किडनी के रोगियों की संघर्ष से सफलता की कहानी का कार्यक्रम का आयोजन

विनीता झा
कार्यकारी संपादक

नई दिल्ली : किडनी की समस्या भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बड़ी चुनौती बनी हुई है। किडनी हमारे शरीर में खून को साफ करने में सबसे प्रमुख भूमिका निभाती है। यह हमारे शरीर का खून साफ कर पेशाब बनाती है, परंतु हमारे शरीर पर ध्यान ना दे पाने व कई लापरवाही के कारण किडनी से सम्बन्धित कई प्रकार के रोग घेर लेते हैं। विश्व में किडनी रोगियों की संख्या लगभग 85 करोड़ है और हर साल 24 लाख लोगों की इससे मौत हो रही है। वहीं भारत में लगभग 10 में से हर 1 व्यक्ति किडनी रोग से ग्रसित है और यह आंकड़े भारत के नेफ्रोलॉजिस्ट की संस्था इंडियन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (आईएसएन) के हैं, जिनसे भारत में किडनी के खतरनाक प्रभाव को समझा जा सकता है। 

इस विश्व किडनी दिवस के अवसर पर धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, दिल्ली द्वारा किडनी रोगियों के संघर्ष की कहानी को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें किडनी ट्रांसप्लांट के बाद कैसे मरीज़ को एक नया जीवन मिल सकता है बताया गया, जिससे अन्य लोगों में भी जीने का जज्बा पैदा हो सके। अंगदान के महत्व को बताया गया । अंगदान कैसे किया जा सकता है इसके बारे में बताया गया । किडनी रोगो से जुडी लोगो की भ्रांतियों को धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा दूर किया गया । इसके साथ ही किडनी को लेकर लोगों में जागरूकता भी फैलाई गयी ।

यह कार्यक्रम दिल्ली के धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में विश्व किडनी दिवस के उपलक्ष्य में  11 मार्च को शनिवार के दिन सुबह 7:00 से आयोजित किया गया।  इसमें नेफ्रोलॉजी टीम की तरफ से डायरेक्टर एंड सीनियर कंसलटेंट- डॉक्टर एल. के. झा व एसोसिएट डायरेक्टर एंड सीनियर कंसलटेंट- डॉक्टर यासिर रिजवी के साथ यूरोलॉजी टीम की तरफ से डायरेक्टर एंड सीनियर कंसलटेंट- डॉक्टर मयंक गुप्ता ने भी उपस्थित लोगो का मार्गदर्शन किया। उन्ही के साथ उपस्थित थे, जाने माने किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन एंड सीनियर कंसलटेंट, डॉक्टर शफ़ीक़  अहमद जिन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट के महत्व के बारे में मौजूद लोगो को जागरूक कराया ।

डॉ. एल के झा ने यह भी बताया कि किडनी की बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण हैं जैसे- शरीर में सूजन आना, क्रिएटिनिन बढ़ा हुआ रहना, पेशाब कम या ज्यादा आना, आंखों या चेहरे अथवा पैरों पर सूजन आना जैसे लक्षणों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यदि आपको किडनी को सुरक्षित रखना है तब आपको अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करना होगा, आपको ऑयली फूड, जंक फूड, फास्ट फूड से दूरी बनाना होगा इसकी जगह आपको भोजन में हेल्दी फूड्स, प्रोटीन डाइट, होल ग्रेन और फाइबर बेस्ड फूड्स को जगह देना होगा। इसके अलावा आपको शराब जैसे अल्कोहल युक्त पदार्थों का सेवन बंद करना होगा। अपने भोजन में नमक की मात्रा को सीमित स्तर तक ही रखें एक दिन में 5 ग्राम से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए, रोजाना एक्सरसाइज करें, खूब पानी पिएं और यदि आपको किडनी की बीमारियों से संबंधित किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई तों बगैर देर किए तुरंत नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करें, तभी आप खुद को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं।

चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, नवीन शर्मा ने बताया कि आज के इस कार्यक्रम का उद्देश्य किडनी के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना रहा क्योंकि जिस तरह से लोग अपने खानपान वह दिनचर्या में लापरवाही के चलते किडनी की गंभीर समस्याओं से घिर जाते हैं और समय रहते इलाज न कराने के कारण उन्हें इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ता है, इसलिए किडनी की समस्याओं के प्रति उन्हें जागरूक होने की आवश्यकता है, ताकि वे समय रहते इस बीमारी का इलाज कराएं और जितनी जल्दी हो सके वह इस बीमारी से राहत पा सकें। 

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