श्रीलंका के मध्यम से वरिष्ठ स्तर के लोक सेवकों के लिए 7वां क्षमता निर्माण कार्यक्रम 27 मई 2024 को नई दिल्ली में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में श्रीलंका के 40 वरिष्ठ सिविल सेवा अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें उवा प्रांत के मुख्य सचिव, उप मुख्य सचिव, दक्षिणी प्रांत के सहायक विभागीय सचिव, सहायक मुख्य सचिव और निदेशक शामिल थे। इन अधिकारियों ने श्रीलंका के प्रमुख मंत्रालयों जैसे बुद्धशासन, धार्मिक और सांस्कृतिक कार्य मंत्रालय, मत्स्य पालन, जलीय और महासागर संसाधन मंत्रालय, लोक प्रशासन मंत्रालय, प्रांतीय परिषद एवं स्थानीय सरकार, युवा मामले और खेल मंत्रालय, योजना मंत्रालय और आवास आयुक्त विभाग का प्रतिनिधित्व किया।

डिजिटल शासन और पारदर्शिता पर विशेष जोर
कार्यक्रम के समापन सत्र में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव श्री वी. श्रीनिवास, आईएएस मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने भारत में डिजिटल शासन के महत्व और इसकी पारदर्शिता, दक्षता एवं नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS) पर भी चर्चा की, जो नागरिकों की शिकायतों को प्रभावी ढंग से हल करने में सहायक है।
“अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार” की दिशा में प्रयास
श्री श्रीनिवास ने “अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार” की अवधारणा पर भी विचार रखे, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना और नौकरशाही हस्तक्षेप को कम करके सेवाओं की प्रभावशीलता बढ़ाना है। उन्होंने “मिशन कर्मयोगी” की भी चर्चा की, जो लोक सेवकों के कौशल विकास और क्षमता निर्माण पर केंद्रित भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है। इस मिशन के माध्यम से लोक सेवकों को भविष्य की शासन चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण केस स्टडीज़ और नवाचार
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने विभिन्न ज्वलंत विषयों पर अपने अनुभव और केस स्टडीज़ साझा किए, जिनमें शामिल हैं:
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए व्यापक स्वास्थ्य देखभाल योजना
- लोक प्रशासन में प्रभावी कैडर प्रबंधन
- डिजिटलीकरण के माध्यम से सरकारी राजस्व संग्रह को सशक्त बनाना
- धान किसानों के लिए वैकल्पिक कृषि और अतिरिक्त आय के साधन
- “स्वच्छ श्रीलंका” के लक्ष्य को हासिल करने हेतु भ्रष्टाचार से मुकाबला
शैक्षिक और प्रशासनिक अध्ययन यात्राएं
इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों को विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों का दौरा करने का भी अवसर मिला। इसमें मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (IGNFA), वन अनुसंधान संस्थान (FRI) देहरादून शामिल रहे। इसके अलावा, मथुरा के जिला प्रशासन, मंडपम में पीएम गति शक्ति केंद्र, प्रधानमंत्री संग्रहालय, एनडीएमसी (नई दिल्ली नगर पालिका परिषद) और विश्व प्रसिद्ध ताजमहल का भी दौरा किया गया।
संपूर्ण कार्यक्रम का नेतृत्व
इस कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ. एपी सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर एवं पाठ्यक्रम समन्वयक के निर्देशन में किया गया। समापन समारोह में डॉ. एमके भंडारी (एसोसिएट पाठ्यक्रम समन्वयक एवं एनसीजीजी संकाय), श्री संजय दत्त पंत (कार्यक्रम सहायक), मोनिषा बहुगुणा (युवा पेशेवर) और अन्य महत्वपूर्ण टीम सदस्य उपस्थित रहे।
यह क्षमता निर्माण कार्यक्रम भारत और श्रीलंका के बीच प्रशासनिक सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। डिजिटल शासन, पारदर्शिता और नागरिक सेवाओं की दक्षता बढ़ाने के लिए दोनों देशों के लोक सेवकों के अनुभव और ज्ञान का आदान-प्रदान इस कार्यक्रम की एक बड़ी उपलब्धि रही।