80% भारतीयों का मानना है कि एआई टूल्स से अपस्किलिंग करियर ग्रोथ को बढ़ा सकती है: रिपोर्ट

2025 ईटीएस ह्यूमन प्रोग्रेस रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 80% भारतीय मानते हैं कि एआई टूल्स की मदद से नई स्किल्स सीखना उनके करियर ग्रोथ के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वियतनाम, भारत, नाइजीरिया और चीन जैसे उभरते मध्यम-आय वाले देश एआई को अपनाने और नई स्किल्स सीखने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं, जिससे ये देश भविष्य के लिए अधिक तैयार नजर आते हैं। इसके विपरीत, उत्तर अमेरिका और पश्चिमी यूरोप जैसे विकसित बाजारों में इस प्रवृत्ति की गति धीमी है।

स्किल डेवलपमेंट और करियर ग्रोथ का बढ़ता महत्व

रिपोर्ट के अनुसार, 86% लोगों का मानना है कि स्किल्स को प्रमाणित (सर्टिफाई) करने से उन्हें बेहतर और उच्च वेतन वाली नौकरी पाने में मदद मिलती है।

देशों के अनुसार यह प्रतिशत इस प्रकार है:

  • 87% नाइजीरिया
  • 86% वियतनाम
  • 85% इंडोनेशिया
  • 84% यूएई
  • 84% भारत
  • 83% चीन
  • 82% केन्या
  • 78% सऊदी अरब

एआई और स्किल बेंचमार्किंग का बढ़ता ट्रेंड

रिपोर्ट में कहा गया है कि लोग सिर्फ स्किल सीखना ही नहीं चाहते, बल्कि वे अपने स्किल्स का प्रमाण भी चाहते हैं। 74% कर्मचारी इस बात से सहमत हैं कि वे अपने स्किल्स को अपने उद्योग के अन्य लोगों के साथ बेंचमार्क (तुलना) करना चाहते हैं।

  • 85% भारतीय अपने करियर की बेंचमार्किंग को लेकर उत्साहित हैं।
  • 82% इंडोनेशिया, 82% वियतनाम, 84% चीन के लोग भी अपने स्किल्स को बेंचमार्क करना चाहते हैं।

रियल-वर्ल्ड असेसमेंट से स्किल्स को आंकने की मांग

  • 68% उत्तरदाताओं का मानना है कि स्किल्स का विकास वास्तविक दुनिया के आकलन पर आधारित होना चाहिए।
  • महिलाओं में यह सोच अधिक मजबूत है, जहां 71% महिलाएं इसकी समर्थक हैं, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 65% है।
  • भारत में 63% पुरुष और 64% महिलाएं इस विचार का समर्थन करती हैं।

भारत का प्रदर्शन – ह्यूमन प्रोग्रेस इंडेक्स

भारत ने 85.8 का ह्यूमन प्रोग्रेस इंडेक्स स्कोर हासिल किया है, जो साल-दर-साल 5.6% की वृद्धि को दर्शाता है।

भविष्य के लिए तैयार रहना जरूरी

ईटीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सेवक ने कहा,” 2025 में सफलता उन्हीं को मिलेगी, जो खुद को नए दौर के लिए तैयार कर सकें। यह रिपोर्ट दिखाती है कि अब सिर्फ तकनीकी ज्ञान ही नहीं, बल्कि अनुकूलन क्षमता (Adaptability), लचीलापन (Resilience) और सहयोगात्मक कौशल (Collaboration) भी करियर ग्रोथ के लिए जरूरी हो गए हैं। ये ‘सॉफ्ट स्किल्स’ नहीं, बल्कि असली ‘पावर स्किल्स’ बन गए हैं, जो लोगों और संगठनों को बदलाव को अपनाने के साथ-साथ उसे आकार देने में भी मदद कर रहे हैं।”

वैश्विक स्तर पर स्किल डेवेलपमेंट को लेकर आशावाद

  • 65% लोग अगले 10 वर्षों में अपस्किलिंग को लेकर आशान्वित हैं।
  • 64% लोग उच्च शिक्षा की संभावनाओं को लेकर सकारात्मक हैं।

इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि भारत सहित कई उभरते देश एआई और स्किल डेवलपमेंट में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, जिससे उनकी करियर ग्रोथ और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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