FIITJEE का इतिहास: कोचिंग संस्थान का उत्थान और पतन

Live News

दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत में FIITJEE की कई शाखाओं के बंद होने से सैकड़ों अभिभावक नाराज़ हैं और फीस वापसी की मांग कर रहे हैं। कोचिंग संस्थान के इस संकट का कारण प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई है, जो लाइसेंसिंग और फायर सेफ्टी नियमों के उल्लंघन के चलते की गई।

FIITJEE का उदय

FIITJEE की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, यह संस्थान 1992 में मात्र दस हज़ार रुपये से भी कम में शुरू किया गया था। केवल पांच साल के अंदर यह IIT-JEE (JEE Advanced) की तैयारी के क्षेत्र में अग्रणी बन गया। 1997 में FIITJEE ने अपने लॉन्ग-टर्म क्लासरूम प्रोग्राम के जरिए न केवल देश के टॉपर्स तैयार किए, बल्कि सबसे ज्यादा चयनित विद्यार्थी भी दिए।

FIITJEE की स्थापना D.K. गोयल ने की थी, जो IIT दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग के ग्रेजुएट हैं। शुरुआत में यह संस्थान केवल IIT-JEE के लिए एक मंच था, लेकिन जल्द ही यह 74 स्टडी सेंटर्स, दो FIITJEE ग्लोबल स्कूल्स, छह FIITJEE वर्ल्ड स्कूल्स, नौ FIITJEE जूनियर कॉलेज और 58 एसोसिएट स्कूल्स तक विस्तृत हो गया। FIITJEE की शाखाएँ बहरीन, कुवैत, क़तर, सऊदी अरब, ओमान, यूएई, श्रीलंका, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया और नेपाल जैसे देशों में भी मौजूद हैं।

2021 में संस्थान ने हैदराबाद में FIITJEE वर्ल्ड स्कूल्स और चेन्नई व वेल्लोर में FIITJEE ग्लोबल स्कूल्स की शुरुआत की। इसके अलावा, भुवनेश्वर, हैदराबाद, विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम में FIITJEE जूनियर कॉलेज भी खोले गए, जिनका उद्देश्य छात्रों को IITs, यूएस यूनिवर्सिटीज़ और ओलंपियाड में सफलता दिलाना था।

FIITJEE का पतन

FIITJEE की शाखाएं नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और भोपाल जैसे शहरों में बंद हो गई हैं। इन क्षेत्रों में अभिभावकों ने संस्थान के खिलाफ कई पुलिस शिकायतें दर्ज कराई हैं। FIITJEE की प्रतिष्ठित साउथ दिल्ली शाखा, जो IIT-दिल्ली के पास कालू सराय में स्थित है, को भी कुछ कक्षाओं को निलंबित करना पड़ा। इसका कारण यह बताया गया कि कई शिक्षकों ने संस्थान छोड़ दिया क्योंकि उन्हें महीनों तक वेतन नहीं दिया गया था।

FIITJEE के इस संकट ने कोचिंग इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। क्या यह संस्थान फिर से अपने पुराने गौरव को हासिल कर पाएगा या यह पतन की ओर ही जाएगा, यह तो समय ही बताएगा।

Source: NDTV

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »