सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने भुवनेश्वर के जनता मैदान में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में भाग लिया

प्रवासी भारतीय दिवस के 18वें संस्करण का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 9 जनवरी, 2025 को भुवनेश्वर के जनता मैदान में किया। इस कार्यक्रम की थीम “विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान” थी। कार्यक्रम में राष्ट्र निर्माण में प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया, जिसमें विभिन्न मंत्रियों, अधिकारियों और बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों ने भाग लिया। एमएसएमई और श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने एमएसएमई मंत्रालय और उसके संगठनों द्वारा तैयार किए गए थीम मंडपों का दौरा किया।

सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर (सीटीटीसी), भुवनेश्वर द्वारा विकसित चंद्रयान-3 का एक प्रोटोटाइप प्रदर्शित किया गया है। यह केंद्र उच्च गुणवत्ता वाले महत्वपूर्ण घटकों के निर्माण में सहायक रहा है, जिसने मिशन चंद्रयान-3 और “मेक इन इंडिया” पहल की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने एआर-वीआर अनुभव केन्द्रों, ड्रोन प्रौद्योगिकियों और सौर पैनल विनिर्माण इकाइयों सहित नई प्रौद्योगिकी प्रदर्शन केन्द्रों की भी खोज की। उन्होंने खादी चरखा, करघे और पेपर माचे जैसे पारंपरिक शिल्पों का प्रदर्शन करने वाले खादी और ग्रामोद्योग के कारीगरों से बातचीत की। उन्होंने पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों से बातचीत की। उल्लेखनीय है कि 17 सितंबर, 2023 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना 18 व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक सहायता प्रदान करने के लिए एमएसएमई मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है।

चिकित्सा उपकरणों, एयरो इंजीनियरिंग, जल शोधन प्रौद्योगिकियों तथा टसर सिल्क और कॉयर उत्पादों जैसे स्वदेशी शिल्पों में भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए सुश्री करंदलाजे ने एमएसएमई क्षेत्र के थीम मंडप की सराहना की, जिसका शीर्षक “चरखा से चंद्रयान तक” उपयुक्त है।

उन्होंने दुबई से आए प्रवासी भारतीयों से भी बातचीत की और वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति और शिल्पकला को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2047 तक “विकसित भारत” के लक्ष्य को हासिल करने के माननीय प्रधानमंत्री के सपने में प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। मंत्री ने प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से फिर से जुड़ने और भारत की विकासगाथा में सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।

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