बेंगलुरु से जौनपुर 40 बार: अतुल सुभाष के परिवार ने बताया उनका संघर्ष

34 वर्षीय अतुल सुभाष, जिन्होंने आत्महत्या कर ली, ने अपने सुसाइड नोट में अपनी पत्नी और उसके परिवार पर प्रताड़ना और जबरन वसूली का आरोप लगाया है। उनके माता-पिता ने बताया कि वे गंभीर तनाव में थे और बेंगलुरु से उत्तर प्रदेश के जौनपुर के बीच कोर्ट के मामलों के लिए कम से कम 40 बार यात्रा करनी पड़ी।

अतुल की मां ने कहा, “उन्होंने मेरे बेटे को प्रताड़ित किया, हमें भी प्रताड़ित किया। लेकिन मेरा बेटा सब कुछ खुद सहता रहा, उसने हमें नहीं झेलने दिया। वह अंदर ही अंदर जलता रहा।” उनके पिता ने कहा कि अतुल ने उन्हें बताया था कि फैमिली कोर्ट ने कानून का पालन नहीं किया। “उसने कहा कि जज और अन्य लोग कानून का पालन नहीं कर रहे थे। उसने कम से कम 40 बार बेंगलुरु और जौनपुर की यात्रा की। एक मामला खत्म होता, तो उसकी पत्नी दूसरा मामला दर्ज करा देती। वह बहुत परेशान था, लेकिन उसने हमें कभी जाहिर नहीं होने दिया।”

सुसाइड नोट और वीडियो में लगाए आरोप

सोमवार सुबह अतुल सुभाष अपने बेंगलुरु स्थित घर में मृत पाए गए। उनके कमरे में ‘न्याय चाहिए’ का एक पोस्टर और 24 पन्नों का सुसाइड नोट मिला। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और पत्नी के मामा सुशील सिंघानिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। उनके भाई बिकास कुमार की शिकायत पर चारों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।

81 मिनट के वीडियो में अतुल ने बताया कि उन्होंने 2019 में शादी की थी। 2020 में उनके बेटे का जन्म हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी का परिवार बार-बार लाखों रुपये की मांग करता था। जब उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो उनकी पत्नी 2021 में उनके बेटे को लेकर बेंगलुरु के घर से चली गई।

2022 में, उनकी पत्नी ने उन पर और उनके परिवार पर कई धाराओं के तहत मामले दर्ज कर दिए, जिनमें हत्या और अप्राकृतिक यौन संबंध के आरोप शामिल थे। उन्होंने लिखा, “यह किसी सस्ती बॉलीवुड फिल्म जैसी कहानी है। उन्होंने खुद स्वीकार किया कि उनके पिता लंबे समय से बीमार थे। उनके पिता का इलाज एम्स में पिछले 10 सालों से चल रहा था। डॉक्टरों ने कुछ महीने का समय दिया था, इसलिए हमने जल्दी शादी की।”

न्याय व्यवस्था पर सवाल

अतुल ने सुसाइड नोट में लिखा कि उनकी पत्नी और उसके परिवार ने पहले ₹1 करोड़ का समझौता करने को कहा, बाद में इसे बढ़ाकर ₹3 करोड़ कर दिया। उन्होंने अदालत में हुई एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा, “जब मैंने जज से कहा कि पुरुष झूठे मामलों के कारण आत्महत्या कर रहे हैं, तो मेरी पत्नी ने जवाब दिया, ‘तो तुम क्यों नहीं कर लेते?’ इस पर जज हंस पड़े और उसे कमरे से बाहर जाने को कहा।”

अतुल के भाई बिकास कुमार ने कहा, “मेरे भाई ने अपनी पत्नी के लिए सब कुछ किया। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। यदि उसने कभी मुझसे या हमारे पिता से चर्चा की होती, तो हम उसे इस स्थिति से निकाल सकते थे।” उन्होंने सरकार और राष्ट्रपति से न्याय की मांग की है और कहा कि जज की भूमिका की जांच होनी चाहिए।

मित्रों और परिवार की प्रतिक्रिया

अतुल के दोस्त जैक्सन ने कहा कि वह अत्यधिक तनाव में थे। “लेकिन उनके वीडियो और नोट्स से ऐसा नहीं लगता कि वह अवसाद में थे। ऐसा लगता है कि उन्होंने यह कदम उत्पीड़न और सिस्टम से मिली असहायता की वजह से उठाया।”

बेंगलुरु पुलिस ने कहा कि एक टीम जौनपुर जाकर निकिता और उनके परिवार से पूछताछ करेगी। वहीं, जब एनडीटीवी ने संपर्क किया, तो सिंघानिया परिवार ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि उनके वकील जवाब देंगे।

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