुनिया में भारत का UPI फिनटेक का बहुत बड़ा उदाहरण बन गया है। आज गांव हो या शहर, सर्दी हो या गर्मी, बारिश हो या बर्फ गिर रही हो, भारत में बैकिंग सर्विस 24 घंटे, सातों दिन, 12 महीने चलती रहती है। कोरोना के इतने बड़े संकट के दौरान भी भारत दुनिया के उन देशों में था, जहां हमारी बैंकिंग सर्विस बिना किसी दिक्कत के चलती रही। 

साथियों, 

अभी 2-3 दिन पहले ही जनधन योजना के 10 साल पूरे हुए हैं। जनधन योजना, Women Empowerment का बहुत बड़ा माध्यम बनी है। जनधन योजना के चलते करीब 290 मिलियन यानि 29 करोड़ से ज्यादा महिलाओं के बैंक खाते खुले हैं। इन खातों में महिलाओं के लिए सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट्स के लिए नए अवसर बनाए हैं। इन्हीं जनधन खातों की philosophy पर हमने माइक्रोफाइनेंस की सबसे बड़ी स्कीम, मुद्रा लॉन्च की। इस स्कीम से अभी तक 27 ट्रिलियन रुपए से अधिक का क्रेडिट दिया जा चुका है, 27 ट्रिलियन। इस स्कीम की करीब 70 परसेंट बेनिफिशरी महिलाएं हैं। जनधन खातों ने महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को भी बैंकिंग से जोड़ा। इसका फायदा आज देश की 10 करोड़ rural women को मिल रहा है। यानि जनधन प्रोग्राम ने, महिलाओं के financial empowerment की एक मज़बूत नींव रखी है। 

साथियों,

पूरी दुनिया के लिए parallel economy एक बड़ी चिंता का विषय रही है। फिनटेक ने parallel economy पर भी चोट की है और बधाई के पात्र आप लोग हैं। आपने ये भी देखा है कि कैसे हम भारत में डिजिटल टेक्नॉलॉजी से ट्रांसपेरेंसी लेकर आए हैं। आज सरकार की सैकड़ों स्कीम्स के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किया जाता है। इससे सिस्टम से लीकेज बंद हुई है। आज लोगों को फॉर्मल सिस्टम से जुड़ने में अपना लाभ नज़र आता है। 

साथियों, 

भारत में फिनटेक की वजह से जो transformation आया है, वो सिर्फ technology तक ही सीमित नहीं है। इसका social impact बहुत व्यापक है। इससे गांव और शहर की खाई को ब्रिज करने में मदद मिल रही है। कभी हमारे यहां, बैंक की सर्विस लेने में ही एक पूरा दिन लग जाता था। एक किसान के लिए, एक मछुआरे के लिए, एक मिडिल क्लास परिवार के लिए ये बहुत बड़ी मुसीबत थी। फिनटेक ने इस समस्या को दूर किया। कभी बैंक सिर्फ एक बिल्डिंग तक सीमित हुआ करते थे। आज बैंक हर भारतीय के मोबाइल में सिमट गए हैं। 

साथियों, 

फिनटेक ने financial service को democratic बनाने में भी बड़ी भूमिका निभाई है। Loan, क्रेडिट कार्ड, investment, insurance जैसे प्रोडक्ट, सबके लिए आसानी से सुलभ हो रहे हैं। फिनटेक ने Access To Credit को भी आसान और inclusive बना दिया है। मैं एक उदाहरण देता हूं। आप जानते हैं भारत में street vendors की एक पुरानी परंपरा है। लेकिन वो फॉर्मल बैंकिंग से बाहर थे। फिनटेक ने इस स्थिति को भी बदल दिया है। आज वो पीएम स्वनिधि योजना से Collateral Free Loan ले पा रहे हैं, डिजिटल ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड के आधार पर उनको बिजनेस बढ़ाने के लिए और लोन मिलता रहता है। कभी शेयर और म्यूच्यल फंड जैसे, प्रोडक्ट्स में इन्वेस्टमेंट, बड़े शहरों में ही संभव था। आज गांव और कस्बों में भी इन्वेस्टमेंट के इस avenue को बड़ी संख्या में explore किया जा रहा है। आज कुछ ही मिनटों में घर बैठे ही डीमैट अकाउंट खुल रहे हैं, इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट्स ऑनलाइन मिल रही है। आज बड़ी संख्या में भारतीय रिमोट हेल्थकेयर सर्विस ले रहे हैं, डिजिटली, ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, स्किल्स सीख रहे हैं, ये भी फिनटेक्स के बिना संभव नहीं था। यानि भारत की फिनटेक क्रांति, Dignity of Life, Quality of Life उसको बेहतर बनाने में भी बड़ा रोल निभा रही है। 

साथियों, 

भारत की फिनटेक क्रांति की उपलब्धि सिर्फ इनोवेशन्स के लिए ही नहीं है, बल्कि adoption लेकर के भी है। भारत की जनता ने, जिस स्पीड और स्केल पर फिनटेक को adopt किया है, उसका उदाहरण कहीं और नहीं मिल सकता। इसका एक बड़ा क्रेडिट हमारे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर-DPI को भी जाता है और हमारे फिनटेक्स को भी जाता है। देश में इस टेक्नॉलॉजी को लेकर ट्रस्ट पैदा करने के लिए अद्भुत इनोवेशन किए गए हैं। QR Codes के साथ-साथ साउंड बॉक्स का उपयोग, ऐसा ही इनोवेशन है। हमारे फिनटेक सेक्टर को सरकार के बैंक सखी कार्यक्रम का भी अध्ययन करना चाहिए। और मैं सब फिनटेक वाले नौजवानों को कहना चाहता हूं ये बैंक सखी है क्या? मैं अभी जलगांव आया था एक दिन तो मैं ऐसे ही बहन सखियों से मिला तो बड़े गर्व से कहती है कि मैं एक दिन डेढ़ करोड़ रूपए का कारोबार करती हूं। क्या confidence, और एक गाँव की महिला थी वो। हमारी बेटियों ने गांव-गांव में बैंकिंग को, digital awareness को जिस प्रकार फैलाया है, उससे फिनटेक को एक नया बाज़ार मिला है। 

साथियों, 

21वीं सदी की दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। करेंसी से QR कोड्स तक की यात्रा में सदियां लग गईं, लेकिन अब हर रोज हम नए इनोवेशन देख रहे हैं। Digital Only Banks और Neo-Banking जैसे कॉन्सेप्ट हमारे सामने हैं। Digital Twins जैसी टेक्नॉलॉजी डेटा आधारित बैंकिंग को next level पर ले जा रही है। इससे risk management, fraud detection और customer experience, सब कुछ बदलने वाले हैं। मुझे खुशी है कि भारत भी लगातार नए Fintech Products launch कर रहा है। हम ऐसे प्रोडक्ट्स तैयार कर रहे हैं, जो local हैं, लेकिन उनकी application global है। आज ONDC यानि Open Network For Digital Commerce, online shopping को inclusive बना रहा है। ये छोटे बिजनेस, छोटे enterprises को बड़े अवसरों से जोड़ रहा है। Account एग्रीगेटर्स, लोगों और कंपनियों का कामकाज आसान करने के लिए डेटा को यूज़ कर रहे हैं। ट्रेड्स Platform की मदद से छोटी संस्थाओं की liquidity और cash flow बेहतर हो रहे हैं। E-rupi एक ऐसा डिजिटल वाउचर बना है, जिसे कई रूपों में इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत के ये products विश्व के दूसरे देशों के लिए भी उतने ही उपयोगी हैं। और इसी सोच के साथ हमने G-20 Presidency के दौरान Global Digital Public Infrastructure रिपॉजिटरी बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे G-20 मेंबर्स ने खुले दिल से स्वीकार किया था। मैं AI के दुरुपयोग से जुड़ी आपकी चिंताओं को भी समझता हूं। इसलिए, भारत ने AI के ethical use के लिए Global Framework बनाने का भी आह्वान किया है। 

साथियों, 

फिनटेक सेक्टर की मदद के लिए सरकार पॉलिसी लेवल पर हर ज़रूरी बदलाव कर रही है। हाल में हमने Angel Tax को हटाया है। ठीक नहीं किया? नहीं। ठीक किया है ना? हमने देश में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का फंड बनाने की घोषणा की है। हमने डेटा प्रोटेक्शन कानून बनाया है। मेरी हमारे रेगुलेटर्स से भी कुछ अपेक्षाएं हैं। हमें Cyber Fraud को रोकने के लिए और Digital Literacy के लिए और बड़े कदम उठाने होंगे। Cyber Fraud स्टार्ट अप्स की, Fin-Techs की ग्रोथ में रुकावट न बनें, ये ध्यान रखना भी उतना ही ज़रूरी है। 

साथियों, 

पहले के जमाने में बैंक डूबने वाली है या बैंक डूबी है या डूब जाएगी, ये बात फैलते हुए impact होते-होते 5-7 दिन निकल जाते थे। आज अगर किसी व्यवस्था में पता चला कि इस पर cyber fraud है, एक मिनट में मामला पूरा, वो कंपनी गई। फिनटेक के लिए बहुत जरूरी है। और cyber solution उसकी बालमृत्यु बहुत जल्दी हो जाती है। कोई भी cyber solution निकालिए उसका बेईमान लोग तोड़ निकालने में देर नहीं करते, तो उस solution की बालमृत्यु हो जाती है, फिर आपको नया solution लेकर आना पड़ता है।      

साथियों, 

आज Sustainable Economic Growth ये भारत की प्राथमिकता है। हम strong, transparent, और efficient systems बना रहे हैं। हम Financial Markets को advanced technologies regulatory frameworks से मजबूत कर रहे हैं। हम Green Finance से sustainable growth को सपोर्ट कर रहे हैं। हम financial inclusion के, उस inclusion के saturation पर बल दे रहे हैं। मुझे विश्वास है भारत का फिनटेक इकोसिस्टम, भारत के लोगों को quality lifestyle, देने के मिशन में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। मुझे विश्वास है भारत का फिनटेक इकोसिस्टम, पूरी दुनिया की ease of living बढ़ाएगा। और मुझे मेरे देश के युवाओं के टेलेंट पर इतना भरोसा है, इतना भरोसा है और मैं कहता हूं, बड़े विश्वास से कहता हूं – Our Best Is Yet To Come.  

ये आपका 5वां समारोह है ना…तो 10वें में मैं आऊंगा। और तब आपने भी कल्पना नहीं की होगी, वहां पर आप भी पहुंचे होंगे दोस्तों। आज अभी मैं आपके कुछ स्टार्ट-अप्स यूनिट वालों को मिला, सबसे तो नहीं मिल पाया, लेकिन कुछ लोगों से मिला। लेकिन हर एक को 10-10 होमवर्क देकर के आया हूं, क्योंकि मैं समझ सकता हूं कि ये बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला क्षेत्र है साथियों। एक बहुत बड़ा revolution हो रहा है और उसकी मजबूत नींव यहां हम देख रहे हैं।  इसी भरोसे के साथ, आप सबको मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं! बहुत बहुत धन्यवाद! 

ये कृष्णगोपाल जी के कहने पर हमने फोटो निकाली, लेकिन आपको लगेगा इसका क्या मतलब है, मैं फायदा बताता हूं– मैं AI की दुनिया से जुड़ा हुआ इंसान हूं, तो आप अगर नमो ऐप पर जाएंगे तो नमो ऐप पर फोटो डिवीजन पर जाएंगे, वहां अपनी सेल्फी रखेंगे और आज कहीं पर भी आप मेरे साथ नजर आते हैं तो आपको अपनी वो फोटो मिल जाएगी। 

Thank You!   

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