भारत, फ्रांस पहली बार वाहन मालिकों के लिए संपोषित गतिशीलता क्रांति लाने के लिए ऑटो और ईवी प्रौद्योगिकियों का सह-नवीनीकरण कर सकते हैं: श्री गोयल

भारत और फ्रांस सामूहिक रूप से नवीन संपोषित प्रथाओं का इस्तेमाल करके विश्व की खाद्य सुरक्षा के लिए कृषि और फूड प्रोसेसिंग का विस्तार कर सकते हैं। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने यह बात आज नई दिल्ली में फ्रांसीसी विदेश व्यापार सलाहकारों की ओर से आयोजित एशिया प्रशांत आयोग (एपीएसी) 2024 फोरम में कही। उन्होंने आगे कहा कि संपोषित प्रथाओं का इस्तेमाल जलवायु परिवर्तन और दुनिया भर में इसके उभरते प्रतिकूल प्रभाव को कम करने वाला कारक हो सकता है।

श्री गोयल ने कहा कि भारत और फ्रांस के पास नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी की बहुत ज्यादा संभावनाएं है और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) बेहद सफल रहा है। 100 से अधिक देशों ने भारत और फ्रांस के सह-प्रायोजित और नेतृत्व वाले इस गठबंधन की सदस्यता ली है, उन्होंने कहा। सौर गठबंधन के बारे में विस्तार से बताते हुए, उन्होंने दुनिया के उभरते देशों और कम विकसित राष्ट्रों तक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा पहुंचाने के दोनों देशों के प्रयासों को रेखांकित किया।

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एयरोस्पेस क्षेत्र पर, मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा विमानन बाजार है, जिसमें 1500 विमानों का ऑर्डर दिया गया है और 2000 ऑर्डर तक की क्षमता है। यह देखते हुए कि अगले तीन दशकों के लिए भारतीय विमानन बाजार सबसे बड़ा मांग एग्रीगेटर होगा, उन्होंने फ्रांसीसी विमानन क्षेत्र से भारत में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के अवसर तलाशने का आग्रह किया। उन्होंने इस विषय पर भी जोर दिया कि भारत तेजी से हवाई अड्डों का निर्माण कर रहा है, जो 2014 में 74 से बढ़कर आज 125 हो गए हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकार 2029 तक 75 अतिरिक्त हवाई अड्डे जोड़ने की योजना बना रही है।

श्री गोयल ने कहा कि भारत अपने रक्षा क्षेत्र का भी तेजी से विस्तार कर रहा है और केंद्र दुनिया भर की कंपनियों को भारत में विनिर्माण के लिए 100% स्वामित्व उपलब्ध कराने के साथ प्रोत्साहित कर रहा है। रक्षा क्षेत्र में फ्रांस के साथ सहयोग बढ़ाने का आह्वान करते हुए मंत्री ने अपने भाषण में यह भी रेखांकित किया कि सरकार, अपनी मजबूत पेटेंट-संरक्षित व्यवस्था के साथ, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर जोर नहीं देती है।

ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर, मंत्री ने इस विषय पर जोर दिया कि भारत और फ्रांस के पास प्रौद्योगिकियों का सह-नवाचार करने और भारत में एक संपोषित गतिशीलता क्रांति निर्माण की योग्यता है। उन्होंने कहा कि भारत में पहली बार वाहन खरीदने वालों का एक बड़ा समूह है और उन्हें स्थिर विकल्प उपलब्ध कराना आसान होगा। डिजिटल प्रौद्योगिकी में सहयोग पर, श्री गोयल ने बताया कि दोनों देश साइबर सुरक्षा, एआई, ई-कॉमर्स और क्वांटम प्रौद्योगिकियों में स्टार्टअप को बढ़ावा दे सकते हैं। यह देखते हुए कि भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष 2026 प्रौद्योगिकी-संचालित प्रगति को बढ़ावा देने में एक मील का पत्थर होगा, उन्होंने कहा कि यह पहल आईटी, स्वास्थ्य सेवा, नवीकरणीय ऊर्जा और स्मार्ट शहरों में संयुक्त परियोजनाओं को बढ़ावा देगी।

भारत-फ्रांस साझेदारी की असली ताकत ‘विश्वास’ में है, उन्होंने कहा। आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने बताया कि दोनों भरोसेमंद साथी हैं जो विनिर्माण और सेवाओं में निवेश में लगातार भागीदारी को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय परिचालन की प्रतिभा और सामर्थ्य का लाभ उठाने के लिए भारत में वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) की स्थापना के साथ, भारत और फ्रांस के पास नवाचार परिदृश्य को बेहतर बनाने के लिए सह-नवाचार करने और दोनों देशों के शिक्षा जगत के बीच शिक्षा साझेदारी की खोज की योग्यता है।

दोनों देशों के बीच व्यापार के विस्तार के बारे में बोलते हुए, उन्होंने साझा किया कि वित्त वर्ष 2024 के लिए द्विपक्षीय व्यापार 15 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें भारत का निर्यात् 7 बिलियन डॉलर और आयात 8 बिलियन डॉलर था। उन्होंने इस विषय पर जोर दिया कि मजबूत व्यापार के बावजूद, ये आंकड़े सर्वोत्तम नहीं हैं और ये कहानी का केवल एक छोटा सा हिस्सा बताते हैं। दोनों अर्थव्यवस्थाओं की शक्ति को देखते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच व्यापार काफी बड़ा, बेहतर और तेज होगा। विशेष रूप से, फ्रांस भारत के लिए 11वां सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेशक है और 750 से अधिक कंपनियों की यहां मौजूदगी है, जिसमें 70 भारतीय कंपनियां फ्रांस में काम कर रोजगार निर्माण और कौशल विकास में योगदान दे रही हैं।

श्री गोयल ने इस विषय पर प्रकाश डाला कि भारत और फ्रांस इस वर्ष राजनयिक मित्रता के 75 वर्ष और रणनीतिक संबंधों के 25 वर्ष का उत्सव मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश के संविधान के मूल में स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा वाला गणतंत्र है, दोनों बहुपक्षवाद में विश्वास करते हैं और दोनों देश कानून के शासन में विश्वास करते हैं। मंत्री ने आगे साझा किया कि दशकों से भारत-फ्रांस साझेदारी अंतरिक्ष अन्वेषण, रक्षा, नागरिक परमाणु ऊर्जा, डिजिटलीकरण और भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक साझा दृष्टिकोण को शामिल करते हुए एक मजबूत ढांचा विकसित हुआ है। होराइजन 2047 रोडमैप को अपनाने से अगले 25 वर्षों के लिए हमारा साझा दृष्टिकोण और मजबूत हुआ है, उन्होंने कहा। अपने संबोधन के दौरान मंत्री ने भारत की इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में फ्रांसीसी सहयोग को भी आमंत्रित किया, जिसमें देश भर में 20 स्थानों पर फैले औद्योगिक शहर शामिल हैं, जो विश्व स्तरीय कनेक्टिविटी और शहरी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहे हैं।

इससे पहले, श्री गोयल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का एक विशेष संदेश पढ़ा, जिसमें भारत और फ्रांस के बीच विश्वास, साझा मूल्यों और दूरदर्शी दृष्टिकोण पर आधारित संबंधों को रेखांकित किया गया था।

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