रायबरेली काव्य-रस साहित्य संस्था झारखंड इकाई द्वारा नवविवाहित युगल प्रवीण दानोदिया एवं शारदा देवी के वैवाहिक बंधन की शुभ बेला पर एक स्नेहिल बधाई एवं शुभकामना काव्य-गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया।

मुख्य व विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
गोष्ठी की शोभा स्वयं नवदम्पति प्रवीण दानोदिया एवं शारदा देवी की उपस्थिति से द्विगुणित हुई, जो विशेष रूप से राजस्थान से पधारे थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में रायबरेली मंच के संस्थापक आदरणीय शिवनाथ सिंह ‘शिव’ तथा अध्यक्ष के रूप में आदरणीय सुरेश कुमार बन्छोर ने मंच की शोभा बढ़ाई।
कार्यक्रम संचालन और शुभारंभ
गोष्ठी का संचालन संस्था की अध्यक्ष पूर्णिमा सुमन द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत रुचि अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई, जिसने वातावरण को आध्यात्मिक ऊष्मा प्रदान की।
कवियों की भावविभोर प्रस्तुति
कवियों ने नवदम्पति को समर्पित स्वर्णिम काव्य-पाठ प्रस्तुत कर आयोजन को साहित्यिक ऊँचाइयाँ प्रदान कीं। प्रस्तुत कविताओं के भाव निम्नलिखित हैं:
- रुचि अग्रवाल: “हर लम्हा बनें प्यार का उपहार”
- सुनीता अग्रवाल: “नित-नित मिले खुशियाँ तुम्हें”
- ईश्वर चंद्र जायसवाल: “परिणय मंगलमय बने, दोनों करें कमाल”
- डॉ. वीणा सिंह ‘रागी’: “तुम वही हो संग जिसके नयनन हुए हैं मेरे चार”
- अवधेश कुमार श्रीवास्तव: “सुख आनंद चरण चूमें, मस्त रहें दिन-रात”
- डॉ. संजीदा खानम: “बधाई हो बधाई, दिल से दिल की है सगाई”
- आ. आभा गुप्ता: “भाव लिए मन पावन पुलकित आज खुलेंगे”
- डॉ. शशि जायसवाल: “बात करूं मैं कितनी तुमसे, दिल न भरता हमारा”
- शिवनाथ सिंह ‘शिव’: “दुल्हा स्वयं श्रीराम, दुल्हन माँ सीता है”
- ज्योति वर्मा: “हर पल में प्यार है, हर लम्हे खुशी”
- पूर्णिमा सुमन: “आज शुभ घड़ी में हुई है, इस जोड़ी की शुरुआत”
- सुखराम: “संस्कारी, सुमधुर दाम्पत्य हो”
- शिव कुमार: “उन्नतशील हो सकल जीवन तुम्हारा”
- सुरेश कुमार बन्छोर (अध्यक्ष): “दाम्पत्य सुख अपार दोनों के, सदा अधरों पर हो मुस्कान”
नवदम्पति की भावभीनी प्रतिक्रिया
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि प्रवीण दानोदिया एवं शारदा देवी ने मंच के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए सभी साहित्यकारों के प्रति आभार जताया।
अध्यक्ष सुरेश कुमार बन्छोर ने इस अवसर को “आत्मीय रिश्तों का स्वर्णिम अध्याय” करार दिया।
समापन व आभार
कार्यक्रम का समापन संस्था अध्यक्ष पूर्णिमा सुमन द्वारा भावविभोर आभार प्रकट करते हुए किया गया। उन्होंने झारखंड इकाई के इस आयोजन को सफल बनाने में सभी सहभागी साहित्यकारों एवं सहयोगियों को धन्यवाद देते हुए कहा, “इस वैवाहिक बधाई, मंगलकामना एवं आशीर्वाद समारोह ने नवदम्पति व मंच—दोनों को भावविभोर कर दिया है।”