सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) ने राष्ट्रव्यापी स्वच्छता ही सेवा अभियान के भाग के रूप में 17 सितंबर, 2024 को स्वच्छता पखवाड़ा शुरू किया। स्वच्छता को बढ़ावा देने और समुदायों के बीच सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाने के उद्देश्य से दो सप्ताह तक चलने वाली इस पहल का उद्घाटन दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव, श्री राजेश अग्रवाल ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वच्छता शपथ दिलाकर किया। इस अभियान में विभाग के अंतर्गत आने वाले कई राष्ट्रीय संस्थानों और समग्र क्षेत्रीय केंद्रों (सीआरसी) को सफलतापूर्वक शामिल किया गया है, जो निरंतर स्वच्छता की आवश्यकता पर बल देते हैं।
अपने संबोधन में, सचिव श्री अग्रवाल ने बल देकर कहा, “स्वच्छता केवल एक अभियान नहीं है, बल्कि हमारी साझा जिम्मेदारी है। हमें साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारा परिवेश स्वच्छ रहे, इस पहल को एक जन आंदोलन बनाना चाहिए।” स्वच्छता के लिए उनका आह्वान सभी प्रतिभागियों के बीच दृढ़ता से प्रतिध्वनित हुआ, जो चल रही गतिविधियों के लिए माहौल तैयार करता है।
स्वच्छता ही सेवा अभियान की मुख्य विशेषताओं में राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीआईडी), सिकंदराबाद की सक्रिय भागीदारी शामिल है, जिसने उसी दिन स्वच्छता शपथ समारोह का आयोजन किया। इसमें संस्थान के कर्मचारी और छात्र अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता के महत्व को स्वीकार करते हुए, स्वच्छता और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए एक साथ नजर आए।
अली यावर जंग राष्ट्रीय वाणी एवं श्रवण विकलांगता संस्थान (दिव्यांगजन) (एवाईजेएनआईएसएचडी (डी)), मुंबई ने स्वाभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता (4एस) अभियान में हिस्सा लिया, जो 14 सितंबर से शुरू होकर 02 अक्टूबर 2024 तक चलने वाली 15-दिवसीय पहल है। व्यापक स्वच्छ भारत अभियान के भाग के रूप में, व्यवहार परिवर्तन को प्रेरित करने और स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम में छात्रों, अधिकारियों, बोलने और सुनने में अक्षम व्यक्तियों और बॉम्बे नगर निगम (बीएमसी) के कर्मचारियों सहित विविध पृष्ठभूमि के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। सभी प्रतिभागियों ने एक आरोग्य और ज्यादा स्वच्छ समाज का निर्माण करने के अभियान के प्रति अपने समर्पण की पुष्टि की और प्रतिज्ञा लीं।
एक अन्य महत्वपूर्ण योगदान समग्र क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी), नेल्लोर ने दिया, जिसका प्रशासनिक नियंत्रण एनआईईपीआईडी के पास है। 17 सितंबर 2024 को, श्री जी. रामांजुलु के नेतृत्व में सीआरसी-नेल्लोर ने एक स्वच्छता प्रतिज्ञा समारोह का आयोजन किया, जिसमें कर्मचारी, डीएड विशेष शिक्षा कार्यक्रम के छात्र, फिजियोथेरेपी इंटर्न, दिव्यांगजन और उनके माता-पिता शामिल हुए। इस कार्यक्रम ने एक साझा सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डाला, जिससे अभियान की पहुंच और ज्यादा व्यापक हो सके।
स्वच्छता ही सेवा अभियान ने विभिन्न संस्थानों और समुदायों के लोगों को स्वच्छता को मुख्य मूल्य के रूप में अपनाने के लिए सफलतापूर्वक प्रेरित किया है। ये पहल दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा स्वच्छ भारत अभियान को अपना अटूट समर्थन देने के साथ-साथ उसके नेतृत्व में एक स्वच्छ, आरोग्य और अधिक समावेशी समाज के निर्माण को बढ़ावा देने की भूमिका को रेखांकित करती है।