पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय धुबरी, असम के छात्रों के तनाव प्रबंधन हेतु विद्यालय के प्राचार्य श्री बी आर शर्मा के निर्देशन में दो दिवसीय तनाव प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसके दूसरे दिन के प्रथम सत्र में रिसोर्स पर्शन डॉ. मनोज कुमार तिवारी, वरिष्ठ परामर्शदाता, ए आर टी सेंटर, एसएस हॉस्पिटल, आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी ने बताया कि किशोर छात्र- छात्राओं के मानसिक कल्याण को समझने के लिए आवश्यक है कि शिक्षक उनके साथ सौहार्दपूर्ण व सहयोगात्मक व्यवहार करें ताकि विद्यार्थी अपनी समस्याओं को उनसे साझा करने में अपने को सहज महसूस करें ।
दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. तिवारी ने बताया कि आवासीय विद्यालय में किशोर छात्र-छात्राओं के के चुनौतीपूर्ण व्यवहार के समाधान के लिए आवश्यक है कि उन्हें तार्किक ढंग से समझाया जाए कि किस तरह से उनका व्यवहार अनपेक्षित है तथा उन्होंने शिक्षकों को पुनर्बलन एवं दंड की उपयोग के समय बरती जाने वाली सावधानियों से भी अवगत कराया। दूसरे दिन के अंतिम सत्र में डॉ. तिवारी ने बताया कि समेकित शिक्षा व्यवस्था में बच्चों के स्वघाती व्यवहार को समझने के लिए उनकी व्यवहारिक निगरानी किया जाना जरूरी है यदि छात्र के व्यवहार में कोई अप्रत्याशित परिवर्तन दिखाई पड़े तो तुरंत हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है ऐसी स्थिति में नजर अंदाज करने की प्रवृत्ति विद्यार्थी के जीवन के लिए घातक हो सकता है। उन्होंने पीपीटी के माध्यम से छात्रों में आत्महत्या के कारण, लक्षण एवं बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा किया सभी सत्र के दौरान शिक्षक एवं छात्रों ने उपर्युक्त विषयों पर खुलकर चर्चा किया तथा रिसोर्सपरन से समस्याओं का समाधान जाना।
कार्यशाला के आयोजन में विद्यालय के परामर्शदाता श्री. सुनील कुमार यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यशाला का संचालन एवं अतिथि का धन्यवाद ज्ञापन डॉ जीतेन्द्र प्रताप यादव (पीजीटी हिंदी) ने किया।