केन्द्रीय ग्रामीण विकास व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में लखपति दीदियों और बहनों के साथ पौधरोपण कर इस दिन को यादगार बनाया। इस मौके पर उन्होंने बहनों से संवाद किया, उनके अनुभव सुने और उनके आत्मनिर्भर बनने के सफर की सराहना की।

श्री चौहान ने सभी बहनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “भारत में हजारों साल पहले कहा गया था—जहां मां, बहन-बेटी का सम्मान होता है, वहीं देवता भी वास करते हैं। हमारे लिए बेटियां और बहनें देवी स्वरूपा हैं, और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है—महिला सशक्तिकरण।”
91 लाख स्वयं-सहायता समूह और 11 करोड़ सशक्त बहनें!
उन्होंने बताया कि आजीविका मिशन के तहत 91 लाख महिला स्वयं-सहायता समूह पूरे देश में सक्रिय हैं, जिनसे 11 करोड़ बहनें जुड़ी हुई हैं। ये समूह 745 जिलों के 7,138 ब्लॉक्स में फैले हुए हैं और महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इन समूहों को अब तक 50 हजार करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है, जबकि बैंकों से 10 लाख 14 हजार करोड़ रुपये सस्ते ब्याज दर पर उपलब्ध कराए गए हैं। इससे बहनों ने हजारों तरह के बिजनेस शुरू किए हैं और आत्मनिर्भर बनी हैं।
“लखपति दीदी” बनने का सपना साकार!
श्री चौहान ने गर्व के साथ कहा कि आज लाखों बहनें बैंक सखी, कृषि सखी, टैक्स सखी और पशु सखी के रूप में काम कर रही हैं। 1.25 करोड़ से अधिक बहनें ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं और प्रधानमंत्री मोदी ने इस संख्या को 3 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
“बहनें अब सिर्फ घर तक सीमित नहीं हैं, वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और समाज में उनका सम्मान बढ़ रहा है।”
राजनीति में भी महिलाओं की मजबूत भागीदारी
श्री चौहान ने आगे कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के माध्यम से बहन-बेटियों का शैक्षणिक सशक्तिकरण हो रहा है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में 33% सीटों पर बहनें ही चुनाव लड़ेंगी।
“ये बहनें सांसद, विधायक, मंत्री बनेंगी और देश के विकास में बड़ी भूमिका निभाएंगी।”
“मोदी है तो मुमकिन है!”
अंत में, श्री चौहान ने संकल्प दोहराया कि भारत की हर बहन आत्मनिर्भर बनेगी, गरीबी से बाहर निकलेगी और अपने परिवार और देश को आगे बढ़ाएगी।
- लखपति दीदी मिशन में तेजी
- आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण
- महिलाओं को 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय सहायता
- 3 करोड़ लखपति दीदियों का लक्ष्य