भारत की सबसे बड़ी एल्युमिनियम उत्पादक वेदांता एल्युमिनियम ने डेविड स्टोन को कोयला खदानों के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया है। अपनी इस नई भूमिका में डेविड कंपनी के समग्र कोयला खनन प्रचालनों को देखेंगे तथा टेक्नोलॉजी और नवाचार का उपयोग करके संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेंगे।
झारसुगुड़ा व लांजीगढ़ (ओडिशा) तथा कोरबा (छत्तीसगढ़) में वेदांता एल्युमिनियम के थर्मल पॉवर प्लांट्स में संसाधन दक्षता अनूकूलन में डेविड की विशेषज्ञता बेहद महत्वपूर्ण सिद्ध होगी; और साथ ही वे सस्टेनेबल खनन पद्धतियों पर कड़ी निगाह रखेंगे। कंपनी के पास 5 सक्रिय कोयला खदानें हैं, जिनकी संयुक्त क्षमता लगभग 4 करोड़ टन प्रति वर्ष है। इन खदानों में जमखानी, कुरालोई, राधिकापुर, घोघरपल्ली और बर्रा शामिल हैं, जिसमें अभी अन्वेषण चल रहा है।
डेविड के पास दुनिया भर में संसाधन व्यवसायों को प्रबंधित करने का 30 से भी अधिक वर्षों का अनुभव है। वे विकास, विलय, परियोजना विकास और संचालन में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। वे हमेशा शेयरधारकों के लिए मूल्य बनाने पर ध्यान देते हैं। उन्होंने कई व्यवसायों में बड़े बदलाव किए हैं। साथ ही, उन्हें एंग्लो अमेरिकन, ऐक्स स्ट्राटा और ग्लेनकोर आदि प्रतिष्ठित कंपनियों के लिए खनन प्रचालन का अनुभव हासिल है।
वेदांता एल्युमिनियम के सीईओ जॉन स्लेवन ने इस मौके पर कहा, ’’वेदांता एल्युमिनियम में डेविड का स्वागत करते हुए हम बहुत रोमांचित हैं। उनका जो रिकॉर्ड रहा है, उसके आधार पर हमारे खनन प्रचालनों के लिए वे आदर्श लीडर साबित होंगे। वे बैकवर्ड इंटिग्रेशन सुनिश्चित करेंगे, जिससे हमारे कारोबार के लिए कच्चा माल सुरक्षित हो और उत्पादन की लागत घटाई जा सके। वृद्धि की महत्वाकांक्षी योजनाओं के मद्देनजर हम अपनी संसाधन क्षमता बढ़ा रहे हैं, ऐसे में उनकी विशेषज्ञता संगठन के लिए अनमोल सिद्ध होगी।’’
अपनी इस नियुक्ति पर वेदांता एल्युमिनियम के सीईओ– कोल माइंस, डेविड स्टोन ने कहा, ’’वेदांता एल्युमिनियम में शामिल होना मेरे लिए सम्मान की बात है। कंपनी के कोयला प्रचालन का नेतृत्व करने का यह अवसर मुझे ऐसे अहम वक्त में दिया जा रहा है, जब कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता का विस्तार कर रही है। मैं इस प्रतिभाशाली टीम के साथ काम करने के लिए उत्साहित हूं। हम मिलकर नवीन रणनीतियों को अमल में लाएंगे, जिनसे हमारे संसाधनों का अनुकूलन होगा, लागतें घटेंगी और कंपनी की वृद्धि एवं सस्टेनेबिलिटी के उद्देश्यों में योगदान होगा।’’
विस्तार एवं लागत घटाने हेतु वेदांता एल्युमिनियम की रणनीति के तहत कंपनी ने बैकवर्ड इंटिग्रेशन के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है, जिसमें मजबूत कोयला आपूर्ति श्रृंखला के महत्व पर बल दिया गया है। नई कोयला खदानें कंपनी की मौजूदा थर्मल पॉवर सम्पत्तियों को आपूर्ति करते हुए बिजली उत्पादन की लागत को काफी कम कर देंगी। यह भी गौरतलब है कि वेदांता एल्युमिनियम इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि उसके पॉवर पोर्टफोलियो में कोयले से चलने वाले संयंत्रों में अब और इजाफा नहीं किया जाएगा। इसलिए, वेदांता एल्युमिनियम के सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों को पूरा करने की खातिर डिजिटलीकरण एवं नवाचार को अधिकतम किया जाएगा, ताकि कोयला संसाधनों का उच्चतम दक्षता के साथ उपयोग किया जा सके।
वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्युमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्युमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 24 में 23.7 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्युमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्युमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है, जिनका उपयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्युमिनियम को एल्युमिनियम उद्योग में एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2023 में पहली वैश्विक रैंकिंग मिली है, यह उपलब्धि कंपनी की सस्टेनेबल विकास प्रक्रियाओं को प्रतिबिम्बित करती है। भारत में अपने विश्वस्तरीय एल्युमिनियम स्मेल्टर्स और एल्यूमिना रिफाइनरी के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्युमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ रही है।