भारत के विमानन इतिहास में दर्ज होने वाली एक दुखद और दिल दहला देने वाली घटना में, एयर इंडिया का एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान (रजिस्ट्रेशन VT-ANB) उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हादसा सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के महज तीन-चार सेकंड बाद दोपहर 1:38 बजे हुआ।

विमान और यात्री जानकारी
विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य शामिल थे। यात्रियों में 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक मौजूद थे। इस दुर्घटना में विमान में सवार 241 लोगों की मृत्यु की पुष्टि की गई है। इसके अतिरिक्त, विमान गिरने से ज़मीन पर स्थित B.J. मेडिकल कॉलेज, मेघाणी नगर के डॉक्टर्स हॉस्टल को भी गंभीर क्षति पहुँची, जहाँ कम से कम 28 लोगों की मृत्यु हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हुए। इस प्रकार कुल मृतकों की संख्या 269 तक पहुँच गई।
चमत्कारी जीवित बचाव
इस भयावह हादसे में एकमात्र जीवित बचे यात्री, 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश थे, जो सीट 11A पर बैठे थे। चमत्कारिक रूप से वह दुर्घटना से बच गए। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्हें तत्काल अस्पताल पहुँचाया गया और बाद में सुरक्षित घोषित किया गया।
ज़मीनी प्रभाव
विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से B.J. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल भवन को अत्यधिक क्षति पहुँची। घटना के समय परिसर में दर्जनों छात्र, स्टाफ सदस्य और एक गर्भवती महिला भी मौजूद थीं। यह हादसा केवल विमान में ही नहीं, बल्कि ज़मीन पर भी कई परिवारों के लिए जीवनभर का दुख छोड़ गया।
बचाव कार्य और जांच प्रक्रिया
घटना के तुरंत बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), भारतीय वायुसेना (IAF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), एम्बुलेंस और दमकल सेवाएं घटनास्थल पर पहुँच गईं। व्यापक स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किए गए।
बुरी तरह क्षतिग्रस्त शवों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। एयर ट्रैफिक कंट्रोल रिकॉर्ड में दर्ज ‘Mayday’ कॉल और विमान के ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और वॉइस रिकॉर्डर) को भी बरामद कर लिया गया है, जिनके आधार पर विस्तृत जांच जारी है।
प्रारंभिक तकनीकी संकेत
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना के समय विमान का लैंडिंग गियर खुला था और फ्लैप्स उचित स्थिति में नहीं थे। यह टेक-ऑफ के लिए अनुकूल तकनीकी स्थिति नहीं मानी जाती। बोइंग और GE Aerospace दोनों ने तकनीकी सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई है। साथ ही अमेरिका (NTSB, FAA) और ब्रिटेन की एजेंसियाँ भी इस जांच में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि 2011 में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के परिचालन शुरू होने के बाद यह इस मॉडल की पहली घातक दुर्घटना है। मराठी मीडिया रिपोर्ट्स में MCAS (Maneuvering Characteristics Augmentation System) को लेकर भी चिंता जताई गई है, जो इस दुर्घटना के संभावित तकनीकी पहलुओं में से एक हो सकता है।
राजनैतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी अपने देश के नागरिकों की मौत पर दुःख प्रकट करते हुए भारत सरकार से संपर्क बनाए रखने की बात कही।
इस दुर्घटना में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मृत्यु भी हुई, जिससे राज्य में राजनीतिक और सामाजिक शोक की लहर दौड़ गई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सांसद अभिषेक बनर्जी सहित कई राष्ट्रीय नेताओं ने दुर्घटना पर शोक प्रकट करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की।
एयर इंडिया और बोइंग की प्रतिक्रिया
Air India की स्वामित्वाधीन टाटा समूह ने पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। कंपनी ने कहा कि वह हर स्तर पर राहत एवं पुनर्वास कार्यों में सहभागी बनी रहेगी। वहीं बोइंग ने भी हर प्रकार की तकनीकी सहायता और जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग देने का वादा किया है।