राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन व श्री गंगवार, मुख्यमंत्री श्री योगी, केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह भी हुए शामिल

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), बरेली का दीक्षांत समारोह आज राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष गंगवार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी सहित गणमान्यजन उपस्थित थे।

इस अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि हमारी संस्कृति ‘ईशावास्यम् इदं सर्वम्’ के जीवन मूल्य पर आधारित है, जो सभी जीवों में ईश्वर की उपस्थिति को देखती है। हमारे देवताओं और ऋषियों द्वारा पशुओं से संवाद करने की मान्यता भी इसी सोच से जुड़ी है। राष्ट्रपति ने कहा कि मनुष्य का वनों और वन्य जीवों के साथ सह-अस्तित्व का रिश्ता है। उन्होंने कहा कि कई प्रजातियां या तो विलुप्त हो चुकी हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन प्रजातियों का संरक्षण जैव विविधता और पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने मनुष्य को सोचने-समझने की जो शक्ति दी है, उसका उपयोग सभी जीवों के हित के लिए किया जाना चाहिए। कोरोना महामारी ने मानव जाति को चेतावनी दी है कि उपभोग पर आधारित संस्कृति न केवल मानव जाति को बल्कि अन्य जीवों और पर्यावरण को भी अकल्पनीय नुकसान पहुंचा सकती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज दुनियाभर में ‘वन हेल्‍थ’ की अवधारणा को महत्व मिल रहा है। यह अवधारणा मानती है कि मनुष्य, पालतू व जंगली जानवर, वनस्पतियां एवं व्यापक पर्यावरण सभी एक-दूसरे पर निर्भर हैं। हमें पशु कल्याण के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रमुख पशु चिकित्सा संस्थान के रूप में आईवीआरआई इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, खासकर जूनोटिक बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण में। राष्ट्रपति ने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह प्रौद्योगिकी में पशु चिकित्सा और देखभाल में भी क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है। प्रौद्योगिकी के उपयोग से देशभर के पशु चिकित्सालयों को सशक्त बनाया जा सकता है। जीनोम एडिटिंग, भ्रूण स्थानांतरण तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व बिग डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। उन्होंने आईवीआरआई जैसे संस्थानों से पशुओं के लिए स्वदेशी और कम लागत वाले उपचार व पोषण खोजने की अपील की। ​​उन्होंने कहा कि उन्हें उन दवाओं के विकल्प भी तलाशने चाहिए, जिनके दुष्प्रभाव न केवल पशुओं बल्कि मनुष्यों और पर्यावरण को भी प्रभावित करते हैं।

राष्ट्रपति ने आईवीआरआई के छात्रों की इस बात के लिए प्रशंसा की कि उन्होंने बेजुबान जानवरों के इलाज और उनके कल्याण को अपना करियर चुना है। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे अपने जीवन और करियर में किसी दुविधा की स्थिति में उन जानवरों के बारे में सोचें, इससे उन्हें सही रास्ता दिखाई देगा। उन्होंने छात्रों से उद्यमी बनने और पशु विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्ट-अप स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से वे न केवल जरूरतमंदों को रोजगार दे पाएंगे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दे सकते हैं।

समारोह में केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक अब सिर्फ लैब में सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि खेत-खलिहान तक जाकर किसानों से जुड़ेंगे, जिसकी शुरूआत हाल ही में विकसित कृषि संकल्प अभियान के माध्यम से की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आज की रिसर्च प्रयोगशालाओं से निकलकर किसानों-पशुपालकों तक पहुंचे। देश में 300 से अधिक अभिनव कृषि प्रयोग किसानों ने खुद किए हैं, जिन्हें वैज्ञानिकों के सहयोग से और अधिक परिष्कृत करने की आवश्यकता है। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि विकसित भारत का निर्माण हो, इसके लिए विकसित कृषि और समृद्ध किसान आवश्यक है, साथ में पशुपालन क्षेत्र में निरंतर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि रिसर्च पेपर केवल प्रकाशन हेतु नहीं, बल्कि किसानों-पशुपालकों के जीवन में बदलाव लाने के लिए होना चाहिए। श्री शिवराज सिंह ने कहा कि आईवीआरआई केवल संस्था नहीं, बल्कि यह भारत की ग्रामीण जीवनशैली, पशुपालन संस्कृति व वैज्ञानिक सोच का आधार है। संस्थान ने टीका अनुसंधान, उन्नत नस्ल विकास, दुग्ध उत्पादन और पशुपालन में ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जिनसे न केवल भारत, बल्कि विश्व को भी नई दिशा मिली है।  

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है, पशुपालन के बिना कृषि की कल्पना अधूरी है। पशुपालन के बिना खेती लाभ का धंधा नहीं बन सकती। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि ये दीक्षांत समारोह नहीं, बल्कि सेवा के संकल्प का शुभारंभ है। यह केवल डिग्री नहीं बल्कि देश, समाज, किसान और पशुपालक कल्याण की जिम्मेदारी है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के उद्धरणों के माध्यम से छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि आप अकेले नहीं हैं, आप राष्ट्र के भविष्य हैं। आप जो सोचेंगे, वही बनेंगे। देश को ऐसे वैज्ञानिकों की जरूरत है, जो ज्ञान को सेवा में बदलें। समारोह में 576 छात्रों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उपाधियां और 24 को पदक प्रदान किए गए। श्रीमती आनंदीबेन पटेल, श्री संतोष गंगवार, श्री योगी आदित्यनाथ और अन्य अतिथियों ने भी विचार व्यक्त किए।

आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »