रायपुर, मंत्रालय (महानदी भवन) में आज एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश के पंचायत, ग्रामीण विकास और कृषि विभाग की योजनाओं की गहन समीक्षा की। इस बैठक में राज्य और केंद्र की समन्वित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की स्थिति पर चर्चा की गई तथा आने वाले समय के लिए विकास की रणनीतियों को लेकर व्यापक विमर्श हुआ।

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने छत्तीसगढ़ सरकार की कार्यशैली और प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हुए कहा कि “राज्य ने कृषि और ग्रामीण विकास में अनुकरणीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि “विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए उन्नत गांव और खुशहाल किसान की संकल्पना को सशक्त बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
अमृत सरोवर योजना को स्थानीय आजीविका से जोड़ने पर बल
बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने ‘अमृत सरोवर योजना’ को ग्रामीण आजीविका से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इससे जहां ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा, वहीं जल संरक्षण के क्षेत्र में भी ठोस परिणाम सामने आएंगे। छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर उन्होंने मनरेगा के तहत श्रमिक बजट के पुनरीक्षण का आश्वासन भी दिया।
ग्रामीण आवास और सड़क योजनाओं की प्रगति की समीक्षा
श्री चौहान ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा करते हुए स्वीकृत आवासों के शीघ्र निर्माण और नवीन सर्वेक्षण के भौतिक सत्यापन को प्राथमिकता देने की बात कही। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रही नियद नेलानार योजना की सराहना की और निर्माण कार्यों की प्रगति पर संतोष जताया।
डिजिटल क्रांति की दिशा में ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र’
केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में प्रारंभ ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों’ की सराहना की और इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि इस मॉडल को अन्य राज्यों में भी अपनाया जाना चाहिए।
कृषि क्षेत्र में नवाचार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता
कृषि क्षेत्र की समीक्षा में श्री चौहान ने पारंपरिक खेती के साथ-साथ पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन जैसे एलाइड क्षेत्रों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता जताई। उन्होंने वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों, जैविक खेती, फसल चक्र, और उन्नत बीजों को अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित करने का आग्रह किया।
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार शीघ्र ही ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ प्रारंभ करने जा रही है, जिसके अंतर्गत वैज्ञानिकों की टीम विभिन्न जिलों का भ्रमण कर किसानों को आधुनिक तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण देगी। इस पहल में राज्य सरकार से सक्रिय सहभागिता की अपेक्षा की गई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने साझा दायित्व का जताया संकल्प
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार कृषि और ग्रामीण विकास को राज्य की रीढ़ मानती है। उन्होंने केंद्र सरकार के सहयोग को अहम बताते हुए कहा कि राज्य के दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों तक विकास की पहुंच बनाना एक साझी जिम्मेदारी है, जिसे छत्तीसगढ़ सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ निभा रही है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि “ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना, डिजिटल सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना और युवाओं को कौशल आधारित रोजगार उपलब्ध कराना ही वास्तविक सुशासन की पहचान है।”
बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, पंचायत विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग के अपर सचिव श्री आर. आनंद, ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव श्री अमित शुक्ला, कृषि मंत्रालय के सलाहकार श्री नवीन कुमार विद्यार्थी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित अनेक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के समापन पर केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वस्त किया कि “केंद्र और राज्य सरकार मिलकर छत्तीसगढ़ को कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में नए शिखर पर ले जाने के लिए कटिबद्ध हैं।” यह बैठक राज्य के ग्रामीण अंचलों में सतत और समावेशी विकास की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगी।