गणतंत्र दिवस 2025 परेड में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की झांकी ने मंत्रालय की योजनाओं और महिला-नेतृत्व विकास के जीवन चक्र के दृष्टिकोण को खूबसूरती से दर्शाया। झांकी के मध्य में एक माँ अपनी बच्ची को प्यार से गोद में लिए खड़ी थी जो एक बच्चे की पहली शिक्षिका के रूप में उसकी भूमिका का प्रतीक है। झांकी में ताजे फल, सब्जियाँ, अनाज और दूध को भी प्रदर्शित किया गया जो सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण अभियान की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रतीक है जो मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य कुपोषण को मिटाना और भारत के बच्चों और माताओं के लिए एक स्वस्थ और उज्जवल भविष्य का पोषण करना है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की झांकी ने सशक्तिकरण, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और विकसित भारत 2047 में महिलाओं की भूमिका की एक शक्तिशाली कहानी पेश की। इसमें मंत्रालय की व्यापक योजनाओं, जैसे वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन (181), चाइल्ड हेल्पलाइन (1098), प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना इत्यादि के तहत पोषित महिलाओं और बच्चों की बहुमुखी यात्रा को दिखाया गया। ये पहल महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण, बाल संरक्षण और कल्याण के साथ-साथ स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा तक फैली हुई हैं।
यह जीवंत चित्र बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के 10 वर्ष पूरे होने और आंगनवाड़ी योजना के 50 वर्ष पूरे होने के उत्सव का भी प्रतीक है साथ ही बच्चों के लिए पीएम केयर्स, पालना और किशोरियों के लिए योजना द्वारा प्रदान किए गए अटूट समर्थन का भी प्रतीक है। इन दृश्यों ने आधुनिक तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में सक्रिय रूप से भाग लेने वाली महिलाओं को उजागर किया, जो प्रगतिशील भारत में महिलाओं की उभरती भूमिकाओं का प्रतीक है।
झांकी के मुख्य भाग में भारत की महिला के “शक्ति स्वरूप” को दर्शाया गया है – जो हर तरह से सशक्त, शक्तिशाली और किसी भी क्षेत्र में किसी भी पेशे या व्यवसाय को अपनाने के लिए स्वतंत्र है, चाहे वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, प्रशासन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता या अंतरिक्ष हो। यह छवि आज की सशक्त भारतीय महिला की ताकत, लचीलापन और मल्टीटास्किंग कौशल को रेखांकित करती है।
झांकी के दोनों ओर सरकारी योजनाओं का जीवंत चित्रण यह संदेश देता है कि सशक्त महिला ही मजबूत राष्ट्र की रीढ़ है, जो “सशक्त नारी, सशक्त भारत” की भावना को साकार करती है।