प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एनएक्सटी कॉन्क्लेव में भाग लिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित एनएक्सटी कॉन्क्लेव में भाग लिया। इस अवसर उपस्थित गणमान्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने न्यूजएक्स वर्ल्ड के शुभारंभ पर हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस नेटवर्क में हिंदी, अंग्रेजी और विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के चैनल शामिल हैं और आज यह वैश्विक हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कई फेलोशिप और छात्रवृत्तियों की शुरुआत पर भी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए इन कार्यक्रमों के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वे पहले भी इस तरह के मीडिया कार्यक्रमों में शामिल हो चुके हैं, लेकिन आज न्यूजएक्स वर्ल्ड ने एक नया मानदंड स्थापित किया है। इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री ने विशेष बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के मीडिया कार्यक्रम देश में एक परंपरा हैं, लेकिन न्यूजएक्स वर्ल्ड ने इसे एक नया आयाम दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका शिखर सम्मेलन राजनीति-केंद्रित चर्चाओं की तुलना में नीति-केंद्रित था। उन्होंने कहा कि इस शिखर सम्मेलन ने विभिन्न क्षेत्रों के कई गणमान्य व्यक्तियों द्वारा चर्चा और विचार-विमर्श को बहुत महत्व दिया है। प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि उन्होंने एक अभिनव मॉडल पर काम किया है, और उम्मीद जताई कि अन्य मीडिया घराने अपने अभिनव तरीकों से इस प्रवृत्ति और भावना को समृद्ध करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया 21वीं सदी के भारत को उत्सुकता से देख रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर से लोग भारत आना और उसे समझना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां सकारात्मक खबरें बन रही हैं, रोजाना नए रिकॉर्ड बन रहे हैं और हर दिन कुछ नया हो रहा है। 26 फरवरी को प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर नदी किनारे एक अस्थायी शहर में करोड़ों लोगों के पवित्र स्नान से आश्चर्यचकित दुनिया और हाल ही इस महा आयोजन के संपन्न होने का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि दुनिया भारत के आयोजन और नवाचार कौशल को देख रही है। उन्होंने बताया कि भारत सेमीकंडक्टर से लेकर एयरक्राफ्ट कैरियर तक सब कुछ बना रहा है और विश्व भारत की सफलता के बारे में विस्तार से जानना चाहता है। उन्होंने कहा कि यह न्यूजएक्स वर्ल्ड के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।

कुछ महीने पहले भारत में हुए दुनिया के सबसे बड़े चुनाव का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि 60 वर्ष में पहली बार भारत में कोई सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनता का यह भरोसा पिछले 11 वर्षों में भारत की कई उपलब्धियों पर आधारित है। उन्होंने विश्वास जताया कि नया चैनल भारत की वास्तविक गाथाओं को बिना किसी पक्षपात के दुनिया के सामने लाएगा और देश को वैसा ही दिखाएगा जैसा वह है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ वर्ष पहले मैंने देश के सामने ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ का विजन पेश किया था और आज हम इस विजन को साकार होता देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के आयुष उत्पाद और योग स्थानीय से वैश्विक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत का सुपरफूड मखाना भी वैश्विक पहचान हासिल कर रहा है, साथ ही बाजरा जिसे “श्री अन्न” कहा जाता है। उन्होंने बताया कि उनके मित्र और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने दिल्ली हाट में भारतीय बाजरा का स्वाद चखा और बाजरे से बने व्यंजनों का लुत्फ उठाया, जिससे उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई।

श्री मोदी ने कहा कि न केवल बाजरा बल्कि भारत की हल्दी भी स्थानीय से वैश्विक हो गई है, भारत दुनिया की 60 प्रतिशत से अधिक हल्दी की आपूर्ति करता है। उन्होंने कहा कि भारत की कॉफी ने भी वैश्विक पहचान हासिल की है, जिससे भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा कॉफी निर्यातक बन गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद और दवाएं वैश्विक पहचान हासिल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत कई वैश्विक पहलों का नेतृत्व कर रहा है। फ्रांस में एआई एक्शन समिट में भाग लेने के हालिया अवसर का उल्लेख करते हुए, जहां भारत सह-मेजबान था और अब इसकी मेजबानी की जिम्मेदारी संभालेगा, प्रधानमंत्री ने अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत के सफल जी-20 शिखर सम्मेलन का उल्लेख किया, जहां भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर को एक नए आर्थिक मार्ग के रूप में पेश किया गया था।

उन्होंने उल्लेख किया कि भारत ने ग्लोबल साउथ को एक मजबूत आवाज दी है और द्वीप राष्ट्रों के हितों को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि जलवायु संकट को दूर करने के लिए भारत ने दुनिया के सामने मिशन लाइफ विजन पेश किया है। श्री मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन जैसी पहलों में भारत के नेतृत्व का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि जैसे-जैसे कई भारतीय ब्रांड वैश्विक हो रहे हैं, भारत का मीडिया भी इस वैश्विक अवसर को समझ रहा है और उसे अपना रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों से दुनिया भारत को अपना बैक ऑफिस कहती रही है, लेकिन आज भारत दुनिया की नई फैक्ट्री बन रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत सिर्फ एक कार्यबल नहीं है, बल्कि एक विश्व शक्ति है। उन्होंने कहा कि जो देश कभी कई उत्पादों का आयात करता था, वह अब एक निर्यात केंद्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि किसान, जो कभी स्थानीय बाजारों तक सीमित थे, अब अपनी उपज के साथ वैश्विक बाजारों तक पहुंच रहे हैं। श्री मोदी ने पुलवामा के स्नो मटर, महाराष्ट्र के पुरंदर अंजीर और कश्मीर के क्रिकेट बैट की बढ़ती वैश्विक मांग का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत के रक्षा उत्पाद दुनिया के सामने भारतीय इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी की क्षमता को प्रदर्शित करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर ऑटोमोबाइल सेक्टर तक, दुनिया ने भारत के पैमाने और क्षमता को देखा है। उन्होंने कहा कि भारत न केवल दुनिया को उत्पाद उपलब्ध करा रहा है, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक भरोसेमंद और विश्वसनीय भागीदार भी बन रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में भारत का नेतृत्व वर्षों की कड़ी मेहनत और व्यवस्थित नीतिगत निर्णयों का परिणाम है और उन्होंने पिछले दस वर्षों में हुई प्रगति पर प्रकाश डाला, जहां अधूरे पुल और रुकी हुई सड़कें अब अच्छी सड़कों और बेहतरीन एक्सप्रेसवे के साथ नई गति से आगे बढ़ते हुए सपनों से साकार रूप में परिवर्तित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा के समय और लागत में कमी ने उद्योग को लॉजिस्टिक्स टर्नअराउंड समय को कम करने का अवसर प्रदान किया है, जिससे ऑटोमोबाइल क्षेत्र को काफी लाभ हुआ है। उन्होंने वाहनों की बढ़ती मांग और ईवी उत्पादन को प्रोत्साहन का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भारत एक प्रमुख ऑटोमोबाइल उत्पादक और निर्यातक के रूप में उभरा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में भी इसी तरह का बदलाव देखा गया है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में पहली बार 2.5 करोड़ से ज़्यादा परिवारों तक बिजली पहुंची है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मांग और उत्पादन में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि किफायती डेटा ने मोबाइल फ़ोन की मांग को बढ़ावा दिया है और मोबाइल फ़ोन पर सेवाओं की बढ़ती उपलब्धता ने डिजिटल उपकरणों की खपत को बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि पीएलआई योजनाओं जैसे कार्यक्रमों ने इस मांग को अवसर में बदल दिया है, जिससे भारत एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यातक बन गया है।

बड़े लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें हासिल करने की भारत की क्षमता “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के मंत्र में निहित है, जो सरकारी हस्तक्षेप या दबाव के बिना कुशल और प्रभावी शासन को बढ़ावा देने का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने एक उदाहरण दिया कि कैसे सरकार ने पिछले एक दशक में लगभग 1,500 अप्रचलित कानूनों को समाप्त कर दिया है, जिनमें से कई ब्रिटिश शासन के दौरान बनाए गए थे। ऐसा ही एक कानून था ड्रामेटिक परफ़ॉर्मेंस एक्ट, जो सार्वजनिक स्थलों पर अपनी कला का प्रदर्शन करने वाले लोगों को गिरफ़्तार करने की अनुमति देता था। यह कानून आज़ादी के बाद 70 साल तक प्रभावी रहा और वर्तमान सरकार ने इसे समाप्त कर दिया। प्रधानमंत्री ने बांस का उदाहरण भी दिया, जो जनजातीय इलाकों और पूर्वोत्तर की जीवन रेखा है। पहले बांस काटने पर गिरफ्तारी हो सकती थी, क्योंकि इसे पेड़ माना जाता था। सरकार ने अब इस दशकों पुराने कानून को बदल दिया है, बांस को घास के रूप में मान्यता दे दी है। उन्होंने ऐसे पुराने कानूनों पर पिछले नेताओं और लुटियंस के अभिजात वर्ग की चुप्पी पर तंज कसा और उन्हें हटाने के लिए मौजूदा सरकार के प्रयासों पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि दस साल पहले, एक सामान्य व्यक्ति के लिए आईटीआर दाखिल करना एक कठिन काम था, लेकिन आज, यह कुछ ही क्षणों में किया जा सकता है और रिफंड कुछ ही दिनों में खातों में जमा हो जाता है। उन्होंने कहा कि आयकर कानूनों को सरल बनाने की प्रक्रिया संसद में चल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 12 लाख रुपये तक की आय को कर-मुक्त कर दिया गया है, जिससे वेतनभोगी वर्ग को काफी लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि बजट ने युवा पेशेवरों को अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने और अपनी बचत बढ़ाने में मदद की है। श्री मोदी ने कहा कि इसका लक्ष्य देश के लोगों और उनकी आकांक्षाओं के लिए जीवन जीने में आसानी, कारोबार में आसानी और खुला आसमान प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि कई स्टार्टअप भू-स्थानिक डेटा से लाभान्वित हो रहे हैं, जिसके लिए पहले मानचित्र बनाने के लिए सरकार की अनुमति की आवश्यकता होती थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने इसे बदल दिया है, जिससे स्टार्टअप और निजी कंपनियां इस डेटा का बेहतरीन उपयोग कर सकती हैं।

दुनिया को शून्य की अवधारणा देने वाली भारत भूमि, अब अनंत नवाचारों की भूमि बन रही है, का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत न केवल नवाचार कर रहा है बल्कि “इंडोवेटिंग” भी कर रहा है, जिसका अर्थ है भारतीय तरीके से नवाचार करना। उन्होंने कहा कि भारत ऐसे समाधान तैयार कर रहा है जो किफायती, सुलभ और अनुकूलनीय हैं और बिना किसी गेटकीपिंग के दुनिया को ये समाधान पेश कर रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि जब दुनिया को एक सुरक्षित और लागत प्रभावी डिजिटल भुगतान प्रणाली की आवश्यकता थी, तो भारत ने यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) प्रणाली विकसित की। श्री मोदी ने कहा कि प्रोफेसर कार्लोस मोंटेस यूपीआई तकनीक की लोगों के अनुकूल प्रकृति से प्रभावित थे और उन्होंने उल्लेख किया कि आज, फ्रांस, यूएई और सिंगापुर जैसे देश यूपीआई को अपनी वित्तीय पारिस्थितिकी व्यवस्था में एकीकृत कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कई देश भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, इंडिया स्टैक से जुड़ने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान, भारत की वैक्सीन ने दुनिया को देश के गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा समाधानों का प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया को लाभ पहुँचाने के लिए आरोग्य सेतु ऐप को ओपन सोर्स बनाया गया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति है और अन्य देशों को उनकी अंतरिक्ष आकांक्षाओं को पूरा करने में सहायता कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सार्वजनिक कल्याण के लिए एआई पर काम कर रहा है और अपने अनुभव और विशेषज्ञता को दुनिया के साथ साझा कर रहा है।

आज कई फेलोशिप शुरू करने के लिए आईटीवी नेटवर्क की सराहना करते हुए, श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के युवा विकसित भारत के सबसे बड़े लाभार्थी और हितधारक हैं, इसलिए उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने बच्चों को पाठ्यपुस्तकों से परे सोचने का अवसर प्रदान किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मिडिल स्कूल से ही बच्चे कोडिंग सीख रहे हैं और एआई एवं डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों के लिए तैयारी कर रहे हैं। उभरती हुई तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने वाली अटल टिंकरिंग लैब्स के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में 50,000 नई अटल टिंकरिंग लैब्स बनाने की घोषणा की गई है।

श्री मोदी ने कहा कि समाचार की दुनिया में विभिन्न एजेंसियों की सदस्यता बेहतर समाचार कवरेज में मदद करती है। इसी तरह, शोध के क्षेत्र में छात्रों को यथासंभव अधिक से अधिक सूचना स्रोतों तक पहुंच की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पहले उन्हें उच्च लागत पर विभिन्न पत्रिकाओं की सदस्यता लेनी पड़ती थी, लेकिन सरकार ने “एक राष्ट्र, एक सदस्यता” पहल की शुरुआत करके शोधकर्ताओं को इस चिंता से मुक्त कर दिया है, जिससे देश के प्रत्येक शोधकर्ता के लिए दुनिया भर के प्रसिद्ध पत्रिकाओं तक निशुल्‍क पहुंच सुनिश्चित हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार इस पहल पर 6,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने वाली है। अंतरिक्ष अन्वेषण, जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान या एआई में हर छात्र के लिए सर्वोत्तम शोध सुविधाएं सुनिश्चित करने की सरकार की पहल पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के बच्चे भविष्य के नेता के रूप में उभर रहे हैं। डॉ. ब्रायन ग्रीन की आईआईटी छात्रों के साथ बैठक और अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो की केंद्रीय विद्यालय के छात्रों के साथ बैठक के उल्लेखनीय अनुभवों का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में एक महत्वपूर्ण नवाचार भारत के एक छोटे से विद्यालय से आएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आकांक्षा और दिशा हर वैश्विक मंच पर अपना परचम लहराते देखना है। उन्होंने कहा कि यह छोटी सोच या छोटे कदमों का समय नहीं है। उन्होंने प्रसन्‍नता जताई कि एक मीडिया संस्थान के रूप में न्यूजएक्स वर्ल्ड ने इस भावना को समझा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दस साल पहले, देश के विभिन्न राज्यों तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित किया गया था, लेकिन आज, नेटवर्क ने वैश्विक होने का साहसिक कदम उठाया है। श्री मोदी ने कहा कि यह प्रेरणा और संकल्प हर नागरिक और उद्यमी में मौजूद होना चाहिए। उन्होंने दुनिया भर के हर बाजार, ड्राइंग रूम और डाइनिंग टेबल पर एक भारतीय ब्रांड देखने के अपने दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने कहा कि “मेड इन इंडिया” दुनिया का मंत्र बन जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने अपना सपना व्यक्त किया कि लोग जब बीमार हों तो “हील इन इंडिया” के बारे में सोचें, जब वे शादी की योजना बना रहे हों तो “वेड इन इंडिया” के बारे में सोचें और यात्रा, सम्मेलनों, प्रदर्शनियों और संगीत कार्यक्रमों के लिए भारत को प्राथमिकता दें। उन्होंने अपने भीतर इस सकारात्मक दृष्टिकोण और शक्ति को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला और इस प्रयास में नेटवर्क और चैनल की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि संभावनाएं अनंत हैं और अब यह हम पर निर्भर है कि हम साहस और दृढ़ संकल्प के साथ उन्हें वास्तविकता में बदलें।

श्री मोदी ने कहा कि भारत अगले 25 वर्षों में एक विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। अपने संबोधन के समापन में उन्होंने आईटीवी नेटवर्क को विश्व मंच पर खुद को स्थापित करने के लिए इसी तरह का संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित किया तथा उनकी सफलता पर विश्वास व्यक्त किया।

इस कार्यक्रम में आईटीवी मीडिया नेटवर्क के संस्थापक और राज्यसभा सांसद श्री कार्तिकेय शर्मा, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री महामहिम श्री टोनी एबॉट, श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री महामहिम श्री रानिल विक्रमसिंघे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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