प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बागेश्वर धाम चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में बागेश्वर धाम चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे इतने कम समय में दूसरी बार बुंदेलखंड आए हैं। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक केंद्र बागेश्वर धाम जल्द ही आरोग्य केंद्र भी बनेगा। उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान संस्थान 10 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा और पहले चरण में 100 बिस्तरों की सुविधा तैयार होगी। उन्होंने इस नेक काम के लिए श्री धीरेन्द्र शास्त्री को बधाई दी और बुंदेलखंड के लोगों को शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल राजनीतिक नेताओं का एक वर्ग धर्म का उपहास उड़ा रहा है और लोगों को बांटने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि कई बार देश और धर्म को कमजोर करने के लिए विदेशी संस्थाओं से भी ऐसे लोगों को समर्थन मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू धर्म से घृणा करने वाले लोग विभिन्न रूपों में लंबे समय से मौजूद हैं। प्रधानमंत्री ने हमारी मान्यताओं, परंपराओं और मंदिरों पर लगातार हो रहे हमलों को उजागर करते हुए कहा कि ये तत्व हमारे संतों, संस्कृति और सिद्धांतों पर हमला करते हैं। वे हमारे त्योहारों, रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को निशाना बनाते हैं और यहां तक ​​कि हमारे धर्म और संस्कृति की स्वाभाविक प्रगतिशील प्रकृति को बदनाम करने का दुस्साहस करते हैं। श्री मोदी ने हमारे समाज को बांटने और इसकी एकता को तोड़ने के उनके एजेंडे के बारे में बताया। इस संदर्भ में उन्होंने श्री धीरेन्द्र शास्त्री के प्रयासों को उजागर किया, जो लंबे समय से देश में एकता के मंत्र के बारे में जागरूकता बढ़ा रहे हैं। श्री मोदी ने घोषणा करते हुए कहा कि श्री धीरेन्द्र शास्त्री ने कैंसर संस्थान की स्थापना के रूप में समाज और मानवता के कल्याण के लिए एक और संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप बागेश्वर धाम में अब भक्ति, पोषण और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे मंदिर, हमारे मठ, हमारे धाम, ये एक ओर पूजन और साधन के केंद्र रहे हैं तो दूसरी ओर विज्ञान और सामाजिक चेतना के भी केंद्र रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों ने ही हमें आयुर्वेद का विज्ञान दिया, हमारे ऋषियों ने ही हमें योग का वो विज्ञान दिया, जिसका परचम आज पूरी दुनिया में लहरा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दूसरों की सेवा करना और उनके दुखों को दूर करना ही सच्चा धर्म है। उन्होंने ‘‘नारायण में नर’’ और ‘‘सभी प्राणियों में शिव’’ की भावना के साथ सभी जीवों की सेवा करने की हमारी परंपरा पर प्रकाश डाला। महाकुंभ के बारे में व्यापक चर्चाओं को देखते हुए, जो करोड़ों लोगों द्वारा भाग लेने, पवित्र डुबकी लगाने और संतों से आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ समापन के करीब है, श्री मोदी ने इसे ‘‘एकता का महाकुंभ’’ बताया और सभी सफाई कर्मचारियों और पुलिस अधिकारियों को उनकी समर्पित सेवा के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान ‘नेत्र महाकुंभ’ भी आयोजित किया जा रहा है, हालांकि इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया है। फिर भी, यहां दो लाख से अधिक नेत्र जांच की गई है, लगभग डेढ़ लाख लोगों को मुफ्त दवा और चश्मा दिया गया है, और लगभग सोलह हजार रोगियों को मोतियाबिंद और अन्य सर्जरी के लिए विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया है। प्रधानमंत्री ने हमारे ऋषियों के मार्गदर्शन में महाकुंभ के दौरान होने वाली स्वास्थ्य और सेवा से संबंधित कई पहलों को स्वीकार किया, जिसमें हजारों डॉक्टर और स्वयंसेवक निस्वार्थ भाव से भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुंभ में उपस्थित लोगों ने इन प्रयासों की सराहना की है।

प्रधानमंत्री ने पूरे भारत में बड़े अस्पतालों के संचालन में धार्मिक संस्थाओं की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कई स्वास्थ्य और विज्ञान अनुसंधान संस्थान धार्मिक ट्रस्टों द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं, जो करोड़ों गरीब लोगों को उपचार और सेवा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम से जुड़ा बुंदेलखंड का पवित्र तीर्थ स्थल चित्रकूट दिव्यांगों और रोगियों की सेवा का एक प्रमुख केंद्र था। उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि बागेश्वर धाम स्वास्थ्य का आशीर्वाद देकर इस गौरवशाली परंपरा में एक नया अध्याय जोड़ रहा है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि दो दिन बाद महाशिवरात्रि पर 251 बेटियों का सामूहिक विवाह समारोह होगा। प्रधानमंत्री ने इस नेक पहल के लिए बागेश्वर धाम की सराहना की और सभी नवविवाहित जोड़ों और बेटियों को भविष्य के सुखद जीवन के लिए हार्दिक बधाई और आशीर्वाद दिया।

‘‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’’ नामक शास्त्र का हवाला देते हुए इस बात पर जोर दिया कि हमारा शरीर और स्वास्थ्य ही हमारे धर्म, सुख और सफलता को प्राप्त करने का प्राथमिक साधन है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश ने मुझे सेवा का अवसर दिया, तो मैंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को सरकार का संकल्प बनाया और ‘सबका साथ, सबका विकास’ के इस संकल्प का भी एक बड़ा आधार है – सबका इलाज, सबको आरोग्य, जिसका अर्थ है सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा और विभिन्न स्तरों पर बीमारी की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करना। स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों के निर्माण की बात स्वीकार करते हुए श्री मोदी ने बताया कि शौचालयों के निर्माण से अस्वच्छ परिस्थितियों के कारण होने वाली बीमारियों में कमी आई है। उन्होंने एक अध्ययन का हवाला दिया जिसमें संकेत दिया गया है कि शौचालय वाले घरों ने चिकित्सा व्यय पर हजारों रुपये बचाए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में उनकी सरकार आने से पहले, देश के गरीबों को बीमारी से ज़्यादा इलाज के खर्च का डर रहता था और उन्होंने बताया कि परिवार में एक गंभीर बीमारी पूरे परिवार को संकट में डाल देती थी। उन्होंने बताया कि वे भी एक गरीब परिवार से आते हैं और उन्होंने ऐसी मुश्किलें देखी हैं और उन्होंने इलाज के खर्च को कम करने और लोगों के लिए ज्यादा पैसे बचाने का संकल्प लिया था। यह सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे, श्री मोदी ने चिकित्सा व्यय के बोझ को कम करने के महत्व पर जोर दिया और आयुष्मान कार्ड के जरिए हर गरीब व्यक्ति के लिए 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज के प्रावधान पर प्रकाश डाला। उन्होंने उन लोगों से आग्रह किया जिन्होंने अभी तक यह कार्ड नहीं बनवाया है।

श्री मोदी ने बताया कि 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड जारी किए जा रहे हैं, चाहे परिवार गरीब हो, मध्यम वर्ग या अमीर। उन्होंने कहा कि ये कार्ड बिना किसी खर्च के ऑनलाइन प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि आयुष्मान कार्ड के लिए किसी को भी भुगतान नहीं करना चाहिए। उन्होंने लोगों से कहा कि अगर कोई पैसे मांगे तो वे इसकी सूचना दें। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई उपचारों के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि निर्धारित दवाएं घर पर ही ली जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि दवाओं की लागत कम करने के लिए देश भर में 14,000 से अधिक जन औषधि केंद्र खोले गए हैं, जो सस्ती दवाएं उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि किडनी की बीमारी हमारे स्वास्थ्य को लेकर एक और गंभीर समस्या है, जिसके लिए निरंतर डायलिसिस की आवश्यकता होती है। 700 से अधिक जिलों में 1,500 से अधिक डायलिसिस केंद्र खोले गए हैं, जो मुफ्त डायलिसिस सेवाएं प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री ने सभी से अपने परिचितों के बीच इन सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कोई भी व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे।

श्री मोदी ने कहा, ‘‘कैंसर हर जगह एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है; सरकार, समाज और संत सभी कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं।’’ उन्होंने किसी को कैंसर का पता चलने पर ग्रामीणों के सामने आने वाली कठिनाइयों पर टिप्पणी की। उन्होंने शुरुआती पहचान की कमी और बुखार तथा दर्द के लिए घरेलू उपचार पर निर्भर रहने की प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला, जिसके परिणामस्वरूप स्थिति बिगड़ने पर देर से निदान होता है। प्रधानमंत्री ने कैंसर के निदान की बात सुनकर परिवारों में व्याप्त भय और भ्रम के बारे में बताया, जिसमें से कई को केवल दिल्ली और मुंबई में उपचार केंद्रों के बारे में पता है। उन्होंने इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों पर जोर दिया, जिसमें कैंसर से निपटने के लिए इस साल के बजट में कई घोषणाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वे कैंसर की दवाओं को और अधिक किफायती बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अगले तीन वर्षों में हर जिले में कैंसर डेकेयर सेंटर खोलने की घोषणा की। ये केंद्र निदान और राहत देखभाल दोनों सेवाएं प्रदान करेंगे। श्री मोदी ने उपचार तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जिला अस्पतालों और स्थानीय मोहल्लों में चिकित्सा केंद्रों में कैंसर क्लीनिक खोलने के बारे में भी बताया।

प्रधानमंत्री ने कैंसर से बचाव के लिए सतर्क और जागरूक रहने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि समय रहते इसका पता लगाना बहुत जरूरी है, क्योंकि एक बार कैंसर फैल जाए तो उससे निपटना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग के लिए चल रहे अभियान पर प्रकाश डाला और सभी से इसमें भाग लेने और लापरवाही से बचने का आग्रह किया। उन्होंने किसी भी तरह का संदेह होने पर तुरंत कैंसर की जांच कराने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कैंसर के बारे में सही जानकारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह कोई संक्रामक बीमारी नहीं है और छूने से नहीं फैलती है। उन्होंने कहा कि बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, तंबाकू और मसालों के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है और इन पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने सभी से अपने शरीर और स्वास्थ्य का ध्यान रखने और किसी भी तरह की लापरवाही से बचने के लिए इन सावधानियों को पूरी लगन से अपनाने का आग्रह किया।

लोगों की सेवा के प्रति अपने समर्पण पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने छतरपुर की अपनी पिछली यात्रा का जिक्र किया, जहां उन्होंने हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था। उन्होंने 45,000 करोड़ रुपये की केन-बेतवा लिंक परियोजना को शामिल किए जाने पर प्रकाश डाला, जो बुंदेलखंड में कई सरकारों और नेताओं के आने के बावजूद दशकों से लंबित थी। श्री मोदी ने क्षेत्र में लगातार पानी की कमी के बारे में चर्चा की और सवाल उठाया कि क्या पिछली किसी सरकार ने अपने वादे पूरे किए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों का आशीर्वाद मिलने के बाद ही काम शुरू हुआ। उन्होंने पेयजल संकट को दूर करने में तेजी से प्रगति के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन या हर घर जल परियोजना के तहत बुंदेलखंड के गांवों में पाइप से पानी की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने किसानों की कठिनाइयों को कम करने और उनकी आय बढ़ाने के लिए चल रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार दिन-रात अथक प्रयास कर रही है।

श्री मोदी ने बुंदेलखंड की समृद्धि के लिए महिलाओं को सशक्त बनाने के महत्व पर जोर देते हुए, लखपति दीदी और ड्रोन दीदी जैसी पहलों की शुरूआत पर टिप्पणी की और 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य की घोषणा की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि महिलाओं को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसका उपयोग बुंदेलखंड में सिंचाई का पानी पहुंचने के बाद फसलों पर छिड़काव और कृषि में सहायता के लिए किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि ये प्रयास बुंदेलखंड को समृद्धि की ओर तेजी से आगे बढ़ाएंगे।

प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना के तहत गांवों में सटीक भूमि माप और ठोस भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए ड्रोन तकनीक के महत्वपूर्ण उपयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने मध्य प्रदेश में इस पहल के सफल कार्यान्वयन के बारे में बताया, जहां लोग अब इन दस्तावेजों का उपयोग बैंकों से आसानी से ऋण प्राप्त करने के लिए कर रहे हैं, जिसका उपयोग व्यवसायों के लिए किया जा रहा है और इससे लोगों की आय में वृद्धि हो रही है।

अपने संबोधन के समापन पर प्रधानमंत्री ने बुंदेलखंड को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों के अथक प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि बुंदेलखंड समृद्धि और विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा और सभी को शुभकामनाएं दीं।

इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई छगनभाई पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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