दिल और दिमाग की शक्ति भी बढ़ाता है : शहद

आयुर्वेद में भी ऐसी मान्यता है कि अलग-अलग स्थानों पर लगने वाले छतों के शहद के गुण अलग-अलग होते हैं

विनीता झा
कार्यकारी संपादक

आज हर कोई फिट-फाठ रहना चाहता है। उसके लिए ना जाने कितने ही ताम-झाम लोग करते रहते है, लेकिन घरेलु नुस्खें अपनाने से कोसों दूर भागते रहते है। लेकिन जितना फायदेमंद घरेलु उपचार होता है, उतना कोई और नहीं। स्वस्थ शरीर के लिए शहद या मधु बहुत ही लाभकारी होता है। यह कमाल के गुणों से भरपूर है। शहद बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी के लिए अच्छा होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन बी, सी, लौह, मैगनीयिम, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम आदि गुणकारी तत्व होते हैं। आयुर्वेद में भी ऐसी मान्यता है कि अलग-अलग स्थानों पर लगने वाले छतों के शहद के गुण अलग-अलग होते हैं। जैसे नीम पर लगेे छते का शहद, आंखों के लिए जामुन पर लगा शहद मधुमेह और सहजने पर लगा शहद का हृदय वात तथा रक्तचाप के लिए अच्छा होता है। इसके अलावा शहद कई बीमारियों को दूर करने के लिए घरेलु नुस्खों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यानी शहद से कुछ बीमारियों का घरेलू इलाज संभव है। अगर आप प्राकृतिक तरीके से अपने स्वास्थ्य और त्वचा की देखभाल करना चाहते हैं, तो आपके लिए शहद कमाल की चीज है। आइए जानें शहद के क्या फायदे हैं और इसके इस्तेमाल से सेहत और सूरज कैसे अच्छी बन सकती है।
शहद में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, अमीनो एसिड, प्रोटीन और खनिज पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। जोकि सेहत के लिए जरूरी होते हैं। शहद में ग्लूकोज पाया जाता है। साथ ही शहद में पाए जाने वाला विटामिन और शगुन शरीर के भीतर जाते ही कुछ ही समय में घुल जाता है।
शहद का इस्तेमाल औषधी बनाने के साथ-साथ सौंदर्य प्रसाधन की तरह भी किया जाता है।
बच्चों की खांसी दूर करने के लिए अदरक के रस में शहद मिलाकर देने से खांसी में आराम मिलता है। सूखी खांसी में भी शहद और नींबू का रस लेने से फायदा होता है।
जी मिचला रहा हो या फिर उल्टी आने की शिकायत हो तो शहद लेना चाहिए।
शहद के सेवन से कब्ज भी दूर होती है। कब्ज की शिकायत होने पर टमाटर या संतरे के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर खाने से लाभ होता है।
यदि आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो रात में दूध में शहद डालकर पीएं।
मांसपेशी मजबूत करनी हो, रक्तचाप नॉर्मल करना हो या हीमोग्लोबिन बढ़ाना हो तो भी शहद का सेवन लाभकारी है।
यदि आप थकान महसूस करते हैं या फिर आपको एनीमिया है तो आप नियमित रूप से शहद का सेवन कर इस बीमारी को दूर कर सकते हैं।
न सिर्फ वजन बढ़ाने बल्कि वजन घटाने के लिए भी शहद लाभकारी है। आप यदि गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर सुबह खाली पेट लेंगे तो कुछ ही समय में आप अपना वजन कम होते हुए देख सकते हैं।
अर्थराइटिस के दर्द से निजात पानी हो या फिर जोड़ों में अधिक दर्द हो तो शहद में दालचीनी का पाउडर मिलाकर मसाज करनी चाहिए।
जुकाम दूर करने के लिए शहद, अदरक और तुलसी के पतों का रस बराबर मात्रा में मिलाकर चाटने से राहत मिलती है।
यदि आपको ठीक तरह से नींद नहीं आती तो रात को दो चम्मच शहद खाकर सोना लाभकारी होता है। शहद का नियमित और उचित मात्रा में उपयोग करने से शरीर स्वस्थ, सुंदर, बलवान, स्फूर्तिवान बनता है और दीर्घ जीवन प्रदान करता है।
गर्भावस्था के दौरान शहद का सेवन करने से होने वाला बच्चा स्वस्थ एवं मानसिक दृष्टि से अन्य शिशुओं से श्रेष्ठ होती है।
त्वचा के जल जाने, कट जाने या छिल जाने पर भी शहद लगाने से लाभ मिलता है।
आखों में रोज 1-2 शहद की बूंद डालने से आखों की रोशनी बढ़ती है।
शहद का रोजाना सेवन करने से दिल और दिमाग की शक्ति बढ़ती है।
शहद को अनार के रस में मिलाकर लेने से दिमागी कमजोरी, सुस्ती, निराशा तथा थकावट आदि दूर होते हैं।
हृदय के लिए भी शहद गुणकारी है, मीठी सौंफ के साथ 1-2 चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से दिल को मजबूत तो करता ही है। हृदय को सुचारू रूप से कार्य करने में भी मदद करता है।
शहद को एक खाद्य एंव प्राकृतिक औषधि माना गया है जो शरीर को स्वस्थ, निरोग और ऊर्जावान बनाये रखने में लाभदायक है. घरेलु उपचार से अपनी सेहत और सुंदरता का रखें ख्याल।
कांच के गिलास में पानी भरकर शहद की एक बूंद टपकाने के बाद सीधी तली तक जाकर बैठ जाए तो शहद शुद्ध होगा. शहद की एक बूंद लकड़ी या किसी प्लेट पर टपका दें, आग लगा दें, असली शहद तत्काल जलेगा, नकली देर से जलेगा। शुद्ध शहद सुगंधित होता है, जाड़े में जम जाता है, गर्मी में पिघल जाता है। शुद्ध शहद क दाग नहीं लगता. किसी प्लेट पर चार बूंद टपकाएं को नीचे सांप की कुंडली जैसी बन जाती है।
शुद्ध शहद में मक्खी के पंख फंसेंगे नहीं. आंख पर लगाने से जलन करेगा, लेकिन चिरमिराहट नहीं करेगा, बल्कि थोड़ी देर बाद ठंडक देगा. देखने में पारदर्शी व साफ नजर आता है. कुत्ता कभी शुद्ध शहद नहीं खाएगा।
गर्म करके गर्म पदार्थों के साथ उष्मावकाश में सेवन नहीं करना चाहिए। गर्म किया शहद, गर्म पदार्थ एवं जो छूने में गर्म लगे ऐसे पदार्थों के साथ दिया शहद एकदम हानिप्रद साबित होता है।
वमन कार्य व निरुह वस्ति में गर्म शहद का निषेध नहीं है। इन दोनों अवस्था में शहद शरीर से पाक हुए बिना ही जल्दी निकल जाता है अतरू हानि नहीं कर पाता। दूध व जल से सेवन समय दोनों वस्तुएं ठंडी होना चाहिए। शहद व घी समान मात्रा में मिलाकर कभी भी सेवन नहीं करना चाहिए। जल भी समान मात्रा में नहीं होना चाहिए. घी की मात्रा 1/4 चौथाई व पानी की चार गुना होना चाहिए।
प्रतिदिन एक बादाम सुबह पानी में गला दीजिए। संध्या छिलका उतार कर घिस कर लेप उतार लें। एक गिलास ठंडे दूध में शहद मिलाकर घोल को मिला लें व घूंट-घूंटकर के सेवन करें सोते समय, बलवीर्य की वृद्धि होती है. दरक का रस व शहद चाटने से श्वास कष्ट, खांसी में आराम मिलता है। प्याज के रस के साथ शहद मिला देने से फेंफड़े और गले में जमा कफ निकल जाता है। हिचकी व वमन में लाभ पहुंचता है।

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