केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित तीसरी बिम्सटेक कृषि मंत्रिस्तरीय बैठक (BAMM) में भारत का नेतृत्व किया। इस महत्वपूर्ण बैठक में बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड और भारत सहित बिम्सटेक सदस्य देशों के कृषि मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

यह बैठक क्षेत्रीय कृषि सहयोग को नई दिशा देने का एक अहम अवसर साबित हुई, जहां मत्स्य पालन और पशुधन सहित कृषि क्षेत्र के विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श हुआ।
बिम्सटेक—क्षेत्रीय विकास का एक सशक्त मंच
पिछले एक दशक में बिम्सटेक बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में आर्थिक विकास, संपर्क और सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रभावी मंच बनकर उभरा है। “कृषि और खाद्य सुरक्षा” इसके प्राथमिक सहयोग क्षेत्रों में से एक है। BAMM की यह तीसरी बैठक थी—पहली बैठक म्यांमार में वर्ष 2019 में और दूसरी भारत में 2022 में आयोजित की गई थी।
भारत की प्रतिबद्धता और नीतिगत प्राथमिकताएं
अपने संबोधन में श्री चौहान ने बिम्सटेक को भारत की ‘पड़ोसी पहले’ और ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के अनुरूप बताया। उन्होंने कहा कि बिम्सटेक दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने वाला स्वाभाविक मंच है, जिसमें साझा इतिहास और सांस्कृतिक विरासत हमें एक-दूसरे से जोड़ती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत द्वारा किसानों को सशक्त बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया—जैसे कि प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण, संस्थागत ऋण की पहुंच, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, फसल बीमा योजना और महिलाओं को ड्रोन प्रदान करने के लिए “नमो ड्रोन दीदी” जैसी पहलें।
क्षमता निर्माण और सहयोग की दिशा में भारत के प्रयास
श्री चौहान ने बताया कि भारत ने बीज विकास, पशु स्वास्थ्य और कीट प्रबंधन के क्षेत्र में प्रशिक्षण और कार्यशालाएं आयोजित कर बिम्सटेक कृषि सहयोग (2023-2027) के तहत सक्रिय भूमिका निभाई है। भारत बिम्सटेक देशों के छात्रों को कृषि क्षेत्र में एम.एससी. और पीएचडी के लिए पूर्ण छात्रवृत्तियां भी प्रदान करता है, जो क्षेत्रीय क्षमताओं को विकसित करने में सहायक है।
बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव
भारत ने ‘भारत में कृषि सहयोग के लिए बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र’ की स्थापना का प्रस्ताव भी रखा है, जो कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में बिम्सटेक की प्रतिबद्धताओं के कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाएगा। यह केंद्र सटीक कृषि, प्राकृतिक खेती, जलवायु अनुकूलन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और लैंगिक समानता जैसे क्षेत्रों पर कार्य करेगा और ड्रोन व डिजिटल तकनीकों के माध्यम से ज्ञान व कौशल का आदान-प्रदान सुनिश्चित करेगा।
अंतरराष्ट्रीय रचनात्मकता सम्मेलन में बिम्सटेक की भागीदारी का आह्वान
श्री चौहान ने दिसंबर 2024 में घोषित ‘विश्व ऑडियो विजुअल मनोरंजन शिखर सम्मेलन – 2025’ का उल्लेख किया, जो 1 से 4 मई 2025 के बीच मुंबई में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बिम्सटेक देशों से इस मेगा इवेंट में भाग लेने का आग्रह किया, ताकि रचनात्मकता, नवाचार और तकनीकी सहयोग को नई दिशा मिल सके।
भारत की प्रतिबद्धता: सतत कृषि और खाद्य सुरक्षा की ओर
केंद्रीय मंत्री ने बिम्सटेक कृषि सहयोग की कार्ययोजना को प्रभावी ढंग से लागू करने में सदस्य देशों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की और कृषि, मत्स्य पालन और पशुधन क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
अंत में उन्होंने दोहराया कि भारत, बिम्सटेक क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा, जलवायु अनुकूलन और सतत कृषि विकास के लिए प्रतिबद्ध है, और साझा प्रयासों से इस दिशा में ठोस परिणाम हासिल किए जा सकते हैं।