भारत और नेपाल ने विद्युत क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ किया: नई परियोजनाओं से ऊर्जा सुरक्षा और क्षेत्रीय एकीकरण को मिलेगा बल

भारत और नेपाल के बीच ऊर्जा सहयोग को एक नई दिशा देते हुए नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री श्री कुलमन घीसिंग ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय विद्युत एवं आवास और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल से भेंट की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच विद्युत क्षेत्र में चल रहे सहयोग को और मज़बूत करने तथा भविष्य की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई।

बैठक में नेपाल में चल रही जलविद्युत परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई और क्षेत्रीय ग्रिड कनेक्टिविटी को और मज़बूत करने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ। दोनों पक्षों ने सीमा पार बिजली व्यापार को सुगम बनाने, ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने और स्वच्छ ऊर्जा संसाधनों के साझा उपयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में एकीकृत कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की।

बैठक के दौरान भारत के महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) पावरग्रिड और नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) के बीच संयुक्त उद्यम (Joint Venture) एवं शेयरधारक समझौतों (Shareholder Agreements) पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों के तहत उच्च क्षमता वाली सीमा-पार विद्युत पारेषण अवसंरचना के विकास के लिए दो संयुक्त उद्यम संस्थाओं — एक भारत में और एक नेपाल में — के गठन का निर्णय लिया गया।

प्रस्तावित सीमा-पार पारेषण प्रणाली परियोजनाओं में इनारुवा (नेपाल) – न्यू पूर्णिया (भारत) 400 केवी डबल सर्किट (क्वाड मूस) पारेषण लिंक तथा लमकी (डोडोधारा) (नेपाल) – बरेली (भारत) 400 केवी डबल सर्किट (क्वाड मूस) पारेषण लिंक का विकास शामिल है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर भारत और नेपाल के बीच बिजली के आदान-प्रदान की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे दोनों देशों में ग्रिड की स्थिरता और दक्षता बढ़ेगी तथा क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को भी सुदृढ़ता प्राप्त होगी।

इन परियोजनाओं के माध्यम से भारत और नेपाल के बीच स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी को नई गति मिलेगी। यह सहयोग न केवल दोनों देशों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होगा, बल्कि दक्षिण एशिया में स्वच्छ और सतत ऊर्जा के एक साझा बाजार के निर्माण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।

केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि “भारत और नेपाल के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग दोनों देशों के नागरिकों के लिए सतत विकास और आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा। सीमा-पार पारेषण अवसंरचना का विकास हमारे साझा भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में मील का पत्थर सिद्ध होगा।”

नेपाल के ऊर्जा मंत्री श्री कुलमन घीसिंग ने इस अवसर पर कहा कि “भारत-नेपाल ऊर्जा साझेदारी केवल विद्युत व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्षेत्रीय एकता, तकनीकी सहयोग और दीर्घकालिक ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त पहल है।”

भारत और नेपाल के बीच यह बढ़ता सहयोग दशकों पुराने राजनयिक संबंधों और सतत विकास की साझा प्रतिबद्धता को और गहरा करता है। यह साझेदारी भविष्य में दोनों देशों के लिए ऊर्जा क्षेत्र में अवसरों का विस्तार करेगी और क्षेत्रीय स्थिरता व समृद्धि को मज़बूत आधार प्रदान करेगी।

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