भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने शनिवार को “पर्यटन और सतत परिवर्तन” विषय पर केंद्रित विश्व पर्यटन दिवस 2025 का भव्य आयोजन किया। इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी मुख्य अतिथि रहे, जबकि पर्यटन, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री सुरेश गोपी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। समारोह में सरकार, उद्योग, शिक्षा जगत और नागरिक समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

पर्यटन: केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि विकास का सशक्त माध्यम
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यटन केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह आर्थिक परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समावेशन का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए परिवहन, शहरी ढाँचा, डिजिटल तकनीक और बुनियादी ढाँचे में अभिसरण जरूरी है।
भारत के “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक हरित, समावेशी और भविष्य के अनुकूल पर्यटन मॉडल आवश्यक है, जिसमें समुदाय केवल भागीदार ही नहीं बल्कि लाभार्थी भी हों।
सतत पर्यटन की दिशा में भारत की नीतियाँ और पहलें
पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेश गोपी ने कहा कि भारत सरकार ने पर्यटन को सतत विकास से जोड़ने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ शुरू की हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- स्वदेश दर्शन 2.0 – थीम आधारित सर्किटों का विकास
- प्रसाद योजना – धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों का समग्र विकास
- पर्यावरण-अनुकूल आवास और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा
- नए डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पर्यटन सेवाओं का आधुनिकीकरण
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि पर्यटन अकेले नहीं बढ़ सकता, इसके लिए परिवहन, बुनियादी ढाँचा और संबद्ध सेवाओं के साथ मजबूत जुड़ाव आवश्यक है। उड़ान जैसी पहलें और एकीकृत मल्टी-मॉडल परिवहन केंद्रों से पर्यटन स्थलों तक पहुँच आसान हो रही है।

नई साझेदारियाँ और डिजिटल प्रगति
इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए:
| साझेदार | उद्देश्य |
|---|---|
| Netflix | सिनेमाई कहानियों और वैश्विक पहुँच के माध्यम से भारतीय पर्यटन स्थलों का प्रचार |
| अतिथि फाउंडेशन एवं OTAs | डेटा-आधारित नीतिगत निर्णय, रणनीतिक अनुसंधान और यात्रियों की प्रतिक्रिया संग्रह |
साथ ही, परियोजना प्रबंधन सूचना प्रणाली (PMIS) प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया गया, जो पर्यटन परियोजनाओं की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
मंत्रालय ने “भारत पर्यटन डेटा संकलन” का 66वाँ संस्करण भी जारी किया, जिसमें आगमन, रोजगार और आर्थिक योगदान से संबंधित विस्तृत आँकड़े शामिल हैं।

वैश्विक परिदृश्य में भारत की सशक्त उपस्थिति
| सूचकांक | आँकड़े (2024) |
|---|---|
| विश्व स्तर पर कुल पर्यटक आगमन | 1,465 मिलियन |
| भारत में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आगमन | 20.57 मिलियन |
| भारत की हिस्सेदारी | 1.40% |
| वैश्विक पर्यटन राजस्व में भारत का योगदान | 2.02% |
| पर्यटन से विदेशी मुद्रा आय | US$ 35.02 बिलियन |
भारत की वैश्विक रैंकिंग में भी निरंतर सुधार हो रहा है। 2001 में भारत 51वें स्थान पर था, जबकि 2024 में यह 20वें स्थान पर पहुँच गया।
भारत का विदेशी मुद्रा अर्जन 2001 के US$ 3.20 बिलियन से बढ़कर 2024 में US$ 35.02 बिलियन हो गया।
भारत में पर्यटन के आँकड़े (2024)
विदेशी पर्यटक आगमन (FTAs)
| वर्ष | विदेशी पर्यटक आगमन (मिलियन) | वृद्धि (%) |
|---|---|---|
| 2019 | 10.93 | – |
| 2020 | 2.74 | -74.93 |
| 2023 | 9.51 | +47.67 |
| 2024 | 9.95 | +4.52 |
- औसत ठहराव अवधि: 18.12 दिन
- हवाई मार्ग से आगमन: 83.41%
- शीर्ष स्रोत देश: अमेरिका (18.13%), बांग्लादेश (17.59%), यूके (10.28%)
घरेलू पर्यटन
| वर्ष | घरेलू पर्यटक यात्राएँ (मिलियन) | वृद्धि (%) |
|---|---|---|
| 2023 | 2508.82 | – |
| 2024 | 2948.19 | +17.51 |
- शीर्ष राज्य: उत्तर प्रदेश (646.81 मिलियन), तमिलनाडु (306.84 मिलियन)
- शीर्ष स्मारक: ताजमहल (62.6 लाख घरेलू पर्यटक, 6.45 लाख विदेशी)
क्षेत्रवार विदेशी पर्यटक आगमन (2024)
| क्षेत्र | आगमन | प्रतिशत |
|---|---|---|
| एशिया और प्रशांत | 42,79,663 | 43.00% |
| यूरोप | 26,57,441 | 26.70% |
| अमेरिका | 23,72,058 | 23.84% |
| अफ्रीका | 3,38,605 | 3.40% |
| मध्य पूर्व | 2,95,511 | 2.97% |
पर्यटन से आर्थिक और सामाजिक योगदान
- 2023–24 में पर्यटन क्षेत्र ने 84.63 मिलियन रोजगार सृजित किए।
- भारत के GDP में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 5.22% रहा।
- भारत अब विश्व में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन में 20वें स्थान पर है।
भविष्य की दिशा: सतत, समावेशी और नवाचारी पर्यटन
कार्यक्रम में उच्च स्तरीय पैनल चर्चाओं में सड़क, विमानन, रेलवे और जलमार्ग मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने बहु-मॉडल संपर्क, एआई/एआर/वीआर, डिजिटल ट्विन्स और गंतव्य प्रबंधन संगठनों (DMOs) के महत्व पर प्रकाश डाला। महाकुंभ 2025 और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसी परियोजनाओं को सतत पर्यटन विकास के उत्कृष्ट उदाहरणों के रूप में प्रस्तुत किया गया।