पाठशाला मस्ती की – हँसी, सीख और संवेदना से सजी बाल कहानियों की अद्भुत पाठशाला

संजीव जायसवाल ‘संजय’ की पुस्तक “पाठशाला मस्ती की” दस रोचक बाल कहानियों का ऐसा संग्रह है जो बच्चों को हँसी के साथ जीवन के मूल्यों से जोड़ता है। सहज भाषा, आधुनिक संदर्भ और जीवंत पात्रों से सजी यह पुस्तक बच्चों के लिए एक सच्ची “मस्तीभरी पाठशाला” है—जहाँ हर कहानी में सीख और मुस्कान साथ चलती है। बाल साहित्य की दुनिया में संजीव जायसवाल ‘संजय’ एक ऐसा नाम है जो कल्पना, हास्य और जीवन-मूल्यों को बच्चों की सरल भाषा में ढालने की असाधारण क्षमता रखते हैं। उनका नया बाल कहानी संग्रह डायमंड पॉकेट बुक्स द्वारा प्रकाशित पुस्तक “पाठशाला मस्ती की” इस परंपरा को और समृद्ध करता है। यह पुस्तक केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि बाल मन के भीतर छिपे नैतिक और भावनात्मक आयामों को उजागर करने वाला एक सजीव पाठशाला अनुभव है—जहाँ मस्ती के साथ सीखने का मज़ा दोगुना हो जाता है। ‘पाठशाला मस्ती की’ में कुल दस मनोरंजक कहानियाँ संकलित हैं—फंस गया शेर, अच्छे वाले चिंटू भैया, बैंड-बाजा-बारात डॉट कॉम, पलटू का गोदाम, हाथी का मोबाइल, चूहेराम ने देखा सर्कस, हनी-डॉट-कॉम, मस्ती की पाठशाला, घंटी नहीं सी.सी.टी.वी., ताकत का इंजेक्शन।

पाठशाला मस्ती की
पाठशाला मस्ती की

हर कहानी में हास्य, रोमांच, संवेदना और जीवन के छोटे-छोटे सबक समाहित हैं। लेखक ने बाल मन की जिज्ञासा, हास्य और सीखने की प्रवृत्ति को जिस सहजता से पिरोया है, वह पुस्तक को बच्चों और शिक्षकों दोनों के लिए विशेष बनाता है। ‘फंस गया शेर’ हास्य और बुद्धिमत्ता से भरी अद्भुत कथा पहली कहानी “फंस गया शेर” बेहद मनोरंजक है। शरारती चिम्पू बंदर और शेर सिंह की घटनाएँ पंचतंत्र की याद दिलाती हैं। शेर जब चिम्पू की नकल में पेड़ के छेद में फँस जाता है और भालू दादा की “गुदगुदी” तरकीब से बाहर निकलता है, तो बच्चे हँसते-हँसते सीखते हैं कि मुसीबत का समाधान ताकत से नहीं, समझदारी से निकलता है। कथानक, भाषा और शैली संजीव जायसवाल ‘संजय’ की भाषा में सरलता में गहराई है। कथानक तेज़ गति से चलता है, हास्य सहज है और हर कहानी के अंत में एक स्वाभाविक सीख उभरती है।

पात्रों की बातचीत बच्चों के दैनिक जीवन से जुड़ी है जो पाठक को शुरुआत से अंत तक बाँधे रखती है। चित्रांकन और प्रस्तुति पुस्तक के साथ किए गए आकर्षक चित्रांकन इसे बच्चों के लिए और रोचक बनाते हैं। हर कहानी के साथ जुड़े रंगीन चित्र न केवल दृश्यात्मक आनंद देते हैं बल्कि बच्चों को पढ़ने की आदत से भी जोड़ते हैं। आधुनिक विषय और विविधता ‘हाथी का मोबाइल’, ‘हनी-डॉट-कॉम’ और ‘घंटी नहीं सी.सी.टी.वी.’ जैसी कहानियाँ आज के डिजिटल युग से जुड़ी हैं। इन कहानियों के माध्यम से लेखक बच्चों को सिखाते हैं कि तकनीक उपयोग का साधन है, उद्देश्य नहीं और सच्ची ताकत ईमानदारी, दोस्ती और करुणा में है। बाल मनोविज्ञान की गहराई संग्रह की हर कहानी में बाल मन की जिज्ञासा और कल्पनाशीलता झलकती है। लेखक बच्चों की प्रवृत्तियों को नकारात्मक नहीं, बल्कि रचनात्मक दिशा में मोड़ते हैं।

इसीलिए यह पुस्तक केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन के व्यवहारिक पाठों की पाठशाला है। संजीव जायसवाल ‘संजय’ की साहित्यिक यात्रा अत्यंत समृद्ध रही है अब तक 24 कहानी संग्रह, 14 उपन्यास, 3 व्यंग्य संग्रह और 33 चित्रकथाएँ प्रकाशित। 1250 से अधिक रचनाएँ प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारत सरकार का ‘भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार’ (दो बार), ‘बाल साहित्य भारती पुरस्कार’ (2018), ‘प्रेमचंद पुरस्कार’ (रेल मंत्रालय, 2015) सहित अनेक सम्मान। उनकी रचनाओं का अनुवाद 160 से अधिक भाषाओं में हुआ है। भाषा, हास्य और नैतिकता का संतुलन ‘पाठशाला मस्ती की’ की सबसे बड़ी खूबी यही है कि यह बच्चों को हँसते-हँसते सिखाती है। न कहीं उपदेशात्मक बोझ है, न जटिल भाषा।

संजीव जायसवाल ‘संजय’

कहानियाँ मनोरंजन के साथ-साथ यह संदेश देती हैं कि गलतियाँ जीवन का हिस्सा हैं—उनसे सीखना ही असली समझदारी है। संजीव जायसवाल ‘संजय’ की ‘पाठशाला मस्ती की’ एक ऐसी बाल पुस्तक है जिसमें हँसी भी है, सीख भी है, कल्पना भी है, यथार्थ भी है, और सबसे बढ़कर मूल्य हैं, जो बच्चे को मनुष्य बनाते हैं। यह पुस्तक केवल कहानियों का संग्रह नहीं बल्कि ‘मस्ती के साथ जीवन के सबक सिखाने वाली पाठशाला’ है। संजीव जायसवाल ‘संजय’ की यह कृति बाल साहित्य के क्षेत्र में एक मील का पत्थर कही जा सकती है ऐसी पुस्तक जिसे हर माता-पिता को अपने बच्चों को पढ़ने के लिए अवश्य देना चाहिए।

“पाठशाला मस्ती की” में संजीव जायसवाल ‘संजय’ ने बालमन की सहजता, हास्य और नैतिकता को इस तरह बुना है कि पाठक कहानी के अंत तक मुस्कुराता भी है और सोचता भी है। यह पुस्तक बच्चों के लिए ‘सीखने की खुशी’ और ‘हँसी की समझदारी’ दोनों साथ लाती है।

पुस्तक: पाठशाला मस्ती की

लेखक: संजीव जायसवाल ‘संजय’

प्रकाशक: डायमंड पॉकेट बुक्स

समीक्षक: उमेश कुमार सिंह

उमेश कुमार सिंह
उमेश कुमार सिंह
आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »