शहर के सतत और सुव्यवस्थित विकास के लिए नगर निगम अलीगढ़ ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए निर्माण कार्यों से संबंधित व्यापक और कठोर नियमों की नई श्रृंखला को लागू किया है। नगर आयुक्त श्री प्रेम प्रकाश मीणा द्वारा अनुमोदित इन दिशा-निर्देशों का मूल उद्देश्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना, कार्यों की समयबद्ध पूर्ति सुनिश्चित करना तथा ठेकेदारों की जवाबदेही तय करना है। नगर निगम द्वारा लिए गए इस निर्णय से शहर में चल रहे सभी प्रकार के निर्माण कार्यों में अनुशासन, पारदर्शिता और तकनीकी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

सुधार की दिशा में कदम
नगर आयुक्त ने बताया कि अब नगर निगम निर्माण विभाग द्वारा प्रत्येक कार्य से पहले ठेकेदार से यह सुनिश्चित कराया जाएगा कि वे नए नियमों का पालन करने को बाध्य होंगे।
मुख्य निर्णय एवं नई प्रणाली की प्रमुख:
- गुणवत्ता की पुष्टि हेतु थर्ड पार्टी जांच का प्रावधान
- ₹50 लाख या उससे अधिक लागत वाले सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच अब IIT जैसे प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान द्वारा की जाएगी।
- ₹50 लाख से कम राशि के निर्माण कार्यों के मटेरियल की टेस्टिंग लोक निर्माण विभाग (PWD), अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) या सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सी आर आर आई), नई दिल्ली से कराई जाएगी।
- अनुबंध निष्पादन की समय सीमा और अर्थदंड की व्यवस्था
- निर्माण कार्य का सूचना पत्र (LoA) जारी होने के 10 दिन के भीतर परफॉर्मेंस गारंटी जमा कर अनुबंध करना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर प्रतिदिन ₹1000 का अर्थदंड लगेगा।
- 30 दिन के भीतर भी अनुबंध न करने की स्थिति में LoA निरस्त, जमानत राशि जब्त, और ठेकेदार को काली सूची (Blacklist) में डाला जाएगा।
- आर्थिक दंड
- कार्य की देरी होने पर प्रति सप्ताह 1% की दर से जुर्माना लगाया जाएगा।
- अधिकतम 10% तक का दंड अनुबंधित राशि पर लागू होगा।
- यह वसूली परफॉर्मेन्स सिक्योरिटी, चालू देयक या अन्य जमा राशि से की जाएगी।
- न्यूनतम निविदा और अतिरिक्त परफॉर्मेन्स गारंटी का निर्धारण
- स्वीकृत लागत से 10% तक कम दर पर निविदा होने पर, परफॉर्मेन्स सिक्योरिटी 3% तक सीमित रहेगी।
- यदि 10% से अधिक की कमी हो तो हर अतिरिक्त प्रतिशत के अनुपात में 1% अतिरिक्त परफॉर्मेन्स गारंटी देनी होगी।
- परफॉर्मेन्स गारंटी जमा न करने पर धरोहर राशि जब्त की जाएगी।
- सीसी (C.C.) एवं इंटरलॉकिंग द्वारा बनी सड़कों का निर्माण पूरा होने के बाद 5 वर्षों तक अनुरक्षण की जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी।
- परियोजना लागत की 5% राशि परफॉर्मेन्स गारंटी के रूप में रोकी जाएगी और रख-रखाव संतोषजनक होने पर ही भुगतान होगा।
- हॉटमिक्स एवं अन्य सिविल कार्यों की रख-रखाव अवधि कम से कम 2 वर्ष होगी। इन कार्यों के अनुरक्षण हेतु अतिरिक्त भुगतान नहीं दिया जाएगा।
नगर आयुक्त का बयान
नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने स्पष्ट किया कि इस नई व्यवस्था से निर्माण कार्यों में तेजी आने के साथ-साथ मानक गुणवत्ता में पारदरिश्ता आने के कारण जन आकांक्षाओं के अनुरूप शहर में विकास कार्य हो सकेंगे
उन्होंने कहा इस नई व्यवस्था से नगर निगम अब निर्माण में लेट लतीफी, अनुबंध में देरी, घटिया सामग्री का प्रयोग, रख-रखाव में लापरवाही जैसी समस्याओं को सख्ती से रोकेगा। नगर आयुक्त ने कहा नई व्यवस्था से निर्माण कार्यों में पारदर्शिता आने के साथ-साथ निर्धारित समय अवधि में शहर में चौमुखी विकास कार्यों को गति मिलेगी।
महापौर का बयान
महापौर प्रशांत सिंघल ने कहा इस नई प्रणाली के लागू होने से अलीगढ़ नगर निगम की निर्माण प्रक्रिया में बुनियादी सुधार होगा। जहां एक ओर समयबद्ध कार्य होंगे, वहीं दूसरी ओर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी। ठेकेदारों की जवाबदेही बढ़ेगी, भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और नागरिकों को मजबूत, टिकाऊ निर्माण कार्य होंगे।
उन्होंने कहा नगर आयुक्त का यह कदम नगर निगम अलीगढ़ को एक उत्तरदायी और प्रगतिशील नगर निगम के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।