प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज असम के गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 निवेश एवं अवसंरचना शिखर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर भारत आज भविष्य की एक नई यात्रा पर निकल रहे हैं और एडवांटेज असम, असम की अविश्वसनीय क्षमता और प्रगति को दुनिया के साथ जोड़ने की एक बड़ी पहल है। उन्होंने कहा कि इतिहास भारत की समृद्धि में पूर्वी भारत की प्रमुख भूमिका का साक्षी है। प्रधानमंत्री ने आशा जताते हुए कहा कि आज जब हम विकसित भारत की ओर बढ़ रहे हैं तो इस दिशा में पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर अपनी वास्तविक क्षमता प्रदर्शित करेंगे। उन्होंने कहा कि एडवांटेज असम उसी भावना का प्रतिनिधित्व करता है। प्रधानमंत्री ने इस भव्य कार्यक्रम के आयोजन के लिए असम सरकार और मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने 2013 के अपने शब्दों का भी स्मरण किया, जब उन्होंने कहा था कि वह समय दूर नहीं जब ‘ए फॉर असम’ आदर्श बन जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, विशेषज्ञ एक बात पर एकमत हैं: भारत का तेज़ विकास। उन्होंने कहा कि आज का भारत इस शताब्दी के अगले 25 वर्षों के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया को भारत की तेज़ी से कुशल और नवोन्मेषी बनती युवा आबादी पर बहुत भरोसा है। उन्होंने भारत के नव-मध्यम वर्ग में बढ़ते आत्मविश्वास का भी उल्लेख किया, जो नई आकांक्षाओं के साथ निर्धनता से उबर रहा है। राजनीतिक स्थिरता और नीतिगत निरंतरता का समर्थन करने वाले भारत के 140 करोड़ लोगों पर दुनिया के भरोसे को रेखांकित करते हुए, श्री मोदी ने भारत के शासन का उल्लेख किया जो सुधारों को लागू करना जारी रखे हुए है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि भारत अपनी स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत कर रहा है और विभिन्न वैश्विक क्षेत्रों के साथ मुक्त व्यापार समझौते कर रहा है। उन्होंने पूर्वी एशिया के साथ मजबूत संपर्क और नए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे का भी उल्लेख किया, यह नए अवसरों को लेकर आ रहा है।
असम में उपस्थित जनसमूह द्वारा भारत में बढ़ते वैश्विक विश्वास की चर्चा करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि भारत के विकास में असम का योगदान निरंतर रूप से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि एडवांटेज असम शिखर सम्मेलन का पहला संस्करण 2018 में आयोजित किया गया था, उस समय असम की अर्थव्यवस्था का मूल्य 2.75 लाख करोड़ रुपये था। आज, असम लगभग 6 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के नेतृत्व में असम की अर्थव्यवस्था केवल छह वर्षों में दोगुनी हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह केंद्र और राज्य में उनकी सरकारों का दोहरा प्रभाव है। उन्होंने कहा कि असम में कई निवेशों ने इसे असीमित संभावनाओं वाले राज्य में बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि असम सरकार शिक्षा, कौशल विकास और बेहतर निवेश वातावरण बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने हाल के वर्षों में कनेक्टिविटी से संबंधित बुनियादी ढांचे पर व्यापक स्तर पर कार्य किया है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि 2014 से पहले, ब्रह्मपुत्र नदी पर केवल तीन सेतु थे, जिनका निर्माण 70 वर्षों में बनाया गया था। हालांकि, पिछले 10 वर्षों में चार नए सेतुओं का निर्माण किया गया है। इनमें से एक सेतु का नाम भारत रत्न भूपेन हजारिका के नाम पर रखा गया है। श्री मोदी ने कहा कि 2009 से 2014 के बीच असम को औसतन 2,100 करोड़ रुपये का रेल बजट मिला था, लेकिन उनकी सरकार ने असम के रेल बजट को चार गुना से अधिक बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया। उन्होंने कहा कि असम में 60 से अधिक रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और पूर्वोत्तर में पहली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन अब गुवाहाटी और न्यू-जलपाईगुड़ी के बीच शुरू हो गई है।
असम में हवाई संपर्क के तेजी से विस्तार का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 तक केवल सात मार्गों पर उड़ानें संचालित होती थीं, लेकिन अब लगभग 30 मार्गों पर उड़ानें हैं। उन्होंने कहा कि इस विस्तार ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण बढ़ावा दिया है और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि ये बदलाव केवल बुनियादी ढांचे तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि कानून और व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुए हैं, पिछले दशक में कई शांति समझौते हुए हैं और कई लंबित सीमा मुद्दों का समाधान हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि असम का हर क्षेत्र, हर नागरिक और हर युवा राज्य के विकास के लिए अथक प्रयास कर रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों और स्तरों पर महत्वपूर्ण सुधारों से गुजर रहा है और कारोबार में सुगमता को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास के साथ-साथ उद्योग और नवाचार संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक पारिस्थितिकी व्यवस्था स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप, पीएलआई योजनाओं के माध्यम से विनिर्माण और नई विनिर्माण कंपनियों एवं एमएसएमई के लिए कर छूट हेतु उत्कृष्ट नीतियां तैयार की गई हैं। उन्होंने देश के बुनियादी ढांचे में सरकार द्वारा किए जा रहे पर्याप्त निवेश का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि संस्थागत सुधार, उद्योग, बुनियादी ढांचे और नवाचार का संयोजन भारत की प्रगति का आधार बनता है।
उन्होंने कहा कि यह प्रगति असम में भी देखी जा रही है, जो डबल इंजन की गति से आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि असम ने 2030 तक 150 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि असम इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है, इसका श्रेय असम के सक्षम और प्रतिभाशाली लोगों और उनकी सरकार की प्रतिबद्धता को दिया जाता है। श्री मोदी ने कहा कि असम दक्षिण पूर्व एशिया और भारत के बीच एक प्रवेश द्वार के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि इस क्षमता को और बढ़ाने के लिए सरकार ने पूर्वोत्तर परिवर्तनकारी औद्योगिकीकरण योजना ‘उन्नति’ का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि ‘उन्नति’ योजना असम सहित पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्योग, निवेश और पर्यटन को बढ़ावा देगी। प्रधानमंत्री ने उद्योग भागीदारों से इस योजना और असम की असीमित क्षमता का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि असम के प्राकृतिक संसाधन और रणनीतिक स्थल इसे निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाते हैं। उन्होंने असम की क्षमता के उदाहरण के रूप में असम की चाय का उदाहरण देते हुए कहा कि यह पिछले 200 वर्षों में एक वैश्विक ब्रांड बन चुकी है, जिसने अन्य क्षेत्रों में भी प्रगति को प्रेरित किया है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में हो रहे महत्वपूर्ण बदलावों का उल्लेख करते हुए, दुनिया भर में उदार आपूर्ति श्रृंखलाओं की बढ़ती मांग के साथ, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अपने विनिर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए मिशन-मोड प्रयास प्रारंभ किए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि मेक इन इंडिया पहल के तहत, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में कम लागत वाले विनिर्माण को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का उद्योग न केवल घरेलू मांगों को पूरा कर रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विनिर्माण उत्कृष्टता के लिए नए मानक भी स्थापित कर रहा है। उन्होंने बताया कि असम इस विनिर्माण क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
वैश्विक व्यापार में हमेशा से असम की हिस्सेदारी का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आज भारत के तटीय प्राकृतिक गैस उत्पादन का 50 प्रतिशत से अधिक असम से आता है और हाल के वर्षों में असम की रिफाइनरियों की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि असम इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में तेजी से उभर रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी नीतियों के कारण असम उच्च तकनीक उद्योगों के साथ-साथ स्टार्टअप का केंद्र बन रहा है।
हाल ही में बजट में केंद्र सरकार द्वारा नामरूप-4 संयंत्र को स्वीकृति दिए जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह यूरिया उत्पादन संयंत्र भविष्य में पूरे पूर्वोत्तर और देश की मांग को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब असम पूर्वी भारत में एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बन जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने में असम राज्य सरकार का पूरा समर्थन कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी की दुनिया की प्रगति डिजिटल क्रांति, नवाचार और तकनीकी प्रगति पर निर्भर करती है। श्री मोदी ने कहा कि हम जितने बेहतर तरीके से तैयार होंगे, हम वैश्विक स्तर पर उतने ही मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार 21वीं सदी की नीतियों और रणनीतियों के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने पिछले एक दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल विनिर्माण में भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धि की जानकारी देते हुए सेमीकंडक्टर उत्पादन में इस सफलता की कहानी को दोहराने की इच्छा व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने गर्व से कहा कि असम भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है और हाल ही में असम के जगीरोड में टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट सुविधा के उद्घाटन का उल्लेख किया, जो पूर्वोत्तर में तकनीकी विकास को बढ़ावा देगा। उन्होंने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में नवाचार के लिए आईआईटी के साथ सहयोग और देश में सेमीकंडक्टर अनुसंधान केंद्र पर चल रहे कार्य पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने अनुमान लगाया कि इस दशक के अंत तक इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र का मूल्य 500 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने विश्वास के साथ कहा कि भारत की गति और पैमाने के साथ, देश सेमीकंडक्टर उत्पादन में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरेगा, जिससे लाखों लोगों के लिए रोजगारों का सृजन होगा और असम की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले एक दशक में अपनी पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को समझते हुए नीतिगत निर्णय लिए हैं और दुनिया भारत के अक्षय ऊर्जा मिशन को एक आदर्श अभ्यास के रूप में मानती है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले दस वर्षों में सौर, पवन और सतत ऊर्जा संसाधनों में महत्वपूर्ण निवेश किया है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल पारिस्थितिक प्रतिबद्धताएं पूरी हुई हैं, बल्कि देश की अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता में भी कई गुना वृद्धि हुई है। श्री मोदी ने कहा कि देश ने 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन का वार्षिक हरित हाइड्रोजन उत्पादन हासिल करने के मिशन पर काम कर रही है। देश में बढ़ते गैस बुनियादी ढांचे से मांग में वृद्धि और संपूर्ण गैस आधारित अर्थव्यवस्था क्षेत्र के तेजी से विस्तार पर बात करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस यात्रा में असम को महत्वपूर्ण लाभ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उद्योगों के लिए कई मार्ग उपलबध कराए हैं, जिनमें पीएलआई योजनाएं और हरित पहल के लिए नीतियां शामिल हैं। उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि असम नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में उभरे तथा उद्योग जगत प्रमुखों से असम की क्षमता का अधिकतम उपयोग करने का आग्रह किया।
पूर्वी भारत के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता पर जोर देते हुए श्री मोदी ने कहा कि आज, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत बुनियादी ढांचे, रसद, कृषि, पर्यटन और उद्योग में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वह दिन दूर नहीं जब दुनिया इस क्षेत्र को भारत की विकास यात्रा का नेतृत्व करते हुए देखेगी। उन्होंने सभी को असम के साथ इस यात्रा में भागीदार और सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री ने असम को एक ऐसा राज्य बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया जो वैश्विक दक्षिण में भारत की क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाए। प्रधानमंत्री ने निवेशकों और उद्योग जगत प्रमुखों का विश्वास बढ़ाते हुए कहा कि वे उनके योगदान का पूरा समर्थन करके विकसित भारत की यात्रा में उनके साथ खड़े हैं।
इस कार्यक्रम में असम के राज्यपाल श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंता बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री डॉ. एस जयशंकर, श्री सर्बानंद सोनोवाल, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
एडवांटेज असम 2.0 निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर शिखर सम्मेलन 2025, 25 से 26 फरवरी तक गुवाहाटी में आयोजित किया जा रहा है। इसमें एक उद्घाटन सत्र, सात मंत्रिस्तरीय सत्र और 14 विषयगत सत्र शामिल हैं। सम्मेलन में राज्य के आर्थिक परिदृश्य को दर्शाने वाली एक व्यापक प्रदर्शनी भी शामिल है, जिसमें इसके औद्योगिक विकास, वैश्विक व्यापार साझेदारी, तेजी से बढ़ते उद्योग और जीवंत एमएसएमई क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें 240 से अधिक प्रदर्शक शामिल हैं।
शिखर सम्मेलन में विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठन, वैश्विक प्रमुख और निवेशक, नीति निर्माता, उद्योग विशेषज्ञ, स्टार्टअप और छात्र आदि भाग लेंगे।
गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 निवेश और बुनियादी ढांचा शिखर सम्मेलन 2025 के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ
असम के गवर्नर श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य जी, ऊर्जावान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा जी, इंडस्ट्री लीडर्स, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!
पूर्वी भारत और नॉर्थ ईस्ट की भूमि आज एक नए भविष्य की शुरुआत करने जा रही है। Advantage Assam, पूरी दुनिया को असम के Potential और Progress से जोड़ने का एक महा अभियान है। इतिहास गवाह है कि पहले भी भारत की इस prosperity में Eastern India का बहुत बड़ा रोल हुआ करता था। आज जब भारत विकसित होने की तरफ बढ़ रहा है तो एक बार फिर Eastern India, हमारा ये north east अपना सामर्थ्य दिखाने जा रहा है। Advantage Assam को मैं इसी स्पिरिट के रिफ्लेक्शन के रूप में देख रहा हूं। मैं असम सरकार को, हिमंता जी की पूरी टीम को इस भव्य आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मुझे याद है 2013 में, मैं चुनाव अभियान के लिए असम का दौरा कर रहा था, तो एक सभा में ऐसे ही मेरे मन से एक शब्द निकला था और मैंने कहा था, वो दिन दूर नहीं जब लोग अल्फाबेट्स पढ़ना शुरू करेंगे, तो कहेंगे A for Assam.
साथियों,
आज हम सभी वैश्विक परिस्थितियों को बहुत बारीकी से देख रहे हैं, समझ रहे हैं। ये Global uncertainty के बीच भी दुनिया के तमाम एक्सपर्ट्स, उनके भीतर एक बात को लेकर certainty है, और वो certainty है- भारत की तेज़ ग्रोथ को लेकर। भारत पर इस भरोसे का बहुत ठोस कारण है। आज का भारत, आने वाले 25 साल की, इस 21वीं शताब्दी के लॉन्ग टर्म विजन को ध्यान में रखते हुए एक के बाद एक कदम उठा रहा है, व्यापक स्तर पर काम कर रहा है। आज दुनिया का भरोसा भारत की युवा आबादी पर है, जो बहुत तेजी से स्किल्ड हो रही है, इनोवेट कर रही है। आज दुनिया का भरोसा, भारत के उस नियो मिडिल क्लास पर है, जो गरीबी से निकल कर, नई Aspiration के साथ आगे बढ़ रहा है। आज दुनिया का भरोसा भारत की उस 140 करोड़ जनता पर है, जो political stability और policy continuity को सपोर्ट कर रही है, आज दुनिया का भरोसा, भारत की उस गवर्नेंस पर है, जो लगातार रिफॉर्म्स कर रही है। आज भारत, अपनी लोकल सप्लाई चेन को मज़बूत कर रहा है, आज भारत दुनिया के अलग-अलग रीजन्स के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स कर रहा है। ईस्ट एशिया के साथ हमारी कनेक्टिविटी लगातार सशक्त हो रही है। और नया बन रहा इंडिया-मिड़िल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर भी अनेक नई संभावनाएं लेकर आ रहा है।
साथियों,
भारत पर मजबूत होते ग्लोबल ट्रस्ट के बीच आज हम सभी यहां असम में जुटे हैं, मां कामाख्या की धरती पर जुटे हैं। भारत की ग्रोथ में, असम का कंट्रीब्यूशन लगातार बढ़ता जा रहा है। 2018 में Advantage Assam Summit का पहला एडिशन आयोजित हुआ था। तब असम की इकोनॉमी पौने तीन लाख करोड़ रुपए की थी। आज असम करीब 6 लाख करोड़ रुपये की इकोनॉमी वाला राज्य बन गया है। यानि भाजपा सरकार में सिर्फ 6 सालों में, असम की इकोनॉमी की वैल्यू डबल हो गई है। ये डबल इंजन की सरकार का double effect है। असम में हुए ढेर सारे Investments ने, आप सभी ने, असम को Unlimited Possibilities का राज्य बना दिया है। असम सरकार यहां education, skill, अन्य कई प्रकार के development और साथ-साथ बेहतर investment environment पर फोकस कर रही है। बीते सालों में भाजपा सरकार ने यहां connectivity से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत काम किया है। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। साल 2014 से पहले ब्रह्मपुत्र नदी पर बस तीन पुल थे, यानि 70 सालों में सिर्फ 3 ब्रिज, लेकिन बीते 10 सालों में हमने 4 नए ब्रिज बनाए हैं। हमने इनमें से एक ब्रिज का नाम भारत रत्न भूपेन हजारिका जी के नाम पर रखा है। असम को 2009 से 2014 के बीच रेल बजट में औसतन 2100 करोड़ रुपये मिले थे। हमारी सरकार ने असम के रेलवे बजट को 4 गुना से ज्यादा बढ़ाकर 10 thousand crore रुपए तक पहुंचा दिया है। असम के 60 से ज्यादा रेलवे स्टेशंस को भी modernize किया जा रहा है। आज गुवाहाटी से न्यू जलपाईगुड़ी के बीच नॉर्थ ईस्ट की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन चल रही है।
साथियों,
असम की एयर कनेक्टिविटी का तेज गति से विस्तार हो रहा है। 2014 तक यहां सिर्फ 7 रूट्स पर फ्लाइट्स ऑपरेट होती थीं, अब करीब-करीब 30 रूट्स पर फ्लाइट्स चलने लगी हैं। इससे लोकल इकोनॉमी को भी बहुत बड़ा Boost मिला है, यहां के युवाओं को रोजगार मिला है।
साथियों,
ये परिवर्तन सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर तक सीमित नहीं है। लॉ एंड ऑर्डर में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। बीते दशक में अनेक peace accords किए गए हैं। बॉर्डर से जुड़े long pending issues का समाधान किया गया है। आज असम का हर रीजन, हर नागरिक, हर युवा, यहां के विकास के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा है।
साथियों,
आज भारत में, इकोनॉमी के हर सेक्टर में, हर लेवल पर बड़े Reforms हो रहे हैं। हमने Ease of Doing Business के लिए निरंतर काम किया है। हमने Industry और Innovation Culture को बढ़ावा देने का पूरा इकोसिस्टम तैयार किया है। Startups के लिए नीतियां हों, मैनुफैक्चरिंग के लिए PLI स्कीम्स हों, या मैनुफैक्चरिंग कंपनियों और MSMEs को टैक्स में छूट देना हो, हमने हर एक के लिए बेहतरीन Policies बनाई हैं। सरकार देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी बहुत बड़ा Investment कर रही है। इंस्टिट्यूशनल रिफार्म, इंडस्ट्री, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन का यही कॉम्बिनेशन भारत की प्रगति का आधार है। और इसीलिए Investors भी देश के potential को, उनकी और देश की प्रगति की possibilities को बदलता हुआ देख रहे हैं। और इस प्रगति में असम भी, डबल इंजन की स्पीड से आगे बढ़ रहा है। असम ने 2030 तक अपनी इकोनॉमी को डेढ़ सौ बिलियन तक पहुंचाने का टारगेट सेट किया है। मुझे विश्वास है, असम इस लक्ष्य को जरूर हासिल कर सकता है। मेरे इस विश्वास का कारण, असम के सामर्थ्यवान और प्रतिभाशाली असम के लोग हैं, यहां की भाजपा सरकार का कमिटमेंट है। असम आज साउथ ईस्ट एशिया और भारत के बीच का गेटवे बनकर उभर रहा है। इस Potential को और आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने नॉर्थ ईस्ट ट्रांसफॉर्मेटिव इंडस्ट्रियलाइजेशन स्कीम, यानी उन्नति शुरु की है। ये उन्नति स्कीम असम समेत पूरे नॉर्थ ईस्ट में इंडस्ट्री को, इन्वेस्टमेंट को, टूरिज्म को गति देगी। मैं इंडस्ट्री के आप सब साथियों से कहूंगा, इस स्कीम और असम के Unlimited Potential का पूरा लाभ उठाइए। असम की Natural Resources और Strategic Location, इस राज्य को Investment का Preferred Destination बनाती है। असम के सामर्थ्य का एक उदाहरण Assam Tea है। Assam Tea, अपने आप में एक ब्रांड है, जो दुनियाभर में चाय के शौकीनों के जीवन का हिस्सा बन चुकी है। Assam Tea को 200 साल पूरे हो चुके हैं। ये लीगेसी, असम को बाकी सेक्टर्स में भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
साथियों,
आज Global Economy में बहुत बड़ा बदलाव हो रहा है। पूरी दुनिया एक Resilient Supply Chain की मांग कर रही है। और इसी कालखंड में, भारत ने अपने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए Mission Mode पर काम शुरू किया है। हम Make in India के तहत Low Cost Manufacturing को बढ़ावा दे रहे हैं। Pharmaceuticals, Electronics, Automobile, हमारी इंडस्ट्री ना सिर्फ domestic demands को पूरा कर रही हैं, बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी Manufacturing Excellence के नए Bench-mark बना रही हैं। इस मैन्युफैक्चरिंग रिवॉल्यूशन में, असम बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है।
साथियों,
असम की ग्लोबल ट्रेड में हमेशा से एक हिस्सेदारी रही है। आज पूरे भारत के On-Shore Natural Gas Production का 50 परसेंट से ज्यादा शेयर, असम के पास है। बीते कुछ सालों में यहां की रिफाइनरीज की कैपिसिटी में बहुत बड़ी वृद्धि की गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर्स और ग्रीन एनर्जी जैसे Emerging Sectors में भी असम तेज़ी से उभर रहा है। सरकार की पॉलिसीज़ के कारण, असम High Tech Industries के साथ-साथ स्टार्टअप्स का भी हब बन रहा है।
साथियों,
अभी कुछ दिन पहले ही बजट में, केंद्र सरकार ने नामरूप-फोर प्लांट को भी मंजूरी दी है। आने वाले समय में ये यूरिया प्रोडक्शन प्लांट, नॉर्थ ईस्ट सहित पूरे देश की यूरिया की डिमांड को पूरा करेगा। वो दिन दूर नहीं जब असम पूर्वी भारत का एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा। और इसमें केंद्र सरकार, हर तरह से राज्य की भाजपा सरकार को मदद कर रही है।
साथियों,
21वीं सदी में दुनिया की प्रोग्रेस, डिजिटल रिवॉल्यूशन, इनोवेशन और टेक्नोलॉजिकल प्रोग्रेस पर निर्भर है। इसके लिए हमारी तैयारी जितनी बेहतर होगी, दुनिया में हमारी ताकत भी उतनी ज्यादा होने वाली है। इसलिए हमारी सरकार 21वीं सदी की Policies और Strategies के साथ तेज गति से आगे बढ़ रही है। हम सब जानते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में बीते 10 साल में भारत ने कितनी बड़ी छलांग लगाई है। अब इसी Success Story को भारत, Semiconductor Production में भी repeat करना चाहता है। मुझे गर्व है कि असम, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में भी भारत के एक महत्वपूर्ण सेंटर के रूप में विकसित हो रहा है। कुछ महीने पहले, असम के जागीरोड में Tata Semiconductor Assembly & Test facility की शुरुआत हुई है। ये प्लांट, आने वाले समय में, पूरे Northeast में Technological Growth को प्रमोट करने वाला है।
साथियों,
Semiconductor सेक्टर में Innovation के लिए हमने IIT के साथ भी collaborate किया है। इसके लिए देश में एक semiconductor research centre पर भी काम किया जा रहा है। इस दशक के अंत तक, इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर की वैल्यू 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचने वाली है। हमारी जो स्पीड और स्केल है, उससे तय है कि भारत semiconductor production की एक बड़ी ताकत बनकर के उभरेगा। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और असम की इकोनॉमी को भी फायदा होगा।
साथियों,
बीते 10 सालों में भारत ने अपनी Environmental Responsibilities को समझते हुए भी नीतिगत निर्णय किए हैं। दुनिया हमारे Renewable Energy Mission को एक Model Practice मानकर इसे Follow कर रही है। देश ने बीते 10 वर्षों में Solar, Wind और Sustainable Energy Resources पर बहुत बड़ा Investment किया है। इससे ना सिर्फ हमारे Ecological Commitments पूरे हुए हैं, बल्कि देश Renewable Energy Production Capacity में भी कई गुना विस्तार कर पाया है। हमने 2030 तक देश की एनर्जी कैपिसिटी में 500 गीगावॉट renewable energy capacity के addition का लक्ष्य बनाया है। 2030 तक देश का Annual Green Hydrogen Production 5 मिलियन मिट्रिक टन हो, सरकार इसके लिए मिशन बनाकर काम कर रही है। देश में Gas infrastructure बढ़ने के कारण, डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। Gas Based इकोनॉमी का पूरा सेक्टर, तेजी से Expand हो रहा है। इस Journey में असम के पास बहुत बड़ा Advantage है। सरकार ने आप सब के लिए बहुत सारे रास्ते बनाए हैं। PLI स्कीम से लेकर Green Initiatives के लिए बनी सारी पॉलिसीज आपके हित में हैं। मैं चाहता हूं कि असम रिन्यूवेबल एनर्जी सेक्टर में एक लीडर स्टेट बनकर के उभरे। और ये तभी हो पाएगा, जब इंडस्ट्री के आप सभी Leaders यहां के Potential को सही तरह से Maximise करने के लिए आगे आएंगे।
साथियों,
2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने में पूर्वी भारत की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है। आज, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, एग्रीकल्चर, टूरिज्म और इंडस्ट्री में तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। वो दिन दूर नहीं, जब दुनिया भारत की Development Journey में इस क्षेत्र को सबसे आगे बढ़ते हुए देखेगी। मुझे विश्वास है, आप इस यात्रा में असम के साथी बनेंगे, साझीदार बनेंगे। आइए, एक साथ मिलकर, हम असम को एक ऐसा राज्य बनाएं जो पूरे ग्लोबल साउथ में भारत की Capabilities को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाए। एक बार फिर, आज की समिट के लिए आप सभी को मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं। और जब मैं ये कह रहा हूं, तो मैं आपको विश्वास दे रहा हूं, मैं आपके साथ हूं, विकसित भारत की जर्नी में आपके योगदान का पूरा-पूरा समर्थक हूं।
बहुत-बहुत धन्यवाद।