केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के 20वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। श्री अमित शाह ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM) के दक्षिणी परिसर, NDRF की 10वीं वाहिनी तथा Regional Response Centre के सुपौल परिसर सहित लगभग 220 करोड़ रूपए लागत की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया। गृह मंत्री ने राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में नई ‘इंटीग्रेटेड शूटिंग रेंज’ का शिलान्यास और तिरूपति में राज्य सरकार की क्षेत्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भवन का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन चंद्रबाबू नायडू, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री बंडी संजय कुमार, गृह सचिव श्री गोविंद मोहन और NDRF के महानिदेशक श्री पीयूष आनंद सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के समय NDRF काम आता है और जब Man-made आपदा होती है तो नरेन्द्र मोदी सरकार काम आती है। उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 के 5 साल में Man-made Disaster ने अपार संभावनाओं वाले राज्य आंध्र प्रदेश की दुर्गति की है। उन्होंने कहा कि उन व्यर्थ गए 5 साल के विकास के नुकसान की भरपाई करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और मुख्यमंत्री श्री एन चंद्रबाबू नायडू जी की जोड़ी 3 गुना गति से आंध्र प्रदेश का विकास कर रही है। श्री शाह ने कहा कि एक ओर श्री चंद्रबाबू जी प्रशासनिक, वित्तीय और विकास के रोडमैप की दृष्टि से आंध्र प्रदेश को दिन-दोगुनी रात चौगुनी गति से आगे बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी जी ने पिछले 6 माह में 3 लाख करोड़ से अधिक का निवेश और मदद आंध्र प्रदेश के लिए भेजे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने विशाखापट्टनम के स्टील प्लांट के लिए 11 हज़ार करोड़ रूपए की मदद को स्वीकृति दी है। इस निर्णय से आंध्र प्रदेश के गौरव माने जाने वाले विशाखापट्टनम स्टील प्लांट का लंबे समय तक चलना सुनिश्चित हो गया है। गृह मंत्री ने कहा कि अमरावती राजधानी की कल्पना श्री चंद्रबाबू नायडू जी ने की थी और प्रधानमंत्री मोदी जी ने इसका भूमिपूजन किया था, लेकिन पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान इस पूरे प्रोजेक्ट को एक प्रकार से दरकिनार कर दिया गया था।
श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने पिछले 6 माह में अमरावती प्रोजेक्ट के लिए हुडको और वर्ल्ड बैंक के माध्यम से 27 हज़ार करोड़ रूपए देकर अमरावती को श्री चंद्रबाबू नायडू जी की कल्पना की राजधानी बनाने के काम को स्पीड से आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि रेलवे ज़ोन की भी आधारशिला रख दी गई है और आंध्र प्रदेश की जीवनरेखा माने जाने वाले पोलवरम का पानी वर्ष 2028 तक पूरे राज्य में पहुंचना शुरू हो जाएगा। श्री शाह ने कहा कि 1600 करोड़ रूपए के खर्च से AIIMS अस्पताल का काम शुरू हो गया है और विशाखापट्टनम को ग्रीन हाइड्रोजन की राजधानी बनाने के लिए 2 लाख करोड़ का निवेश का प्लान भी मोदी जी ने शुरू किया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने आंध्र प्रदेश के लिए पिछले 6 माह में ही लगभग 1 लाख 20 हज़ार करोड़ के राजमार्ग और इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट भी स्वीकृत किए हैं। श्री शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार और स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी आंध्र प्रदेश के विकास के लिए श्री चंद्रबाबू नायडू के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 साल में NIDM के तहत महत्वपूर्ण गतिविधियों को आगे बढ़ाने का काम हुआ है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत, पुलिस स्टेशन, NCC और स्काउट्स के कैडेट्स से लेकर भारत सरकार तक हर जगह कोऑर्डिनेशन से काम होता है तभी सीमलैस आपदा प्रबंधन ज़मीन पर उतरता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में Approach, Methodology और Objective में क्रांतिकारी परिवर्तन करने का काम किया है। श्री शाह ने कहा कि पहले राहत-केन्द्रित अप्रोच होती थी और अब बचाव-केन्द्रित अप्रोच होती है। आपदा प्रबंधन को लेकर अप्रोच में ये 360 डिग्री बदलाव 2014 में मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आया है। उन्होंने कहा कि Methodology को Reactive से बदलकर Proactive बनाने का काम प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया है। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान ज़ीरो कैजुअल्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने में NDRF, NDMA और NIDM ने बहुत सामंजस्य से काम किया है।
श्री अमित शाह ने कहा कि NDRF ने एक संस्था के तौर पर बहुत कम समय में न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपनी विश्वसनीयता बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान जब NDRF के जवान आते हैं, तो लोगों को भरोसा हो जाता है कि वे अब सुरक्षित हैं।उन्होंने कहा कि विगत 2 साल में 2 तूफान ऐसे आए जिनमें हमने ज़ीरो कैज़ुअल्टी का लक्ष्य प्राप्त किया। श्री शाह ने कहा कि नेपाल, इंडोनेशिया, तुर्की, म्यांमार, विएतनाम सहित कई अन्य देशों में जब NDRF की टीमें गईं, तो वहां की जनता की मदद करने में इनकी भूमिका की प्रशंसा वहां के राष्ट्राध्यक्षों ने भी की। उन्होंने कहा कि NDMA की नीतियों को NDRF ने ज़मीन पर उतारा है और इसके कारण आपदा प्रबंधन के मामले में भारत आज ग्लोबल लीडर बनकर उभरा है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार आपदा प्रबंधन के प्रति कितनी गंभीर है, इसका प्रमाण है कि 12वें वित्त आयोग में आपदा प्रबंधन के लिए 12500 करोड़ रूपए रखे गए थे, जिसे 14वें वित्त आयोग में बढ़ाकर 61,000 करोड़ रूपए कर दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में Disaster Resilient Infrastructure के क्षेत्र में भारत ने पूरी दुनिया में बढ़त बनाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure (CDRI) की स्थापना की और आज दुनिया के 48 देश सदस्य के रूप में CDRI के नेतृत्व में काम कर रहे हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने कई एप्स, वेबसाइट्स और पोर्टल बनाकर आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में जनजागृति का काम किया है।देश के लाखों-करोड़ों लोगों ने इन सभी एप्स के साथ खुद को जोड़ा है और अब इन एप्स को सभी भाषाओं में संवाद करने योग्य बनाने के प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि डायल 112 और कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल से लोगों की बहुत मदद हुई है। श्री शाह ने कहा कि इसी कड़ी में आज दो और संस्थान जुड़ने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री चंद्रबाबू नायडू जी ने भारत सरकार को बिना किसी लागत के यहां भूमि देकर दसवीं वाहिनी और NIDM की दक्षिण भारत ब्रांच को स्थापित करने में मदद की है।