महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पोषण अभियान और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) से जुड़ी सहायता सेवाओं को और अधिक सुलभ एवं यादगार बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। मंत्रालय ने इन दोनों प्रमुख योजनाओं के लिए नया टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1515 जारी किया है, जो 1 नवंबर, 2025 से प्रभावी होगा। यह नया नंबर अब तक उपयोग किए जा रहे हेल्पलाइन नंबर 14408 की जगह लेगा।


सहायता सेवाओं को सरल और सुलभ बनाने की दिशा में कदम
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का यह निर्णय लाभार्थियों तक सहायता सेवाओं की पहुँच को आसान बनाने और हेल्पलाइन सिस्टम को अधिक उपयोगकर्ता-मित्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार, नया नंबर 1515 छोटा, यादगार और कॉल रिकॉल के लिहाज से अधिक सुविधाजनक है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लाभार्थी बिना किसी परेशानी के योजनाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
ट्रांजिशन पीरियड के दौरान अस्थायी व्यवस्था
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि नए हेल्पलाइन नंबर पर पूरी तरह से बदलाव के दौरान एक संक्रमण अवधि (Transition Period) रह सकती है। इस अवधि में यदि किसी कारणवश कॉल करने वाले नए नंबर 1515 से संपर्क नहीं कर पाते हैं, तो वे पुराने नंबर 14408 का उपयोग जारी रख सकते हैं। इस अस्थायी व्यवस्था का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी लाभार्थी को सहायता प्राप्त करने में बाधा न आए।
एकीकृत हेल्पलाइन: दोनों योजनाओं के लिए एक ही संपर्क केंद्र
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा है कि नया हेल्पलाइन नंबर 1515 एक एकीकृत संपर्क केंद्र (Single Contact Point) के रूप में कार्य करेगा। यह केंद्र पोषण अभियान और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी, शिकायत निवारण, और परामर्श सेवाएं प्रदान करेगा।
इस कदम से दो प्रमुख राष्ट्रीय योजनाओं के बीच संचार और समन्वय को मजबूत बनाने के साथ-साथ लाभार्थियों को एकीकृत सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
पोषण और पीएमएमवीवाई – मातृ एवं बाल कल्याण के दो सशक्त स्तंभ
पोषण अभियान, जिसे ‘राष्ट्रीय पोषण मिशन’ के रूप में भी जाना जाता है, का उद्देश्य देशभर में कुपोषण की समस्या को समाप्त करना, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों में पोषण संबंधी सुधार लाना है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) एक केंद्र-प्रायोजित योजना है, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ताकि गर्भावस्था और प्रसव के दौरान उनकी पोषण संबंधी जरूरतें पूरी हो सकें।
इन दोनों योजनाओं का संयुक्त उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और कल्याण को सशक्त बनाना है। नए हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से मंत्रालय यह सुनिश्चित करना चाहता है कि हर लाभार्थी को समय पर जानकारी और सहायता मिल सके।
मंत्रालय की प्रतिबद्धता: सुचारू संचार और निर्बाध सहायता
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा है कि हेल्पलाइन नंबरों का एकीकरण केवल एक तकनीकी परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह नागरिक-केंद्रित शासन (Citizen-Centric Governance) की दिशा में एक ठोस कदम है। मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि वह देशभर के सभी लाभार्थियों के लिए सुचारू संचार और निर्बाध सहायता प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।