प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में आयोजित उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो 2025 का उद्घाटन किया और इसे भारत के आर्थिक, औद्योगिक और आत्मनिर्भरता के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देश-विदेश से आए 2,200 से अधिक प्रदर्शकों, निवेशकों, उद्यमियों और युवा प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए इस आयोजन को “भारत के उद्यम और नवाचार की नई ऊर्जा” का प्रतीक बताया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में उल्लेख किया कि इस बार व्यापार शो में रूस भागीदार देश के रूप में शामिल हुआ है, जिससे दोनों देशों के ऐतिहासिक और समय की कसौटी पर खरे उतरे रिश्ते और मजबूत होंगे। उन्होंने इस आयोजन के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य सरकार को बधाई दी।

अंत्योदय और समावेशी विकास की अवधारणा
श्री मोदी ने कहा कि यह व्यापार शो पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है, जिनकी विचारधारा अंत्योदय — अर्थात समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान — पर आधारित थी। प्रधानमंत्री ने कहा, “विकास तभी सच्चा होता है जब वह समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और किसी भी प्रकार का भेदभाव समाप्त करे। आज भारत यही मॉडल दुनिया के सामने प्रस्तुत कर रहा है।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि भारत का फिनटेक क्षेत्र आज वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है और इसका सबसे बड़ा योगदान समावेशी विकास को गति देने में है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने यूपीआई, आधार, डिजिलॉकर और ओएनडीसी जैसे खुले डिजिटल मंच तैयार किए हैं जो सबके लिए समान अवसर प्रदान करते हैं। “सबके लिए मंच, सबकी प्रगति” के मंत्र को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि आज मॉल में खरीदारी करने वाला ग्राहक हो या सड़क किनारे चाय बेचने वाला दुकानदार – सभी यूपीआई का उपयोग कर रहे हैं।
सरकारी ई-मार्केटप्लेस और एमएसएमई की क्रांति
प्रधानमंत्री ने सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) को परिवर्तनकारी कदम बताते हुए कहा कि पहले सरकार को सामान बेचना केवल बड़े व्यापारियों तक सीमित था। आज, करीब 25 लाख विक्रेता और सेवा प्रदाता इस पोर्टल से जुड़े हैं। इनमें लाखों छोटे व्यापारी और उद्यमी भी शामिल हैं जो अब सीधे सरकार को उत्पाद बेच सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अब तक जेम के माध्यम से 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वस्तुओं और सेवाओं की खरीदारी की जा चुकी है, जिसमें से 7 लाख करोड़ रुपये की खरीद एमएसएमई और छोटे उद्योगों से की गई है। “पहले के दौर में यह स्थिति अकल्पनीय थी। आज देश के दूरस्थ गांवों के व्यापारी भी जेम पर उत्पाद बेच रहे हैं – यही अंत्योदय का सार है,” उन्होंने कहा।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सशक्त कदम
प्रधानमंत्री ने भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य पर जोर देते हुए कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की विकास यात्रा मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा, “व्यवधान भारत को भटकाते नहीं हैं, वे नई दिशाएं प्रदान करते हैं।” उन्होंने आत्मनिर्भर भारत को देश का मार्गदर्शक मंत्र बताते हुए कहा कि “दूसरों पर निर्भरता से बड़ी कोई लाचारी नहीं होती।”
श्री मोदी ने उद्यमियों और व्यापारियों से ऐसे व्यावसायिक मॉडल तैयार करने का आह्वान किया जो भारत की आत्मनिर्भरता को सशक्त बनाएं। उन्होंने कहा कि “चिप से लेकर जहाज तक, सब कुछ भारत में ही बनना चाहिए।” सरकार ने कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए 40,000 से अधिक अनुपालन नियमों को समाप्त किया है और कई छोटे-मोटे उल्लंघनों को अपराधमुक्त कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने निर्माताओं से गुणवत्ता पर कोई समझौता न करने की अपील की और कहा कि आज हर भारतीय गर्व से “यह स्वदेशी है” कहने लगा है। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने का आह्वान करते हुए कहा कि अब समय है कि स्वदेशी उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जाए।
अनुसंधान और नवाचार में निजी क्षेत्र की भूमिका
प्रधानमंत्री ने अनुसंधान और नवाचार में निजी निवेश को समय की मांग बताया। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही आवश्यक ढांचा तैयार कर चुकी है, अब निजी क्षेत्र को आगे आना होगा। “स्वदेशी अनुसंधान, डिजाइन और विकास के लिए एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना अनिवार्य है,” उन्होंने कहा।
उत्तर प्रदेश की बढ़ती औद्योगिक ताकत
श्री मोदी ने उत्तर प्रदेश को “भारत की आर्थिक प्रगति का इंजन” बताते हुए कहा कि हाल के वर्षों में राज्य में हुई संपर्क क्रांति ने रसद लागत को कम किया है। उत्तर प्रदेश अब देश में सबसे अधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य है और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या के मामले में भी अग्रणी है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में आज दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल उत्पादन केंद्र के रूप में उभर रहा है और देश में बनने वाले लगभग 55 प्रतिशत मोबाइल फोन यहीं निर्मित होते हैं। जल्द ही राज्य में एक प्रमुख सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई भी शुरू होगी, जिससे भारत की आत्मनिर्भरता को नई गति मिलेगी।

रक्षा क्षेत्र का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सशस्त्र बल अब स्वदेशी समाधान चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में एक रक्षा गलियारा विकसित किया जा रहा है जहां ब्रह्मोस मिसाइलों और अन्य हथियार प्रणालियों का निर्माण शुरू हो चुका है। रूस के सहयोग से स्थापित संयंत्र में जल्द ही एके-203 राइफलों का निर्माण भी शुरू होगा।
कर सुधारों से बढ़ी आमजन की बचत
प्रधानमंत्री ने हाल ही में लागू अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इनसे व्यापार और आम नागरिक दोनों को बड़ा लाभ होगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से पहले ₹1,000 की शर्ट पर ₹170 कर लगता था, जो जीएसटी के बाद ₹50 रह गया और अब नई दरों के साथ केवल ₹35 है।
उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं पर कर में भारी कमी से परिवारों को हर साल हजारों रुपये की बचत हो रही है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में ₹1 लाख की वस्तुओं पर परिवार को ₹20,000–₹25,000 कर देना पड़ता था, जबकि अब केवल ₹5,000–₹6,000 ही देना होता है।
प्रधानमंत्री ने किसानों और गरीबों के लिए भी कर सुधारों को लाभकारी बताया। ट्रैक्टर पर कर ₹70,000 से घटकर ₹30,000 रह गया है, जिससे किसानों को ₹40,000 की बचत होती है। तिपहिया वाहनों पर कर ₹55,000 से घटकर ₹35,000 हो गया है। वहीं स्कूटर और मोटरसाइकिल अब क्रमशः ₹8,000 और ₹9,000 सस्ते हो गए हैं।
उन्होंने विपक्षी दलों पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकारों के समय करों का बोझ अत्यधिक था, जबकि वर्तमान सरकार ने करों में कमी की, मुद्रास्फीति पर नियंत्रण किया और नागरिकों की आय व बचत दोनों में वृद्धि की। उन्होंने कहा कि 12 लाख रुपये तक की आय को कर-मुक्त करने और जीएसटी सुधारों से इस वर्ष नागरिकों को ₹2.5 लाख करोड़ की बचत होगी।
भारत: निवेश के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में सुधारों की मजबूत इच्छाशक्ति है, जो लोकतांत्रिक स्थिरता, नीतिगत पूर्वानुमान और विशाल कुशल कार्यबल के कारण संभव हो पाई है। उन्होंने कहा कि भारत का युवा उपभोक्ता आधार और प्रतिभा विश्व में बेजोड़ है। “जो भी अपनी वृद्धि को गति देना चाहता है, उसके लिए भारत और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश निवेश के लिए सर्वोत्तम स्थान है,” उन्होंने कहा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन इस विश्वास के साथ किया कि सामूहिक प्रयासों से एक विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश का निर्माण निश्चित रूप से संभव होगा। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह आयोजन भारत के आर्थिक और औद्योगिक उत्थान की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ समेत कई केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, उद्योगपति और विदेशी प्रतिनिधि उपस्थित रहे।