दिल्ली चुनाव अभियान के बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा की वैचारिक मातृसंस्था RSS के प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर कई सवाल उठाए हैं।
केजरीवाल ने पूछा, “क्या RSS भाजपा की गलतियों का समर्थन करता है? भाजपा नेता खुलेआम पैसे बांट रहे हैं, क्या RSS वोट खरीदने का समर्थन करता है? दलित और पूर्वांचली वोटरों के नाम बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट से काटे जा रहे हैं। क्या RSS को नहीं लगता कि यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है?”
यह पत्र भाजपा को चुनावी अभियान के दौरान घेरने के उद्देश्य से लिखा गया है। AAP का आरोप है कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए वोटरों के नाम लिस्ट से हटवा रही है, जबकि भाजपा का कहना है कि AAP ने फर्जी वोटरों के नाम लिस्ट में जुड़वाए हैं।
BJP का पलटवार
भाजपा ने भी केजरीवाल के पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया दी। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “मैंने आज AAP नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है…हम उम्मीद करते हैं कि आप झूठ और छल-कपट की आदत छोड़कर खुद में सकारात्मक बदलाव लाएंगे।”
भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “केजरीवाल का RSS प्रमुख को पत्र लिखना सिर्फ मीडिया का ध्यान खींचने का प्रयास है। संघ को पत्र लिखने की बजाय उससे सेवा की भावना सीखें और अपनी राजनीतिक चालों को छोड़ दें।”
केजरीवाल का BJP पर आरोप
रविवार को मीडिया से बातचीत में केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के पास न तो कोई विज़न है और न ही उम्मीदवार। “भाजपा यह चुनाव किसी भी तरह बेईमानी से जीतना चाहती है। लेकिन दिल्ली के लोग ऐसा नहीं होने देंगे। हम उन्हें महाराष्ट्र और हरियाणा जैसी चालें यहां नहीं चलने देंगे।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने “ऑपरेशन लोटस” के तहत उनके निर्वाचन क्षेत्र नई दिल्ली में 5,000 वोटरों के नाम हटाने और 7,500 नए नाम जोड़ने की कोशिश की है। “मेरे क्षेत्र में कुल 1,06,000 वोटर हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो चुनाव कराने का क्या मतलब है? यह चुनाव के नाम पर खेल हो रहा है।”
केजरीवाल ने कहा कि चुनाव आयोग ने 29 अक्टूबर को संशोधित वोटर लिस्ट जारी की थी। उन्होंने पूछा, “अगर BJP के दावे के अनुसार 12% का अंतर है, तो क्या चुनाव आयोग की संशोधित लिस्ट गलत थी?”
AAP नेता ने भाजपा पर बाहरी लोगों को दिल्ली के वोटर के रूप में रजिस्टर कराने का आरोप लगाया।
BJP का जवाब
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने AAP के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद 2015 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली के वोटरों की संख्या में भारी इजाफा हुआ था। “2019 के चुनाव के बाद भी ऐसा हुआ। ये नए वोटर कौन लाए? कोई जवाब नहीं है। अब वही खेल फिर खेला जा रहा है। भाजपा का कहना है कि जो लोग अब दिल्ली में नहीं रहते या जो मर चुके हैं, उनके नाम लिस्ट में क्यों रहें?”
भाजपा ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए फर्जी वोटरों के नाम जुड़वाने का आरोप भी लगाया।
अधिकारियों को केजरीवाल की चेतावनी
केजरीवाल ने अधिकारियों को भाजपा के कहने पर गड़बड़ियां करने से बचने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “आप पर गलत काम करने का दबाव बनाया जाएगा, लेकिन याद रखें, कागजों पर आपके ही हस्ताक्षर होंगे। सरकार आज या कल बदलेगी, लेकिन फाइलें और हस्ताक्षर वहीं रहेंगे। कानून के हिसाब से काम करें, नहीं तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। आदेश देने वाले बच निकलेंगे।”
यह पहली बार नहीं है जब केजरीवाल ने RSS प्रमुख को पत्र लिखा है। सितंबर में भी उन्होंने मोहन भागवत को पांच सवाल पूछते हुए पत्र लिखा था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और केंद्र सरकार के केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग पर सवाल उठाए गए थे।
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