प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन किया

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) 2025 का उद्घाटन किया। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कार्यक्रम में देरी के लिए माफ़ी मांगी, क्योंकि 10वीं और 12वीं के छात्रों की बोर्ड परीक्षाएं चल रही थीं और कार्यक्रम में जाने के दौरान उनके सुरक्षा संबंधी उपायों के कारण छात्रों को असुविधा हो सकती थी। श्री मोदी ने कहा कि राजा भोज की धरती पर निवेशकों और व्यापार जगत के दिग्गजों का स्वागत करना उनके लिए बहुत गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम महत्वपूर्ण था, क्योंकि विकसित भारत की यात्रा में विकसित मध्य प्रदेश की आवश्यकता है। उन्होंने शिखर सम्मेलन के शानदार आयोजन के लिए मध्य प्रदेश सरकार को बधाई दी।

श्री मोदी ने कहा, “पूरी दुनिया भारत को लेकर आशावादी है।” उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा अवसर पहली बार आया है। उन्होंने कहा कि आम नागरिक हों या नीति विशेषज्ञ या संस्थाएं या दुनिया के देश, सभी को भारत से बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले कुछ हफ्तों में भारत के बारे में जो टिप्पणियां मिली हैं, उनसे निवेशकों का उत्साहवर्धन होगा। विश्व बैंक द्वारा हाल ही में दिए गए उस बयान को याद करते हुए कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ओईसीडी के एक प्रतिनिधि ने टिप्पणी में कहा, “दुनिया का भविष्य भारत में है।” उन्होंने कहा कि हाल ही में, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के एक संगठन ने भारत को सौर ऊर्जा महाशक्ति घोषित किया है। इस संगठन ने यह भी उल्लेख किया कि जहां कई देश केवल बातें करते हैं, वहीं भारत परिणाम देता है। श्री मोदी ने कहा कि एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि कैसे भारत वैश्विक एयरोस्पेस फर्मों के लिए एक उत्कृष्ट आपूर्ति श्रृंखला के रूप में उभर रहा है। ये फर्म भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों के समाधान के रूप में देखती हैं। प्रधानमंत्री ने भारत में दुनिया के विश्वास को प्रदर्शित करने वाले विभिन्न उदाहरणों का हवाला दिया, जो हर भारतीय राज्य का आत्मविश्वास भी बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में आयोजित ग्लोबल समिटमें यह आत्मविश्वास स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

यह बताते हुए कि मध्य प्रदेश जनसंख्या के हिसाब से भारत का पांचवां सबसे बड़ा राज्य है, श्री मोदी ने कहा, “मध्य प्रदेश कृषि और खनिज के मामले में भारत के शीर्ष राज्यों में से एक है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मध्य प्रदेश को जीवनदायिनी नर्मदा नदी का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में सकल घरेलू उत्पाद के हिसाब से भारत के शीर्ष पांच राज्यों में से एक बनने की क्षमता है।

पिछले दो दशकों में मध्य प्रदेश की परिवर्तनकारी यात्रा की ओर इशारा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब राज्य को बिजली और पानी की बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था और कानून-व्यवस्था की स्थिति और भी खराब थी। इन परिस्थितियों ने औद्योगिक विकास को मुश्किल बना दिया था। श्री मोदी ने कहा कि लोगों के समर्थन से, मध्य प्रदेश में उनकी सरकार ने पिछले दो दशकों में शासन पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि दो दशक पहले लोग मध्य प्रदेश में निवेश करने से हिचकिचाते थे, जबकि आज मध्य प्रदेश निवेश के लिए देश के शीर्ष राज्यों में से एक बन गया है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राज्य, जो कभी खराब सड़कों से जूझ रहा था, अब भारत की ईवी क्रांति में अग्रणी राज्यों में से एक है। उन्होंने यह भी कहा कि जनवरी 2025 तक, मध्य प्रदेश में लगभग 2 लाख इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत किए गए थे, जो लगभग 90 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जो इस बात का संकेत है कि मध्य प्रदेश नए विनिर्माण क्षेत्रों के लिए एक उत्कृष्ट गंतव्य बन रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत ने पिछले एक दशक में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उछाल देखा है।” उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश को इस विकास से बहुत लाभ हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जो दो प्रमुख शहरों को जोड़ता है, मध्य प्रदेश से होकर गुजरता है, जो मुंबई के बंदरगाहों और उत्तर भारत के बाजारों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करता है। उन्होंने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश में अब पांच लाख किलोमीटर से ज्यादा का सड़क नेटवर्क है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के औद्योगिक गलियारे आधुनिक एक्सप्रेसवे से जुड़े हुए हैं, जिससे लॉजिस्टिक क्षेत्र में तेजी से विकास सुनिश्चित हो रहा है।

श्री मोदी ने हवाई कनेक्टिविटी पर बात करते हुए कहा कि हवाई संपर्क को बेहतर बनाने के लिए ग्वालियर और जबलपुर हवाई अड्डों के टर्मिनलों का विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के रेल नेटवर्क का व्यापक तौर पर आधुनिकीकरण भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में रेल नेटवर्क ने शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की तस्वीरें सभी को आकर्षित करती हैं। इसी मॉडल पर चलते हुए अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत मध्य प्रदेश के 80 रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है।

श्री मोदी ने कहा, “पिछले दशक में भारत के ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।” उन्होंने कहा कि भारत ने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जो कभी अकल्पनीय थी। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 70 बिलियन डॉलर (5 ट्रिलियन रूपये से अधिक) से अधिक का निवेश किया गया है, और इस निवेश ने पिछले साल अकेले स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में 10 लाख से अधिक रोजगार का सृजन किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में इस उछाल से मध्य प्रदेश को बहुत लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि आज मध्य प्रदेश लगभग 31,000 मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता के साथ बिजली की मांग से अधिक उत्पादन करने वाला राज्य है, जिसमें से 30 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि रीवा सोलर पार्क देश के सबसे बड़े पार्कों में से एक है, और हाल ही में ओंकारेश्वर में एक फ्लोटिंग सोलर प्लांट का उद्घाटन किया गया। श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने बीना रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में लगभग 50,000 करोड़ रूपये का निवेश किया है, जो मध्य प्रदेश को पेट्रोकेमिकल का केंद्र बनाने में मदद करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मध्य प्रदेश सरकार आधुनिक नीतियों और विशेष औद्योगिक इंफ्राक्ट्रक्चर के साथ इसका समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 300 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र हैं तथा पीथमपुर, रतलाम और देवास में हजारों एकड़ में निवेश क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश में निवेशकों के लिए बेहतर लाभ की अपार संभावनाओं से अवगत कराया।

प्रधानमंत्री ने औद्योगिक विकास के लिए जल सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि एक ओर जल संरक्षण की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नदियों को आपस में जोड़ने के लिए एक बड़े अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मध्य प्रदेश में कृषि और उद्योग क्षेत्र को इन पहलों से बहुत लाभ होगा। श्री मोदी ने बताया कि 45,000 करोड़ रुपये की केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना हाल ही में शुरू हुई है, जो लगभग 10 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि की उत्पादकता बढ़ाएगी और मध्य प्रदेश में जल प्रबंधन को मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि ये सुविधाएं खाद्य प्रसंस्करण, कृषि-उद्योग और कपड़ा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण संभावनाओं के द्वार खोलेंगी।

यह बताते हुए कि मध्य प्रदेश में उनकी सरकार बनने के बाद विकास की गति दोगुनी हो गई है, श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार राज्य और देश के विकास के लिए मध्य प्रदेश सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। उन्होंने अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेजी से काम करने के चुनाव के दौरान अपने वादे को याद करते हुए कहा, “यह गति 2025 के पहले 50 दिनों में स्पष्ट है।” श्री मोदी ने हाल ही में पेश किए गए बजट पर प्रकाश डाला, जिसने भारत के विकास के लिए हर उत्प्रेरक को ऊर्जा प्रदान की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मध्यम वर्ग सबसे बड़ा करदाता होने के नाते सेवाओं और विनिर्माण के लिए मांग पैदा करता है। इस बजट में मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिसमें 12 लाख रुपये तक की आय को कर-मुक्त करना और कर स्लैब का पुनर्निर्धारण करना शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट के बाद आरबीआई ने ब्याज दरों में कमी की है।

श्री मोदी ने कहा कि बजट में विनिर्माण में पूर्ण आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब पिछली सरकारों ने एमएसएमई की क्षमता को सीमित कर दिया था, जिससे स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं का मनोनुकूल विकास नहीं हो पाया था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एमएसएमई के नेतृत्व वाली स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण करना हमारी मौजूदा प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई की परिभाषा में सुधार किया गया है और क्रेडिट-लिंक्ड प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं, साथ ही ऋण तक पहुंच को आसान बनाया जा रहा है और मूल्य संवर्धन तथा निर्यात के लिए समर्थन बढ़ाया गया है।

प्रधानमंत्री ने बजट में शामिल राज्य विनियमन आयोग पर चर्चा करते हुए कहा, “पिछले एक दशक में राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण सुधारों को गति दी गई है, अब राज्य और स्थानीय स्तर पर भी सुधारों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि राज्यों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखा जा रहा है और राज्यों के सहयोग से हाल के वर्षों में 40,000 से अधिक अनुपालन कम किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 1,500 अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि इसका उद्देश्य उन नियमों की पहचान करना है, जो कारोबारी सुगमता के मार्ग में बाधाएं उत्पन्न करते हैं और विनियमन आयोग राज्यों में निवेश के अनुकूल नियामक इको-सिस्टम बनाने में मदद करेगा।

इस बात पर जोर देते हुए कि बजट ने आधारभूत सीमा शुल्क संरचना को सरल बनाया है और उद्योग के लिए कई आवश्यक इनपुट पर दरों को कम किया है, श्री मोदी ने कहा कि सीमा शुल्क मामलों के मूल्यांकन के लिए समय सीमा निर्धारित की जा रही है। उन्होंने निजी उद्यमिता और निवेश के लिए नए क्षेत्रों को खोलने के लिए मौजूदा प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस वर्ष परमाणु ऊर्जा, जैव-विनिर्माण, महत्वपूर्ण खनिजों के प्रसंस्करण और लिथियम बैटरी निर्माण जैसे रास्ते निवेश के लिए खोले गए हैं। उन्होंने कहा, “ये कदम सरकार की मंशा और प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “वस्त्र, पर्यटन और प्रौद्योगिकी क्षेत्र भारत के विकसित भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और करोड़ों नए रोजगार सृजित करेंगे।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत कपास, रेशम, पॉलिएस्टर और विस्कोस का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। उन्होंने कहा कि कपड़ा क्षेत्र करोड़ों लोगों को रोजगार देता है और भारत में वस्त्र उद्योग की समृद्ध परंपरा, कौशल और उद्यमिता है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश भारत की कॉटन  कैपिटल होने के नाते देश की जैविक कपास आपूर्ति में लगभग 25 प्रतिशत का योगदान देता है और शहतूत रेशम का सबसे बड़ा उत्पादक है, जबकि राज्य की चंदेरी और माहेश्वरी साड़ियों की बहुत सराहना की जाती है और उन्हें जीआई टैग प्राप्त हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस क्षेत्र में निवेश से मध्य प्रदेश के वस्त्रों को वैश्विक वैश्विक तौर पर स्थापित करने में काफी मदद मिलेगी।

भारत द्वारा पारंपरिक वस्त्रों के अलावा नए रास्ते तलाशने के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि वस्त्र, चिकित्सा वस्त्र और भू-वस्त्र जैसे तकनीकी वस्त्रों को बढ़ावा दिया जा रहा है और इस उद्देश्य के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया गया है, जिसे बजट में प्रोत्साहित किया गया है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार की पीएम मित्र योजना सर्वविदित है और देश भर में सात बड़े टेक्सटाइल पार्क विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें से एक मध्य प्रदेश में है। यह पहल कपड़ा क्षेत्र के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। प्रधानमंत्री ने निवेशकों से कपड़ा क्षेत्र के लिए घोषित पीएलआई योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया।

यह बताते हुए कि जिस तरह भारत अपने कपड़ा क्षेत्र में नए आयाम जोड़ रहा है, उसी तरह यह पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ा रहा है, श्री मोदी ने एमपी पर्यटन अभियान, “एमपी अजब है, सबसे गजब है” को याद किया, जिसमें नर्मदा नदी के आसपास और मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन संबंधी इंफ्राक्ट्रक्चर के महत्वपूर्ण विकास पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने राज्य में कई राष्ट्रीय उद्यानों और हेल्थ एंड वेलनेस टूरिज्म की अपार संभावनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि “हील इन इंडिया” मंत्र वैश्विक लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है, और स्वास्थ्य और कल्याण क्षेत्र में निवेश के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार इस क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के पारंपरिक उपचार और आयुष को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है, और विशेष आयुष वीजा जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन पहलों से मध्य प्रदेश को बहुत लाभ होगा। उन्होंने आगंतुकों को उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया, जहां उन्हें महाकाल से आशीर्वाद मिलेगा और यह अनुभव होगा कि देश अपने पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र का विस्तार कैसे कर रहा है।

लाल किले से दिए गए अपने वक्तव्य को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष निकाला कि मध्य प्रदेश में निवेश और बढ़-चढ़कर निवेश करने का यह सही समय है।

इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई छगनभाई पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) 2025, मध्य प्रदेश को वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। जीआईएस में विभागीय शिखर सम्मेलन; फार्मा और चिकित्सा उपकरण, परिवहन और रसद, उद्योग, कौशल विकास, पर्यटन और एमएसएमई आदि पर विशेष सत्र शामिल हैं। इसमें वैश्विक दक्षिण देशों के सम्मेलन, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन सत्र और प्रमुख भागीदार देशों के लिए विशेष सत्र जैसे अंतरराष्ट्रीय सत्र भी शामिल हैं।

शिखर सम्मेलन के दौरान तीन प्रमुख औद्योगिक प्रदर्शनियां आयोजित की जा रही हैं। ऑटो शो में मध्य प्रदेश की ऑटोमोटिव क्षमताओं और भविष्य के सशक्त समाधानों को प्रदर्शित किया जाएगा। टेक्सटाइल और फैशन एक्सपो में पारंपरिक और आधुनिक वस्त्र निर्माण दोनों में राज्य की विशेषज्ञता को दर्शाया जाएगा। “एक जिला-एक उत्पाद” (ओडीओपी) गांव राज्य की अनूठी शिल्पकला और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करेगा।

शिखर सम्मेलन में 60 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अधिकारी, भारत के 300 से अधिक प्रमुख उद्योगपति और नीति निर्माता भाग ले रहे हैं।

भोपाल, मध्य प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ

कार्यक्रम में उपस्थित मध्य प्रदेश के गवर्नर श्री मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी, अन्य सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों! 

सबसे पहले तो मुझे यहां आने में विलंब हुआ, इसके लिए आप सबकी क्षमा चाहता हूं। विलंब इसलिए हुआ क्योंकि कल जब मैं यहां पहुंचा, तो एक बात ध्यान में आई कि आज 10वीं और 12वीं के छात्रों के एग्जाम है, और उसका समय और मेरा राजभवन से निकलने का समय clash हो रहा था। और उसके कारण संभावना थी कि सिक्योरिटी के कारण अगर रास्ते बंद हो जाए, तो बच्चों को एग्जाम देने के लिए जाने में कठिनाई हो जाए। और ये कठिनाई ना हो बच्चे सब एक बार अपने examination centre पर पहुंच जाए उसके बाद ही मैं राजभवन से निकलूँ ऐसा मैंने सोचा, उसके कारण मैंने निकलने में ही 15-20 मिनट लेट कर दिया और उसके कारण आप लोगों को जो असुविधा हुई, इसके लिए मैं फिर से एक बार क्षमा मांगता हूं।

साथियों,

राजा भोज की इस पावन नगरी में आप सभी का स्वागत करना मेरे लिए गर्व की बात है। यहां इंडस्ट्री से, विभिन्न सेक्टर्स से अनेक साथी आए हुए हैं। विकसित मध्य प्रदेश से विकसित भारत की यात्रा में, आज का ये कार्यक्रम बहुत ही अहम है। इस भव्य आयोजन के लिए मैं मोहन जी, और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

भारत के इतिहास में ऐसा अवसर पहली बार आया है, जब पूरी दुनिया भारत के लिए इतनी optimistic है। पूरी दुनिया में चाहे सामान्य जन हों, अर्थ नीति के experts हों, विभिन्न देश हों या फिर institutions, सभी को भारत से बहुत आशाएं हैं। पिछले कुछ हफ़्तों में जो कमेंट्स आए हैं वो भारत में हर Investor का उत्साह बढ़ाने वाले हैं। कुछ दिन पहले ही world bank ने कहा है, भारत आने वाले सालों में ऐसे ही दुनिया की fastest growing economy बना रहेगा। OECD के एक अहम representative का कहना है- Future of the world is in India, कुछ ही दिन पहले, Climate change पर UN की एक संस्था ने भारत को सोलर पावर की सुपरपावर कहा था। इस संस्था ने ये भी कहा कि जहाँ कई देश सिर्फ बातें करते हैं, वहीं भारत नतीजे लाकर के दिखाता है। हाल ही में, एक रिपोर्ट आई है। इसमें बताया गया कि ग्लोबल एयरोस्पेस फर्म्स के लिए कैसे भारत एक बेहतरीन सप्लाई चेन के रूप में उभर रहा है। ग्लोबल सप्लाई चेन challenges का जवाब वो भारत में देख रहे हैं। मैं ऐसे कई example यहां quote कर सकता हूं, जो भारत पर दुनिया के confidence को दर्शाते हैं। ये confidence, भारत के हर राज्य का भी confidence बढ़ा रहा है। और आज ये हम मध्य प्रदेश की इस ग्लोबल समिट में भी देख रहे हैं, महसूस कर रहे हैं।

साथियों,

मध्य प्रदेश, पॉपुलेशन के हिसाब से भारत का fifth largest state है। MP एग्रीकल्चर के मामले में भारत के टॉप के राज्यों में है। मिनरल्स के हिसाब से भी एमपी देश के टॉप-5 राज्यों में है। एमपी को जीवनदायिनी मां नर्मदा का आशीर्वाद भी प्राप्त है। एमपी में हर वो संभावना है, हर वो potential है, जो एमपी को GDP के हिसाब से भी देश के टॉप-5 राज्यों में ला सकता है।

साथियों,

बीते दो दशकों में मध्य प्रदेश ने transformations का नया दौर देखा है। एक समय था, जब यहां बिजली, पानी की बहुत सारी दिक्कतें थीं। लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति तो और भी खराब थी। ऐसे हालात में यहां इंडस्ट्री का विकास बहुत मुश्किल था। बीते 2 दशक में, 20 साल में मध्य प्रदेश के लोगों के सपोर्ट से यहां की बीजेपी सरकार ने गवर्नेंस पर फोकस किया। दो दशक पहले तक लोग एमपी में निवेश करने से डरते थे। आज एमपी, इन्वेस्टमेंट्स के लिए देश के राज्यों से, सब राज्यों में टॉप के राज्य में उसने अपना स्थान बना लिया है। जिस एमपी में कभी खराब सड़कों के कारण बसें तक प्रॉपर नहीं चल पाती थीं, वो आज भारत की EV रेवोल्यूशन के लीडिंग स्टेट्स में से एक है। जनवरी 2025 तक करीब 2 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल एमपी में रजिस्टर हुए हैं। ये करीब 90 परसेंट ग्रोथ है। ये दिखाता है कि एमपी, आज मैन्युफेक्चरिंग के नए सेक्टर्स के लिए भी एक शानदार डेस्टिनेशन बनता जा रहा है। और मैं मोहन जी को बधाई देता हूं, उनकी टीम को बधाई देता हूं कि उन्होंने इस वर्ष को उद्योग और रोजगार वर्ष के रूप में मनाना तय किया है।

साथियों,

बीते दशक में भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर के boom का दौर देखा है। मैं कह सकता हूं, इसका बहुत बड़ा फायदा एमपी को मिला है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जो देश के दो बड़े शहरों को जोड़ रहा है, उसका बड़ा हिस्सा एमपी से ही होकर गुज़रता है। यानि एक तरफ एमपी को मुंबई के पोर्ट्स के लिए तेज़ कनेक्टिविटी मिल रही है, दूसरी तरफ नॉर्थ इंडिया के मार्केट्स को भी ये कनेक्ट कर रहा है। आज मध्य प्रदेश में 5 लाख किलोमीटर से अधिक का रोड नेटवर्क है। एमपी के इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स, मॉडर्न एक्सप्रेसवे से जुड़ रहे हैं। यानि एमपी में logistics से जुड़े सेक्टर की तेज़ ग्रोथ तय है।

साथियों,

एयर कनेक्टिविटी की बात करें, तो यहां ग्वालियर और जबलपुर एयरपोर्ट्स के टर्मिनल्स को भी expand किया गया है। और हम यहीं नहीं रुके हैं, एमपी का जो एक बड़ा rail network है, उसको भी modernise किया जा रहा है। एमपी में रेल नेटवर्क का शत-प्रतिशत, 100 परसेंट electrification किया जा चुका है। भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की तस्वीरें आज भी सबका मन मोह लेती हैं। इसी तर्ज पर एमपी के 80 रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन स्कीम के तहत मॉडर्न बनाया जा रहा है।

साथियों,

बीता दशक भारत के लिए एनर्जी सेक्टर की unprecedented growth का रहा है। खासतौर पर ग्रीन एनर्जी को लेकर भारत ने वो कर दिखाया है, जिसकी कल्पना तक मुश्किल थी। बीते 10 वर्षों में करीब 70 बिलियन डॉलर यानि 5 ट्रिलियन रुपए से अधिक रीन्युएबल एनर्जी सेक्टर में ही इन्वेस्ट हुआ है। इससे पिछले साल ही क्लीन एनर्जी स्पेस में 10 लाख से अधिक जॉब्स बनी हैं। एनर्जी सेक्टर के इस बूम का भी एमपी को बहुत लाभ मिला है। आज एमपी पावर सरप्लस है। यहां करीब 31 हजार मेगावाट पावर जेनरेशन कैपेसिटी है, जिसमें से 30 परसेंट क्लीन एनर्जी है। रीवा सोलर पार्क, देश के सबसे बड़े parks में से एक है। अभी कुछ दिन पहले ही ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सोलर प्लांट भी शुरू हुआ है। सरकार द्वारा बीना रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स पर करीब 50 हज़ार करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया गया है। ये मध्य प्रदेश को petrochemicals का हब बनाने में मदद करेगा। मध्य प्रदेश का जो ये इंफ्रास्ट्रक्चर है, इसको एमपी सरकार आधुनिक पॉलिसीज और स्पेशल इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर से सपोर्ट कर रही है। एमपी में 300 से ज्यादा इंडस्ट्रियल ज़ोन्स हैं, पीथमपुर, रतलाम और देवास में हज़ारों एकड़ के इन्वेस्टमेंट जोन्स भी डेवलप किए जा रहे हैं। यानि आप सभी इन्वेस्टर्स के लिए यहां बेहतर return की अपार संभावनाएं हैं।

साथियों,

हम सभी जानते हैं कि औद्योगिक विकास के लिए वॉटर सेक्योरिटी होना कितना जरूरी है। इसके लिए एक तरफ water conservation पर बल दे रहे हैं, दूसरी तरफ हम river interlinking का मेगा मिशन लेकर भी आगे बढ़ रहे हैं। मध्य प्रदेश की खेती, यहां की इंडस्ट्री, इसकी बहुत बड़ी बेनिफिशरी है। हाल में ही 45 हजार करोड़ रुपए के केन-बेतवा River Interlinking Project पर काम शुरु हुआ है। इससे करीब 10 लाख हेक्टेयर एग्रीकल्चर लैंड की प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी। इससे एमपी में वॉटर मैनेजमेंट को भी नई ताकत मिलेगी। ऐसी सुविधाओं से फूड प्रोसेसिंग, एग्रो इंडस्ट्री और टेक्सटाइल सेक्टर में बहुत बड़ा potential unlock होगा।

साथियों,

एमपी में डबल इंजन सरकार बनने के बाद विकास की गति भी जैसे डबल हो गई है। केंद्र सरकार कंधे से कंधा मिलाकर एमपी के विकास में, देश के विकास में जुटी है। चुनाव के समय मैंने कहा था कि अपने तीसरे टर्म में हम तीन गुना तेज़ी से काम करेंगे। ये स्पीड हम, साल 2025 के पहले 50 दिनों में भी देख रहे हैं। इसी महीने हमारा बजट आया है। इस बजट में, भारत की ग्रोथ के हर catalyst को हमने energise किया है। हमारा मिडिल क्लास, सबसे बड़ा टैक्स पेयर भी है, ये सर्विस और मैन्युफेक्चरिंग के लिए डिमांड भी क्रिएट करता है। इस बजट में मिडिल क्लास को Empower करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। हमने 12 लाख रुपए तक की इनकम को टैक्स फ्री किया है, टैक्स स्लैब्स को री-स्ट्रक्चर किया है। बजट के बाद RBI ने भी ब्याज दरें घटाई हैं।

साथियों,

बजट में लोकल सप्लाई चेन के निर्माण पर बल दिया गया है, ताकि मैन्युफेक्चरिंग में हम पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो सकें। एक समय था, जब MSMEs के सामर्थ्य को पहले की सरकारों ने सीमित करके रखा था। इसके कारण भारत में लोकल सप्लाई चेन उस लेवल पर विकसित नहीं हो पाई। आज हम priority के आधार पर MSME led लोकल सप्लाई चेन का निर्माण कर रहे हैं। इसके लिए MSME की डेफिनेशन को और सुधारा गया है। MSMEs को क्रेडिट लिंक्ड इंसेंटिव दिए जा रहे हैं, एक्सेस टू क्रेडिट आसान बनाया जा रहा है, वैल्यू एडिशन और एक्सपोर्ट के लिए भी सपोर्ट बढ़ाया गया है।

साथियों,

बीते एक दशक से नेशनल लेवल पर हम एक के बाद एक बड़े रिफॉर्म्स को गति दे रहे हैं। अब स्टेट और लोकल लेवल पर भी रिफॉर्म्स को encourage किया जा रहा है। मैं आपके बीच, स्टेट डी-रेगुलेशन कमीशन की चर्चा ज़रूर करना चाहता हूं, जिसके विषय में बजट में बात हुई है। हम राज्यों के साथ निरंतर बातचीत कर रहे हैं। राज्यों के साथ मिलकर, बीते वर्षों में हमने 40 हजार से ज्यादा कंप्लायसेंस को कम किया है। बीते सालों में ऐसे 1500 कानूनों को खत्म किया गया है, जो अपना महत्व खो चुके थे। हमारा मकसद यही है कि ऐसे regulations की पहचान हो, जो ease of doing business के रास्ते में रोड़ा हैं। डी-रेगुलेशन कमीशन, राज्यों में investment friendly regulatory ecosystem बनाने में मदद करेगा।

साथियों,

बजट में ही हमने बेसिक कस्टम ड्यूटीज़ स्ट्क्चर को भी simplify किया है। इंडस्ट्री के लिए ज़रूरी कई इनपुट्स पर रेट्स कम किए हैं। Custom cases की assessment के लिए भी एक टाइम लिमिट तय की जा रही है। इसके अलावा, नए सेक्टर्स को प्राइवेट entrepreneurship के लिए, इन्वेस्टमेंट के लिए खोलने का दौर भी जारी है। इस वर्ष हमने न्यूक्लियर एनर्जी, बायो-मैन्युफेक्चरिंग, क्रिटिकल मिनरल्स की प्रोसेसिंग, लिथियम बैटरी की मैन्युफेक्चरिंग ऐसे अनेक नए एवेन्यूज, investment के लिए ओपन किए गए हैं। ये सरकार के intent और commitment को दिखाता है।

साथियों,

भारत के विकसित भविष्य में तीन सेक्टर्स की बहुत बड़ी भूमिका रहने वाली हैं। ये तीनों सेक्टर्स, करोड़ों नई जॉब्स क्रिएट करने वाले हैं। ये सेक्टर्स हैं, textile, tourism और technology. आप textile के सेक्टर को ही देखें, तो भारत cotton, सिल्क, पॉलिएस्टर और विस्कोस का दूसरा सबसे बड़ा producer है। भारत का टेक्सटाइल सेक्टर करोड़ों लोगों को रोजगार देता है। भारत के पास textile से जुड़ी एक पूरी tradition भी है, स्किल भी है और entrepreneurship भी है। और मध्य प्रदेश तो एक प्रकार से भारत की cotton capital है। भारत की करीब twenty five परसेंट, 25 प्रतिशत organic cotton supply, मध्य प्रदेश से ही होती है। मध्य प्रदेश, mulberry silk इसका भी देश का सबसे बड़ा producer है। यहां की चंदेरी और माहेश्वरी साड़ियां बहुत पसंद की जाती हैं। इन्हें GI Tag दिया जा चुका है। इस सेक्टर में आपका इंवेस्टमेंट, यहां के टेक्सटाइल को ग्लोबली अपनी छाप छोड़ने में बहुत मदद करेगा।

साथियों,

भारत, ट्रेडिशनल टेक्सटाइल के अलावा, नए एवेन्यू भी खोज रहा है। Agro Textile, Medical Textile और Geo Textile ऐसे टेक्निकल टेक्सटाइल को हम बढ़ावा दे रहे हैं। इसके लिए नेशनल मिशन शुरु किया गया है। इसे बजट में भी हमने प्रोत्साहन दिया है। आप सभी सरकार की पीएम मित्र स्कीम से भी परिचित हैं। देश में टेक्सटाइल सेक्टर के लिए ही, 7 बड़े टेक्सटाइल पार्क बनाए जा रहे हैं। इनमें से एक मध्य प्रदेश में भी बन रहा है। ये textile sector की ग्रोथ को नई बुलंदी देने वाला है। मेरा आग्रह है कि आप textile sector के लिए घोषित PLI स्कीम का भी जरूर फायदा उठाएं।

साथियों,

Textile की तरह ही, भारत अपने टूरिज्म सेक्टर में भी नए आयाम जोड़ रहा है। कभी एमपी टूरिज्म का एक कैंपेन होता था, एमपी अजब भी है, सबसे गज़ब भी है। यहां एमपी में, नर्मदा जी के आसपास के स्थानों का, आदिवासी क्षेत्रों में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर का बहुत अधिक विकास हुआ है। यहां कितने ही सारे नेशनल पार्क्स हैं, यहां health and wellness से जुड़े टूरिज्म के लिए भी अपार संभावनाएं हैं। Heal in India, इसका मंत्र दुनिया को पसंद आ रहा है। हेल्थ एंड वेलनेस के क्षेत्र में भी इन्वेस्टमेंट के लिए opportunities लगातार बढ़ रही हैं। इसलिए हमारी सरकार, इसमें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को encourage कर रही है। भारत की ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट को, आयुष को भी बहुत बड़े लेवल पर प्रमोट किया जा रहा है। हम स्पेशल आयुष वीज़ा भी दे रहे हैं। इन सभी से एमपी को भी बहुत फायदा मिलने वाला है।

वैसे साथियों,

आप यहां आएं हैं तो उज्जैन में महाकाल महालोक देखने ज़रूर जाएं, आपको महाकाल का आशीर्वाद भी मिलेगा, और देश, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को कैसे expand कर रहा है, इसका अनुभव भी मिलेगा।

साथियों,

मैंने लाल किले से कहा है- यही समय है, सही समय है। आपके लिए एमपी में investment करने और investment बढ़ाने का भी यही सही समय है। एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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