प्रयागराज के महाकुंभ में मंगलवार तड़के हुए दर्दनाक हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हो गए। उत्तर प्रदेश पुलिस के शीर्ष अधिकारी वैभव कृष्ण ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि अब तक 25 शवों की पहचान हो चुकी है और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
स्थानीय रिपोर्टों और सोशल मीडिया पर सुबह से ही इस हादसे की खबरें सामने आ रही थीं, लेकिन मरने वालों की संख्या को लेकर भिन्न-भिन्न दावे किए जा रहे थे।
कैसे हुआ हादसा?
यह भगदड़ संगम क्षेत्र में तब मची जब हजारों श्रद्धालु मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर पवित्र स्नान के लिए उमड़ पड़े। अधिक भीड़ के चलते श्रद्धालुओं में धक्का-मुक्की होने लगी और देखते ही देखते भगदड़ मच गई।
पुलिस के अनुसार, कुछ श्रद्धालु बैरिकेड्स तोड़ने लगे, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई और हादसा हो गया।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों की आपबीती
कर्नाटक से स्नान के लिए आई सरोजिनी ने पीटीआई को बताया, “हम 60 लोगों के समूह में दो बसों से आए थे। हमारी टोली में 9 लोग थे। अचानक भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू हो गई और हम फंस गए। कुछ लोग नीचे गिर गए और हालात बिगड़ते चले गए।”
एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती महिला, जिसका बच्चा घायल हो गया, ने बताया कि “चारों तरफ लोग ही लोग थे, कोई निकलने का रास्ता नहीं था। कुछ लोग धक्का दे रहे थे और हंस रहे थे, जबकि हम बच्चों की हालत देखकर उनसे रहम की भीख मांग रहे थे।”
स्थिति अब नियंत्रण में – पुलिस
महाकुंभ के डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और घायलों को उचित इलाज दिया जा रहा है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि “हम त्रिवेणी संगम पर अमृत स्नान के लिए जा रहे थे। हमारे साथ हजारों संत और नागा साधु थे। हमने घाटों को जल्दी खाली करने का निर्णय लिया ताकि सभी श्रद्धालु स्नान कर सकें।”
पंचायती निरंजनी अखाड़ा के दिगंबर नागा बाबा चिदानंद पुरी ने एएनआई से बातचीत में कहा कि “हादसे के बाद हमारे अखाड़े के लोग छोटे समूहों में स्नान के लिए आ रहे हैं।”
महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन पर सवाल
यह हादसा एक बार फिर प्रशासन के भीड़ प्रबंधन पर सवाल खड़े करता है। इतने विशाल धार्मिक आयोजन में सुरक्षा और सुविधाओं का पर्याप्त ध्यान नहीं रखना, श्रद्धालुओं के लिए घातक साबित हो सकता है।
सरकार और प्रशासन से उम्मीद है कि इस हादसे की पूरी जांच होगी और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।