केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 29 मई से आरंभ होने जा रहे ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की घोषणा करते हुए इसे भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “विकसित भारत” के निर्माण के लिए “विकसित कृषि” और “समृद्ध किसान” अत्यंत आवश्यक हैं।

श्री चौहान ने राष्ट्रीय मीडिया केंद्र, नई दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कृषि आज भी भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और यह लगभग आधी आबादी को रोजगार देने के साथ-साथ देश की खाद्य सुरक्षा की नींव भी है।
छह सूत्रीय रणनीति से आगे बढ़ेगा कृषि विकास
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कृषि मंत्रालय की प्राथमिकता देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके लिए मंत्रालय ने छह सूत्रीय रणनीति तैयार की है:
- उत्पादन में वृद्धि
- लागत में कमी
- किसानों को उपयुक्त मूल्य
- प्राकृतिक आपदाओं में क्षति की भरपाई
- कृषि का विविधीकरण और मूल्य संवर्धन
- जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
रिकॉर्ड उत्पादन और भारत को ‘फूड बास्केट ऑफ द वर्ल्ड’ बनाने का लक्ष्य
श्री चौहान ने बताया कि वर्ष 2024-25 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 3309.18 लाख टन तक पहुंच गया है, जो अब तक का रिकॉर्ड है। इसमें दालों का उत्पादन 230.22 लाख टन और तिलहन 416 लाख टन तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ विश्व को भी खाद्य सुरक्षा में सहायता देने की ओर अग्रसर है।
वैज्ञानिकों की 2,170 टीमें करेंगी खेतों में संवाद
इस अभियान के अंतर्गत देशभर में 2,170 वैज्ञानिक टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में कम से कम चार वैज्ञानिक होंगे जो कृषि विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, राज्य सरकारों, एफपीओ और प्रगतिशील किसानों के साथ मिलकर 29 मई से 12 जून तक प्रतिदिन गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद करेंगी।
ये टीमें किसानों को उनकी स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार:
- मिट्टी की गुणवत्ता
- बीज चयन
- बुआई तकनीक
- खाद की सही मात्रा
- जलवायु के अनुकूल फसलें
जैसे विषयों पर वैज्ञानिक जानकारी देंगी। यह संवादात्मक प्रक्रिया होगी ताकि किसान भी अपनी समस्याएं और सुझाव खुलकर साझा कर सकें।
“लैब टू लैंड” की दिशा में क्रांतिकारी पहल
श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का “लैब से खेत तक” का सपना इस अभियान के माध्यम से साकार होगा। 731 कृषि विज्ञान केंद्र और ICAR के 113 संस्थान इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करेंगे। प्रत्येक जिले में तीन टीमें कार्य करेंगी, जो कृषि, बागवानी, पशुपालन और मछली पालन जैसे विविध क्षेत्रों को कवर करेंगी।
1.30 करोड़ किसानों से होगा सीधा संवाद
देशभर के 723 जिलों में यह अभियान 65,000 से अधिक गांवों तक पहुंचेगा और 1.30 करोड़ से अधिक किसानों से सीधा संवाद स्थापित किया जाएगा। इससे न केवल किसानों की समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि भविष्य की अनुसंधान दिशा भी तय की जा सकेगी।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अभिनव और रचनात्मक अभियान को “विज्ञान और किसान” के मिलन का सेतु बताते हुए इसे भारत की कृषि क्रांति की नई शुरुआत करार दिया।